51 दिव्यांग-निर्धन जोड़े बने हमसफ़र

नारायण सेवा संस्थान का 39वां सामूहिक विवाह सोल्लास सम्पन्न

उदयपुर।  नारायण सेवा संस्थान के तत्वावधान में सेवा महातीर्थ, बड़ी में 39वे निःशुल्क निर्धन एवं दिव्यांग सामूहिक विवाह समारोह में रविवार को 51 जोड़ो ने पवित्र अग्नि के फेरे लेकर एक -दूसरे का जीवन पर्यन्त साथ निभाने का संकल्प लिया।

प्रातः 10 :15 बजे सजे-धजे दूल्हों ने परंपरागत तोरण की रस्म का निर्वाह किया। विवाह के लिए बने विशाल पाण्डाल में 51 वेदियों पर भीलवाड़ा के पंडित योगेंद्र आचार्य, शास्त्री उपेन्द्र चौबीसा व विकास उपाध्याय के निर्देशन में वैदिक ऋचाओं के बीच 51 जोड़ों ने साथ फेरे लिए । दुल्हनों ने समारोह के भव्य मंच पर सज -धज कर ढोल ढमाकों के बीच प्रवेश किया। वरमाला की रस्म प्रज्ञाचक्षु करोली के केसरी नन्दन व हाथ से दिव्यांग झारखंड की उर्मिला, लसाड़िया के  प्रज्ञाचक्षु प्रेमचंद मीणा व 3 साल की उम्र में दोनों पांवों से पोलियो की शिकार सुरजा मीणा, महेंद्र कुमार व कलावती आमलिया(दोनों जन्मान्ध) , भरतपुर के सत्येंद्र व झारखंड सुनिता ( दोनों दिव्यांग) के साथ निदेशक वन्दना अग्रवाल व पलक के सानिध्य में आरम्भ हुई, इस दौरान पाण्डाल देर तक ‘तालियों से गुजता रहा।

समारोह में विशिष्ट अतिथि उर्मिला कुमारी लन्दन, डॉ. प्रेमरानी सिंगल व वीना शर्मा यूएसए , के.के. गुप्ता डूंगरपुर व कुसुम गोयल मथुरा थे।
संस्थान संस्थापक पद्मश्री कैलाश  ‘मानव’ ने कन्यादान के इस अनुष्ठान में सहयोगियों व नवयुगलों को आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा कि देव दुर्लभ मानव जीवन हमें भागवतकृपा से जो भी उपलब्ध है, उसका उपभोग समाज के पीड़ित और वंचित वर्ग के लिए कर  जीवन को सार्थक करें।

संस्थान अध्यक्ष प्रशान्त अग्रवाल ने अतिथियों व वर-वधुओं का स्वागत करते हुए बताया कि पिछले 21 वर्षों में संस्थान 2200 निर्धन व दिव्यांग जोड़ों की सुखद गृहस्थी बसाने में सहायक बना है। उन्होंने बताया कि इस विवाह में जो जोड़ें परिणय सूत्र में बंध रहे हैं, उनमे राजस्थान, बिहार, झारखंड़, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, व गुजरात शामिल हैं।

वरमाला की रस्म के बाद दुल्हा दुल्हनें भव्य विवाह मंडप में पहुंचे इस दौरान कोई व्हीलचेयर पर तो कोई वैशाखी और कैलिपर्स के सहारे अपने लिये निर्धारित वेदी पर पहुंचे, जहां उन्होंने परिजनों व धर्म माता पिता के सानिध्य में पवित्र अग्नि के फेरे लिए। इस बार सामूहिक विवाह का ध्येय वाक्य ‘जल ही जीवन’ के अनुसार नवयुगलों को सात फेरों के बाद ‘पानी बचाने’ का संकल्प भी दिलाया गया। सभी नव दंपतियों को संस्थान व अतिथियों के द्वारा उपहार प्रदान किये गए। संस्थान ने प्रत्येक जोड़े को सभी वस्तएं प्रदान की, जो एक नई गृहस्थी के लिए आवश्यक होती है।जिसमें गैस चूल्हा, पलंग, बिस्तर, अलमारी, बर्तन, पंखा, जिसमें सिलाई मशीन, पानी की टंकी संदूक आदि। इसके अलावा प्रत्येक दुल्हन को मंगलसूत्र, कर्णफूल, लोंग, पायल व दूल्हे को अंगूठी, परिधान, घड़ी आदि भेंट कर नम आंखों से उन्हें विदा किया गया।

Related posts:

हिन्दुस्तान जिंक द्वारा जिंक स्मेल्टर देबारी में सखी उत्सव आयोजित
बीकाजी फूड्स इंटरनेशनल लि. की आरंभिक सार्वजनिक पेशकश 03 नवंबर को खुलेगा
ओसवाल सभा के चुनाव तीन माह में कराने का निर्णय
श्री गुंसाईजी महाराज के उत्सव पर विशाल बावा ने किया लालन बगीची के जीर्णोद्वार का लोकार्पण
HDFC Bank Organises Grameen Loan Mela at Bundi
रामराज्य की परिकल्पना में मानव जाति के साथ समस्त जीवों और प्रकृति का कल्याण निहित : मुख्यमंत्री
HDFC Bank Festive Treats 4.0 to ‘Go BIG’ with 10,000+ offers
CHIK Hair Color reforms to CHIK Easy
जाग्रत हनुमानजी को धराया जाएगा छप्पन भोग
मन की बेचैनी ही लिखने को प्रेरित करती है : डॉ. भानावत
डी.पी. आभूषण लि. अब बीएसई सूचीबद्ध
रक्तदान शिविर में 73 यूनिट रक्त संग्रहित

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *