बच्चों, महिलाओं और समुदाय के विकास एवं उत्थान के लिए नंदघरों की सराहना
उदयपुर। राजस्थान सरकार ने वेदांता के अनिल अग्रवाल फाउंडेशन को ‘इन्दिरा महिला शक्ति प्रोत्साहन एवम् सम्मान योजना’के तहत बेस्ट कार्पोरेट सोसिएल रेस्पान्सबिल्टि इन्सिएटीव सम्मान से पुरस्कृत किया है। फाउंडेशन को यह सम्मान नंदघर परियोजना के जरिये बच्चों और महिलाओं के विकास और उत्थान के लिए दिया गया। सरकार ने माना है कि यह नंदघर जैसे काम सामाजिक दायित्व के रूप में अच्छी पहल है।
राजस्थान सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने महिला दिवस पर जयपुर में अमृत हाट में आयोजित एक राज्य स्तरीय प्रोग्राम में पुरस्कार प्रदान किया। इसका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं के बीच उद्यमिता क्षमताओं को बढ़ावा देना है। दस दिनों तक चलने वाले इस समारोह में सामाजिक विकास के लिए नंदघरों के योगदान की सराहना की और समुदाय के विकास और उत्थान की दिशा में नंदघर के कार्यों को मान्यता दी ।
राजस्थान के 12 जिलों में 1185 केंद्रों पर नंदघर काम कर रहे हैं जो बच्चों और महिलाओं को उनके उत्थान एवं समग्र विकास के लिए सर्वश्रेष्ट सुविधाएं प्रदान करते हैं।
नंदघर की यात्रा 2015 में वेदांता के चेयरमैन, अनिल अग्रवाल के एक ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में शुरू हुई। मॉडल आंगनवाड़ियों का एक नेटवर्क, नंदघर ई-लर्निंग, बाला डिजाइन और स्मार्ट किट के माध्यम से प्री-स्कूल शिक्षा प्रदान करता है। शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को उनके विकास के लिए पौष्टिक भोजन और स्वास्थ्य सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं। नंदघर का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं के बीच कौशल और उद्यमिता को मजबूत करना है। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सहयोग से आंगनवाड़ियों में 8.5 करोड़ बच्चों और 2 करोड़ महिलाओं के जीवन को बदलने के विजन के साथ नंदघर स्थापित किए गए हैं।
2100 से अधिक केंद्रों के साथ, नंदघर परियोजना अब 10 राज्यों – राजस्थान, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, पंजाब, असम, हिमांचल प्रदेश और मध्य प्रदेश में स्थापित है। परियोजना का लक्ष्य 4 मिलियन समुदाय के सदस्यों को जोड़ना है, जबकि वार्षिक आधर पर लगभग 2 लाख बच्चों और 1.8 लाख महिलाओं को प्रभावित करना है।
नंदघर 24×7 बिजली, वाटर प्यूरीफायर, स्वच्छ शौचालय और स्मार्ट टेलीविजन सेट सुनिश्चित करने के लिए सौर पैनलों से लैस हैं, और स्थानीय समुदायों के लिए एक मॉडल संसाधन केंद्र बन गए हैं। प्री-स्कूल शिक्षा 3-6 वर्ष की आयु के बच्चों को प्रदान की जाती है। बच्चों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए पौष्टिक भोजन और टेक-होम राशन प्रदान किया जा रहा है। प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं मोबाइल स्वास्थ्य वैन और टेलीमेडिसिन सुविधाओं के माध्यम से प्रदान की जाती हैं और महिलाओं को स्किलिंग, क्रेडिट लिंकेज और उद्यम विकास के माध्यम से सशक्त किया जाता है।