उदयपुर। गत 6 जुलाई को सूरत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वर्चुअल उपस्थिति में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की उपस्थिति में वर्षा जल के संरक्षण हेतु जनभागीदारी से जल संचयन हेतु ‘कैच द रेन’ अभियान शुरू किया गया। अब यह अभियान देशभर में जन आंदोलन का रूप लेने लगा है। मंगलवार को जयपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय जल संसाधन मंत्री सीआर पाटिल की इस अभियान को चलाने पर सराहना की। इस अवसर पर राजस्थान और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री उपस्थित थे। प्रधानमंत्री मोदी ने विश्वास जताया कि यह अभियान भविष्य में देश में भूजल की स्थिति में काफी बदलाव लाएगा। केंद्रीय जल संसाधन मंत्री ने संकेत दिया कि यह अभियान अब देशभर में जन आंदोलन का रूप ले चुका है।
जल संसाधन मंत्री सीआर पाटिल ने इस कार्यक्रम में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पानी बचाने के लिए कई सफल प्रयोग अपनाने का आह्वान किया है। उन्होंने वर्ष 2021 में वर्षा जल के संरक्षण के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग का आह्वान किया। गत 6 जुलाई को उन्होंने वर्चुअल उपस्थिति के जरिए सूरत से सार्वजनिक जल संचयन के लिए कैच द रेन अभियान की शुरुआत की थी। इस कार्यक्रम में सूरत को कर्मभूमि बनाने वाले राजस्थान के प्रमुख व्यवसायियों ने कर्मभूमि से जन्मभूमि तक का आह्वान करते हुए राजस्थान और आसपास के प्रत्येक गांव में वर्षा जल संचयन के लिए चार-चार वाटर रिचार्जिंग बोर बनाने की जिम्मेदारी ली और अब काम प्रगति पर है।