उदयपुर में एग्रीकल्चर एंड लाइवस्टॉक एंटरप्रेन्योरशिप पर नेशनल कांफ्रेन्स का शुभारंभ

महिलाओं को आत्मनिर्भर और सक्षम बनाकर ही साकार होगा विकसित भारत का संकल्प – केबिनेट मंत्री डॉ किरोड़ीलाल मीणा
लखपति दीदी योजना के मूल में अन्त्योदय का भाव – सांसद डॉ मन्नालाल रावत
उदयपुर।
राजीविका (राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद), ग्रामीण विकास विभाग, राजस्थान एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधान में एग्रीकल्चर एंड लाइवस्टॉक एंटरप्रेन्योरशिप पर तीन दिवसीय नेशनल कांफ्रेन्स का शुभारंभ मंगलवार को होटल ताज अरावली में कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री डॉ किरोड़ीलाल मीणा के मुख्य आतिथ्य में हुआ। कार्यशाला में देश भर से विशेषज्ञ, नीति निर्माता, उद्यमी तथा स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं शामिल हो रही हैं। कार्यशाला में कृषि एवं पशुधन उद्यमिता से ग्रामीण आजीविका के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने को लेकर मंथन किया जा रहा है।


केबिनेट मंत्री डॉ किरोड़ीलाल मीणा ने कार्यशाला में देश के समस्त राज्यों से आए हुए अतिथियों, अधिकारियों, विशेषज्ञों एवं प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए केंद्र व राज्य सरकारें निरंतर प्रयासरत हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने ग्रामीण विकास एवं राजीविका विभाग की पूरी बागडोर महिला अधिकारियों को सौंप कर सकारात्मक संदेश दिया है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने लखपति दीदी कार्यक्रम के माध्यम से देश भर में महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में ठोस पहल की है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की संकल्पना महिला सशक्तिकरण से ही सार्थक होगी।


उन्होंने कहा कि राजीविका का उद्देश्य महिलाओं की सामाजिक व आर्थिक उन्नति के लिए स्वयं सहायता समूहों का गठन करना है। राज्य में 50.69 लाख ग्रामीण परिवारों को 4.25 लाख स्वयं सहायता समूहों, 31 हजार ग्राम संगठन एवं 1074 सीएलएफ (क्लस्टर लेवल फेडरेशन) से जोडकर उन्हें वित्तीय सहायता एवं प्रशिक्षणों के माध्यम से उनकी आजीविका बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही हैं। आजीविका संवर्धन के अन्तर्गत लगभग 39.38 लाख परिवार कृषि एवं पशुपालन आधारित गतिविधियों से जुड़कर काम कर रहे हैं। राजीविका के माध्यम से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रू. 2099.95 करोड़ की राशि आजीविका संवर्धन हेतु एवं रू. 10342.96 करोड़ का बैंक ऋण उपलब्ध कराया गया। महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री बढ़ाने के लिए जैम एवं अमेजॉन ऑनलाइन प्लेटफार्म का उपयोग किया जा रहा हैं एवं फ्लिपकार्ट, ई-सरस पर प्रोडक्ट्स की ऑनलाइन मार्केटिंग की जा रही हैं।


डॉ मीणा ने कहा कि 7037 महिला बिजनेस कॉरेस्पोडेंस द्वारा गाँवो में डोर स्टेप बैंकिग सर्विस पहुंचायी जा रही हैं, जिसमें खाते खोलना, रकम निकासी एवं जमा करना इत्यादि गतिविधियां हैं। विभिन्न जिला एवं ब्लॉक मुख्यालयों पर 254 कैंटीन प्रारम्भ की गई हैं जिसका संचालन राजीविका की महिलाओं द्वारा किया जा रहा हैं। उद्यम प्रोत्साहन के अन्तर्गत 54 हजार से अधिक महिला उद्यमों को स्थापित (सिलाई, ब्यूटी पार्लर, मसाला उधोग, हस्तशिल्प, किराना एवं लेडिज स्टोर इत्यादि) किया गया एवं प्रोत्साहन दिया गया है जिससें महिलाओं की आजीविका में वृद्धि हुई। 18,346 कृषकों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से सोयाबीन व धनिया वैल्यूचौन विकसित करने हेतु रूपये 17.39 करोड़ की लागत से हाड़ौती महिला किसान प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड का गठन करके बारां एवं कोटा जिले के 18345 परिवारों को लाभान्वित किया गया हैं। कृषि एवं पशुपालन एवं गैर-कृषि गतिविधियों को बढावा देने हेतु 3366 उत्पादक समूहों का गठन किया गया जिसके माध्यम से 1.89 लाख परिवारों को कृषि एवं पशुपालन गतिविधियों में जोड़ा गया हैं। स्वयं सहायता समूहों की बिक्री को बढाने हेतु जयपुर, चुरू, श्रीगंगानगर, उदयपुर, अजमेर, अलवर, डुगरपुर, राजसमन्द, जोधपुर एवं कोटा जिलों में रिटेल स्टोर प्रारम्भ किए गए हैं।
केबिनेट मंत्री ने कहा कि लखपति दीदी योजना के अंतर्गत भारत सरकार के दिशा निर्देशानुसार अभी तक 796 मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षित किया जा चुके हैं, इन लखपति मास्टर ट्रेनर द्वारा 19.45 लखपति सीआरपी को भी प्रशिक्षित किया जा चुका है। वर्तमान में 11.02 लाख महिलाओं को लखपति दीदी का प्रशिक्षण दिया जा चुका हैं। राजस्थान महिला निधि के माध्यम से 39118 स्वयं सहायता समूहों की 125786 महिलाओं को राशि 555.77 करोड का ऋण उपलब्ध कराया गया। राजीविका अन्तर्गत ग्राम स्तर पर परियोजना क्रियान्वयन के सभी कार्य समूह की महिलाओं द्वारा ही किये जाते हैं, इन महिलाओं को कम्युनिटी कैडर कहा जाता है। उन्होंने मिशन पंच रत्न, वनधन विकास योजनाओं और इनसे लाभान्वितों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
केबिनेट मंत्री श्री मीणा ने कहा कि आदिवासी बहुल क्षेत्रों खास कर उदयपुर संभाग में लोगों के पास खेती योग्य भूमि की कमी है। पशुपालन भी इतना नहीं है। ऐेसे में लोगों को रोजगार के लिए पलायन करना पड़ता है। स्वयं सहायता समूह की अवधारणा इस क्षेत्र के लिए वरदान है। उन्होंने सभी राजस्थान सहित देश भर आए अधिकारियों का आह्वान करते हुए कहा कि जनजाति बहुल क्षेत्रों में अधिक से अधिक स्वयं सहायता समूहों का गठन कर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाना चाहिए।

उद्घाटन सत्र में विशिष्ट अतिथि उदयपुर सांसद डॉ मन्नालाल रावत ने कहा कि अन्त्योदय का भाव अंतिम पंक्ति के व्यक्ति का उत्थान है। लखपति दीदी कार्यक्रम का मूल मंत्र अन्त्योदय ही है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इसके माध्यम से महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ आर्थिक उन्नयन को बढ़ावा दिया। इससे देश भर में लाखों परिवार बीपीएल रेखा से बाहर आने में समर्थ हुए हैं। कार्यशाला में अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास श्रेया गुहा, ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार की संयुक्त सचिव स्वाति शर्मा, मुख्य वन संरक्षक उदयपुर सुनील छिद्री तथा इंडियन बैंक के एमडी शिवबजरंगसिंह भी बतौर विशिष्ट अतिथि मंचासीन रहे। ग्रामीण विकास मंत्रालय की संयुक्त सचिव स्वाति शर्मा ने पीपीटी के माध्यम से लखपति दीदी कार्यक्रम पर विस्तृत जानकारी साझा की। प्रारंभ में अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यशाला का शुभारंभ किया। राजीविका की राज्य मिशन निदेशक श्रीमती नेहा गिरि ने अतिथियों का स्वागत किया। साथ ही कार्यशाला की रूपरेखा और उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रिया डाबी, उप वन संरक्षक मुकेश सैनी, डीसीएफ उत्तर अजय चित्तौड़ा, संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार सुधीर वर्मा, राजीविका जिला परियोजना प्रबंधक ख्यालीलाल खटीक आदि भी उपस्थित रहे।
पुस्तिका का विमोचन, पोर्टल लांच :
कार्यक्रम में केबिनेट मंत्री डॉ मीणा सहित अतिथियों ने लखपति दीदी कार्यक्रम की सफलता की कहानियों पर आधारित पुस्तिका का विमोचन किया। साथ ही स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं की सुविधा के लिए इंडियन बैंक के साझे में तैयार पोर्टल भी लांच किया।
एमओयू पर हस्ताक्षर :
कार्यक्रम के दौरान स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की सुविधा के लिए इंडियन बैंक और राजीविका के मध्य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी किए गए। राजीविका की ओर से राज्य मिशन निदेशक नेहा गिरि तथा बैंक की ओर से एमडी शिव बजरंगसिंह ने हस्ताक्षर किए। केबिनेट मंत्री डॉ मीणा की उपस्थिति में एमओयू हस्तांतरण किया गया।
शुभारंभ समारोह के बाद अलग-अलग सत्र हुए। इसमें “पशुधन क्षेत्र के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था का रूपांतरण” तथा “प्रोड्यूसर कलेक्टिव से बिजनेस कलेक्टिव तक ग्रामीण उद्यमों का विस्तार थीम पर प्रस्तुतिकरण हुआ। शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। कार्यशाला के दूसरे दिन बुधवार को सहयोग के लिए कार्रवाई – आजीविका इकोसिस्टम को सशक्त बनाना, क्रेडिट से आगे- अभिनव वित्तीय आर्किटेक्चर, शी-लाइफ- महिला नेतृत्व वाले कृषि एवं पशुधन उद्यमिता आदि विषयों पर चर्चा होगी।

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