ईपीएसआई रैकिंग में राजस्थान विद्यापीठ भारत के प्रथम पचास विश्वविद्यालयों में शामिल

उदयपुर : फेडरेशन फॉर वर्ल्ड एकेडेमिक्स द्वारा एजुकेशनल परफॉर्मेंस स्टेटिस्टिक्स इन इंडिया 2024 की रैकिंग में जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ (डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय) को देश में 32वां स्थान प्राप्त हुआ है।

कुलपति प्रो. कर्नल एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा कि संस्थापक जनुभाई द्वारा 1937 में स्थापित इस संस्था ने कई नए कीर्तिमान स्थापित किये हैं। विद्यापीठ के कार्यकर्ताओं द्वारा यह खुली आँखों से देखा जा रहा सपना है कि यह संस्था विश्व पटल पर अपनी एक अलग पहचान बनाए, और इसके लिए सभी कार्यकर्ता पूरी तरह समर्पित भाव से कार्यरत भी हैं। नवाचार और उन्नति वहीँ होती है, जहाँ उत्कृष्टता को संजोया जाता है। यह गर्व का विषय है कि विद्यापीठ के कार्यकर्ताओं के प्रयास ज्ञान के किसी क्षितिज जितने ही विशाल दृष्टिकोण के साथ भारतीय उच्च शिक्षा के मार्ग को रोशन कर रहे हैं, उसी के फलस्वरूप इस सांख्यिकी में विद्यापीठ भारत के सभी विश्वविद्यालयों में प्रथम पचास और प्राइवेट (डीम्ड एवं अन्य) श्रेणी के विश्वविद्यालयों में प्रथम पच्चीस में अपना स्थान सुनिश्चित कर पाया है।

उन्होंने कहा कि शिक्षा जगत के मध्य ऐसे सहयोग की आवश्यकता है, जो विशेषज्ञता आधारित हो और संख्याओं से परे हो। इस तरह की रैंकिंग विभिन्न क्षेत्रों की उपलब्धियों के सार को समाहित करती है। शिक्षक अपने विद्यार्थियों को ऐसे गढ़ते हैं जैसे कोई मूर्तिकार कच्ची मिट्टी को बेहतरीन मूर्तियों में ढालता है। यही परम्परा विद्यापीठ की आत्मा है। यह रैंकिंग केवल उपलब्धि का संकेत नहीं  हैं, बल्कि यह प्रेरित करती है और उन आकांक्षाओं को प्रज्वलित करती है, जो शिक्षण और शोध कार्यों के एक नए युग का संकेत दें। यह रैंकिंग केवल एक संख्या नहीं हैं; यह समर्पण, जुनून और ज्ञान से सराबोर अथक परिश्रम का प्रतीक है। विद्यापीठ के लिए यह असीम संभावनाओं का एक द्वार भी है, जहां उत्कृष्टता की कोई सीमा नहीं है, तथा जहां शिक्षा जगत सर्वोच्च है।

रजिस्ट्रार डॉ. तरुण श्रीमाली ने कहा कि विद्यापीठ की स्थापना का प्रमुख उद्देश्य दक्षिणी राजस्थान के श्रमजीवी और वंचित वर्ग को समुचित शिक्षा प्रदान करना है और राष्ट्र स्तर पर  शिक्षण, संसाधन, अनुसंधान, भविष्य का विज़न, अतंरराष्ट्रीय दूरदृष्टि, प्लेसमेंट  और छात्रों व शिक्षकों की विश्वसनीयता जैसे महत्वपूर्ण अंगों पर इस उत्कृष्ट रैंकिग का आना इस बात की पुष्टि करता है कि अपने उद्देश्यों की पूर्ती में विद्यापीठ सफल रहा है।

विद्यापीठ के रैंकिंग कार्यों के नोडल अधिकारी डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी ने बताया कि उक्त रैंकिंग मुख्यतः 7 संकेतकों पर आधारित है, जिसमें शैक्षणिक प्रतिष्ठा व उत्कृष्टता, स्नातक परिणाम व रोजगार हेतु योग्यता, विद्यार्थियों के प्रवेश में गुणवत्ता, शोध परिणाम, जीवंत पारिस्थितिकी तंत्र, नियोक्ता के रूप में प्रतिष्ठा व अंतर्राष्ट्रीय दृष्टिकोण, सहकर्मी धारणा और पूर्व छात्रों की प्रतिक्रिया सम्मिलित है। शैक्षिक प्रदर्शन की इस राष्ट्रीय सांख्यिकी में विश्वविद्यालयों, प्रबंधन और इंजीनियरिंग पर विशेष ध्यान दिया गया है। यह रैंकिंग नवाचार को प्रोत्साहित करती है जो पारंपरिक ज्ञान की सीमाओं को आगे बढ़ा रही हो।

इससे पूर्व आईआईआरएफ के शैक्षणिक संस्थानों की रैंकिंग में विद्यापीठ को प्रदेश में प्रथम तथा इम्पैक्ट रैंकिंग में राजस्थान में द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ था। यूनी रेंक द्वारा कराये गये सर्वे में भी विद्यापीठ ने उदयपुर में पहला स्थान प्राप्त किया था। उक्त जानकारी निजी सचिव कृष्णकांत कुमावत ने प्रदान की।

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