उदयपुर। फेडेक्स एक्सप्रेस ने भारत के छोटे एवं मध्यम उद्योगों पर केंद्रित हालिया सर्वे के नतीजे पेश किए हैं। फेडेक्स की ओर से इस सर्वे को स्वतंत्र रिसर्च फर्म डन एंड ब्रैडशीट इंडिया ने किया ताकि एसएमई के बीच कोविड-19 महामारी के दौरान ई-कॉमर्स और डिजिटल ट्रेंड्स की पहचान की जा सके। सर्वे में पता चला कि ई-कॉमर्स बिक्री में हुई बढ़ोत्तरी की वजह से भारतीय एसएमई काफी आशावादी हैं। लॉकडाउन शुरू होने के बाद से 30 प्रतिशत छोटे उद्योगों और 40 प्रतिशत मझोले उद्योगों ने अपनी ई-कॉमर्स बिक्री में बढ़ोत्तरी की बात मानी। महामारी और उससे उपजी पाबंदियों के कारण ई-कॉमर्स के प्रति लोगों के नज़रिये में बदलाव आया है। इस सर्वे में शामिल 35 प्रतिशत छोटे उद्योगों और 54 प्रतिशत मझोले उद्योगों का मानना है कि कोविड-19 के बाद भी ई-कॉमर्स बिक्री से उनकी आर्थिक तरक्की होगी।
इन त्योहारों के मौसम में, एसएमई अपनी ई-कॉमर्स क्षमता में इज़ाफा कर रहे हैं और अच्छी बिक्री की उम्मीद में अपनी ऑनलाइन शॉपिंग रणनीति में सुधार ला रहे हैं। सर्वे में शामिल 34 प्रतिशत एसएमई ज़बरदस्त पीक सीजऩ डिमांड की उम्मीद कर रहे हैं। ये नतीजे रेडसीयर द्वारा प्रकाशित उन नतीजों से मेल खाते हैं, जिनमें कहा गया था कि इस साल भारत में पीक सीजऩ सेल्स दोगुनी होकर करीब 7 बिलियन डॉलर तक जा सकती है। पिछले साल इस सीजऩ में यह आंकड़ा 318 बिलियन डॉलर था। ई-कॉमर्स बिक्री में बढ़ोत्तरी जारी रहने की उम्मीद के चलते फेडेक्स द्वारा कराए गए इस सर्वे में भाग लेने वाले 80 प्रतिशत मझोले और 58 प्रतिशत लघु उद्योगों का यह मानना है कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉम्र्स पर खरीददारी का यह बढ़ा हुआ चलन महामारी के बाद भी जारी रहेगा। इसके अलावा एसएमई डिजिटल समाधान भी अपना रहे हैं। सर्वे में 76 प्रतिशत लघु और 60 प्रतिशत मझोले उद्योगों ने कहा कि महामारी की शुरुआत से ही उनके डिजिटल भुगतान में बढ़ोत्तरी हुई है तो वहीं डिजिटल वॉलेट्स का इस्तेमाल भी बढ़ा है। (7 प्रतिशत) मध्यम उद्योगों के मुकाबले (28 प्रतिशत) छोटे उद्योगों में इसके इस्तेमाल की दर सबसे ज्यादा है।
भारत में फेडेक्स एक्सप्रेस के वाइस प्रेसिडेंट – ऑपरेशंस, मोहम्मद सायेघ ने कहा कि कोविड-19 के दौरान हमने पाया कि ग्राहक घर बैठे ज्यादा शॉपिंग कर रहे हैं। इन त्योहारों में भी यात्रा पर पाबंदियों और वायरस की रोकथाम के प्रयासों के कारण लोग अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के यहां भी कम ही जा पाएंगे इसीलिए इस साल, लोग निजी रूप से उपहार देने की बजाय ज्यादातर उपहार शिप यानि कुरियर करेंगे। उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स बिक्री में बढ़ोत्तरी जारी रहने की उम्मीद को देखते हुए फेडेक्स उद्योगों के साथ मिलकर ग्राहकों को इस बात के लिए प्रोत्साहित कर रहा है कि वे शॉपिंग करें और सामान जल्दी शिप करें। हमें पूरा यकीन है कि हमारा ग्लोबल और घरेलू नेटवर्क, हर बिजऩेस और ग्राहक की मांग पूरी कर सकता है।
ऑनलाइन खरीददारी और बिक्री करने वाले बिजऩेस और ग्राहकों के लिए तेज़ और सुरक्षित डिलिवरी की भी अपनी अहमियत है। सर्वे में यह बात भी उभर कर आई कि 41 प्रतिशत एसएमई का मानना है कि उनके ग्राहक जल्दी डिलिवरी के लिए ज्यादा पैसे भी दे सकते हैं। ऐसे में अधिकतर व्यवसाय सही और ऐसे लॉजिस्टिक सर्विस प्रोवाइडर के चुनाव को वरीयता देते हैं जो उनके व्यापार वृद्धि में मदद करने के साथ ही उनके शिपमेंट्स को समय पर पहुंचाए। उद्यमियों और छोटे उद्योगों की मदद का फेडेक्स का एक लंबा इतिहास रहा है। हम उन्हें पूरी तरह क्षमतावान बनाने में सहायता करने को प्रतिबद्ध हैं। फिडेक्स ने भारत में स्मॉल बिजऩेस ग्रांट कॉन्टेस्ट के कई एडिशन आयोजित किए हैं। इसका मकसद है छोटे उद्योगों को प्रेरणा और आर्थिक संसाधन उपलब्ध करवाना ताकि वे अपने बिजऩेस को पूरी दुनिया में ले जा सकें। साथ ही उनकी पहुंच बढ़ाना और उन्हें ज्यादा प्रतिस्पार्धात्मक बनाना। फेडेक्स ने एसएमई कनेक्ट सीरीज़ भी आयोजित की है, जो कि सूरत, उदयपुर और चेन्नई के एसएमई ग्राहकों के लिए जानकारी बांटने और वैचारिक नेतृत्व का मंच उपलब्ध कराता है। एसएमई कनेक्ट सीरीज़ इन उद्योगों को एक ऐसा मंच देता है जहां उन्हें अपने बिजऩेस के लिए सहायता और भविष्य के विकास के रास्ते ढूंढने के लिए इंडस्ट्री के जानकारों के साथ बातचीत करके समाधान तलाशने का मौका मिलता है।