‘हमारा मेवाड़-हमारी संस्कृति‘ पत्रिका का विमोचन

यह मेवाड़ी संस्कृति और परम्पराओं का सम्मान : डॉ. लक्ष्यराजसिंह मेवाड़
उदयपुर।
‘हमारा मेवाड़-हमारी संस्कृति‘ नामक पत्रिका का सिटी पैलेस, उदयपुर में श्रीजी डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने विमोचन किया। अक्षय लोकजन द्वारा प्रकाशित त्रैमासिक पत्रिका में उदयपुर के विकास, विस्तार के साथ मेवाड़ के संक्षिप्त इतिहास, कला संस्कृति आदि पर लेख प्रकाशित हुए हैं।
महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउण्डेशन के अध्यक्ष एवं प्रबंध न्यासी डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने अक्षय लोकजन संस्थान के उपस्थित वरिष्ठ सदस्यों को बधाई देते हुए उनके कार्य की सराहना की। इस अवसर पर लेखक हरीश चन्द्र तलरेजा ने सातवीं सदी में मेवाड़ के संदर्भ में चचनामाह पर जानकारी देते हुए उन्हें ‘चच नामाह: सिन्ध पर अरबों के हमले का वृत्तान्त’ नामक पुस्तक के साथ ही लेखक मुल्ला अब्दुल कादिर बदायूंनी की फारसी तारीखें बदायूंनी के हिन्दी अनुवाद की कृतियां भी भेंट की जिन्हें प्रथम बार हिन्दी में अनुवादित किया गया है।
विमोचन अवसर पर अक्षय लोकजन पत्रिका एवं सेवा संस्थान के वरिष्ठ सदस्यों में अध्यक्ष जन किशन चैबे, उपाध्यक्ष इन्द्र सिंह राणावत, सचिव नरेन्द्र कुमार, लेखक हरिश तलरेजा, संपादक मनोहर मुंदड़ा एवं राहुल उपाध्याय आदि उपस्थित रहे।

Related posts:

देश की आजादी, जनजाति स्वाभिमान और मिट्टी की मर्यादा के लिए भगवान बिरसा मुंडा का योगदान अविस्मरणीय : ...

बेदला गांव की होनहार बेटी को बडग़ाँव उपप्रधान की मदद से भामाशाह से मिला 2 लाख रुपये का सहयोग

Hindustan Zinc’s Social Investment Grows 112% Since 2015,Surpassing ₹1,750 Crore

इंटर कॉलेज रेडियोलॉजी क्विज आयोजित

उदयपुर में विकास कार्यों की लगी झड़ी, दो दिन में करीब 35 करोड़ से अधिक के विकास कार्यों का लोकार्पण-...

PIMS Psychiatry Residents Shine as Runners-Up in Intercollege Quiz on 5th Anniversary of Nasha Mukt ...

बेणेश्वर धाम की कलाकृतियों के डिजिटलाइजेशन का कार्य प्रारंभ

हिंदुस्तान जिंक ने मात्र 1 वर्ष में 0.8 मिलियन गीगाजूल से अधिक ऊर्जा बचत की

Hindustan Zinc Boosts Production and Safety with Emerging-Tech

श्रीजी प्रभु के श्रावण मास के हिंडोलना की सेवा में श्री विशाल बावा पधारे नाथद्वारा

जिंक की सभी ईकाइयों में पौधारोपण कर विश्व प्रकृति सरंक्षण का संकल्प

आयुर्वेद पंचकर्म चिकित्सा पद्धति से जड़ मूल से नष्ट होते हैं रोग- डॉ शर्मा