उदयपुर। पेसिफिक़ डेंटल कॉलेज व हॉस्पिटल, देबारी में ओरल व मैक्सिलो फेशियल पैथोलॉजी विभाग द्वारा नेशनल ओरल पैथोलॉजी दिवस का आयोजन किया गया। विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. रश्मि मेतगुड़ ने कहा कि हर वर्ष इंडियन एसोसिएशन फॉर ओरल एंड मैक्सिलो फेशियल पैथोलॉजी द्वारा भारत में ओरल पैथोलॉजी विषय के प्रथम स्नातकोत्तर गाइड डॉ. हरनाथ मणिशंकर ढोलकिया की स्मृति में देशभर के दंत चिकित्सकों में दाँत, मुँह व जबड़ों में होने वाली विभिन्न विकृतियों के बारे में जागरूकता पैदा करने हेतु यह दिवस मनाया जाता है।
कार्यक्रम में ओरल सबम्यूकस फाइब्रोसिस (ओ.एस.एमएफ.) के विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें कॉलेज के ओरल, मेडिसिन व रेडियोलॉजी विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. प्रशांत नाहर ने कहा की भारत में 11 से 60 वर्ष की आयु के लगभग 4.5 प्रतिशत लोग गुटखे व पान मसाले से होने वाले ओरल सबम्यूकस फाइब्रोसिस जैसे प्री-कैंसरस रोग से पीडि़त हैं, जो करीब 7-13 प्रतिशत की दर से मुँह के कैंसर में तब्दील हो सकता है। अत: इस घातक रोग के रोकथाम, निदान व उपचार के प्रति दंत चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्ताओं व आम जनता के बीच जागरूकता होना अति आवश्यक है। इस अवसर पर कॉलेज के इंटन्र्स द्वारा ओ.एस.एमएफ के विषय पर पोस्टर व प्रेजेन्टेशन किया गया। समारोह में डॉ. स्मिता राव, डॉ. अनिरुद्ध टाक आदि फैकल्टी इंटन्र्स व विद्यार्थी मौजूद थे।