पीआईएमएस उमरड़ा ने परिवार गोद कार्यक्रम के तहत लकड़वास, मटून तथा धोल की पाटी में लगाए शिविर

उदयपुर । राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम परिवार गोद कार्यक्रम के तहत पीआईएमएस, उमरड़ा की और से गोद लिए गए परिवारों के तीन गांवों में चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया गया। पेसिफिक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के अध्यक्ष आशीष अग्रवाल ने बताया कि पीआईएमएस, उमरड़ा की और से वर्ष 2021 से इस कार्यक्रम में सक्रिय रूप से संचालन किया जा रहा है। परिवार गोद लेने के कार्यक्रम में वर्ष 2022 के तहत 13 जुलाई को लकड़वास में, 19 जुलाई को मटून में तथा 20 जुलाई 2024 को धोल की पाटी गांव में चिकित्सा शिविर आयोजित किया गया। शिविर में पीआईएमएस के विभिन्न विभागों के डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, लैब टेक्नीशियन, सामुदायिक चिकित्सा संकाय तथा मेडिकल सोसियल वर्कर तथा पीआईएमएस के अन्य सहायक स्टाफ ने भाग लिया। इन शिविरों में बड़ी संख्या में ग्रामीण समुदाय तथा स्कूली बच्चों ने डॉक्टरों से परामर्श लेकर, चिकित्सा परीक्षण करवाकर तथा निःशुल्क दवाइयां प्राप्त करके बहुत उत्साह के साथ भाग लिया। हर एक गांव में लगभग 150 परिवारों को छात्रों द्वारा गोद लिया गया है।

पेसिफिक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के अध्यक्ष आशीष अग्रवाल, शीतल अग्रवाल, कुलपति डॉ बी एल कुमार, रजिस्ट्रार डॉ देवेंद्र जैन, प्रिंसिपल डॉ सुरेश गोयल, चिकित्सा अधीक्षक डॉ चंद्रा माथुर, डॉ दिलीप कुमार पारीक, प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष, डॉ नितेश मंगल ने इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए पूरा सहयोग दिया। कुलपति डॉ बी एल कुमार ने बताया कि इन गांवों में शिविरों में परिवार के सदस्य और अन्य गांव के लोग रैंडम ब्लड शुगर टेस्ट, हीमोग्लोबिन स्तर के परीक्षण, ब्लड ग्रुप के परीक्षण, रक्तचाप की माप और विभिन्न बीमारियों के लिए डॉक्टरों से परामर्श के लिए बड़ी संख्या में आए।
परिवारों को एबीएचए कार्ड तैयार कर दिए-

कार्यक्रम में गोद लिए गए परिवारों के परिवार के सदस्यों के लिए उनके आधार कार्ड का उपयोग करके एबीएचए कार्ड (आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता आईडी कार्ड) तैयार किया गया। मुद्रित एबीएचए पीवीसी कार्ड नियत समय में परिवारों को दिए जा रहे हैं। प्रत्येक चयनित परिवार को परिवार कोड संख्या के साथ एक एफएपी परिवार कार्ड जारी किया गया, जो गोद लिए गए परिवारों के सदस्यों को पीआईएमएस अस्पताल में भर्ती होने पर डॉक्टर का परामर्श, एक्स-रे, यूएसजी और पांच दिनों की दवा का फायदा मिलता है। इन गांवों में सभी चयनित घरों के सामने परिवार कोड संख्या वाला एक स्टीकर चिपकाया गया।
जानिए इस कार्यक्रम के बारे में-

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वर्ष 2021 से शुरू किया गया इस कार्यक्रम का समन्वय राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद (एनएमसी), नई दिल्ली द्वारा किया जाता है। इस कार्यक्रम के तहत वर्ष 2021 से देश के मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश लेने वाले प्रत्येक मेडिकल छात्र को अपने प्रवेश के पहले वर्ष में पांच परिवारों को गोद लेना होता, ताकि इन परिवारों के सदस्यों की सभी प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं का आकलन, निगरानी और समाधान किया जा सके। गोद लिए गए परिवारों की लगातार तीन वर्षों तक निगरानी की जाएगी।

अब तक ये सब किया इन परिवारों के बीच-

अब तक किए गए कार्यों में परिवारों का परिचयात्मक दौरा, परिवार के आकार और संरचना के बारे में जानकारी एकत्र करना, परिवार के सदस्यों की मानवशास्त्रीय जानकारी, प्रमुख स्वास्थ्य मुद्दे आदि शामिल हैं। इसके अलावा, रक्तचाप, रक्त शर्करा, हीमोग्लोबिन स्तर आदि का आकलन करने के लिए सदस्यों का चिकित्सा परीक्षण किया गया। उच्च रक्तचाप और मधुमेह के लिए सदस्यों द्वारा ली जाने वाली दवा का भी पता लगाया गया। बेहतर स्वास्थ्य के लिए बेहतर पारिस्थितिकी तंत्र और पर्यावरण के निर्माण में जागरूकता बढ़ाने के एक हिस्से के रूप में, इन गांवों में वृक्षारोपण भी किया गया।

Related posts:

Pluto Hospital Launches MISSO, Himmatnagar’s First AI-Based Robotic Joint Replacement System

TRANSFORMING FARMING WITH MODERN TECHNOLOGY – HINDUSTAN ZINC’S SAMADHAN PROJECT

अमेजऩ एसएमबी इम्पैक्ट रिपोर्ट ने कोविड-19 के बावजूद भारतीय स्मॉल एंड मीडियम बिजनेस द्वारा हासिल की ...

जेके टायर ने ईवी- स्पेसिफिक स्मार्ट रेडियल टायर्स की सम्पूर्ण श्रृंखला प्रस्तुत की

रिन्यूबाय 2023 तक अपने बीमा सलाहकारों का नेटवर्क दोगुना करेगी

John Hopkins-CCP with support from Bernard van Leer Foundation conclude training for Social and Beha...

Amway Launches Chyawanprash by Nutrilite

दि इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स इंडिया उदयपुर लोकल सेंटर ने मनाया विश्व पर्यावरण दिवस

श्री सीमेंट की पहल - "नमन" योजना में आर्म्ड फोर्स के शहीद सैनिकों के परिवारों को घर बनाने के लिए मिल...

कोरोना पॉजिटिव की ट्रेक्योस्टमी कर जान बचाई

हिन्दुस्तान जिंक द्वारा जनहित के साथ ही रक्तदान जैसे पुनीत कार्य अनुकरणीय : ताराचंद मीणा

Epiroc India sets upservice academy in Udaipur, train women engineers in mining

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *