उदयपुर | सेवा ही कर्म – सेवा ही धर्म के उद्देश्य से देश -दुनिया में मानव सेवा के विभिन्न प्रकल्प संचालित करने वाला नारायण सेवा संस्थान ने बंगलौर में विशाल निःशुल्क कृत्रिम अंग वितरण शिविर आयोजित किया जिसमें एक ही दिन में एक ही जगह पर 593 दिव्यांग नारायण लिम्ब पहनकर मुस्कुराते हुए चले। वर्षों पहले किसी दुर्घटना में ये सभी अपने हाथ -पैर गंवाने से चलने -फिरने में असमर्थ हो चुके थे जिसके चलते इनकी जिंदगी रुक सी गई थी। संस्थान के 8 जनवरी के शिविर में इन सभी दिव्यांगों को आर्टिफिशियल लिम्ब के लिए चयनित किया था।
नारायण सेवा संस्थान के अध्यक्ष प्रशान्त अग्रवाल ने बताया कि उदयपुर स्थित संस्थान में कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल के अंगविहीन बन्धु-बहिनें ईलाज के लिए आते रहते है | तब हमने सोचा कि क्यों न इन सभी दिव्यांग जनों को उनके घरों के पास ही लाभान्वित करें। इसी सोच को साकार करते हुए संस्थान ने बेंगलुरु में कैंप लगाया।
आर्टीफिशल लिम्ब वितरण केम्प के मुख्य अतिथि कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने कृत्रिम अंगों से नई जिन्दगी पाने वाले सभी दिव्यांग बन्धुओं को शुभकामनाएं दी।उन्होंने कहा दिव्यांगजन समाज के अभिन्न अंग है। सुदृढ़ समाज के लिए दिव्यांगों को सशक्त करना आवश्यक है। आज एक नहीं 593 दिव्यांगों को नई ज़िन्दगी मिली है। प्रधानमंत्री मोदी का मंत्र सबका साथ – सबका विकास सफल होता दिख रहा है। मैं नारायण सेवा संस्थान के सेवाओं से परिचित हूँ।दिव्यांगता के क्षेत्र में इनकी सेवाएं तारीफे काबिल है। इससे पूर्व प्रशान्त अग्रवाल ने मेवाड़ की गौरवशाली परम्परा से मंचासीन अतिथियों का अभिनंदन किया और उन्हें संस्थान की 38 वर्षीय यात्रा व 5 वर्षीय विजन की जानकारी दी। समारोह में विनोद जैन सहित कई समाजसेवी , दानदाता मौजूद रहे |