ऋतेश्वरजी महाराज ने भारत के 2047 तक विश्वगुरु बनने के दृष्टिकोण साझा किये

उदयपुर। परम पूज्य सदगुरु श्री ऋतेश्वरजी महाराज ने भारत के वर्ष 2047 तक विश्वगुरु बनने के कल्पना के बारे में अपने दृष्टिकोण साझा किए। इस दृष्टिकोण को मनाने के लिए उदयपुर में तीन-दिवसीय सैर योजना बनाई गई है, जहां ‘सनातन पुनरुत्थान दिवस’ का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर को ध्यान में रखते हुए, हर साल 5 जनवरी को ‘सनातन पुनरुत्थान दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा, ‘सनातन पुनरुत्थान दिवस’ के उत्सव के समान। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों से लोगों को एकत्र करना है। राष्ट्र की प्रगति और एकता पर चर्चा को बढ़ावा देना है। हर माह की 6 तारिख को स्वयंसेवकों के साथ चर्चाएं होंगी, जिसमें राष्ट्र के भविष्य को आकार देने में टूटी उपस्थिति की महत्वपूर्णता को बताया जाएगा। इसके बाद, मासिक 7 तारीख को संत सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, जहां संतों की दृष्टिकोण और राष्ट्र की प्रगति के लिए संतों के संदेशों को साझा किया जाएगा। यह कार्यक्रम संघ करता है जो जो भारत के नागरिक हैं, मतदान का अधिकार रखते हैं और संविधानी प्रक्रियाओं में समान हिस्सेदार हैं।
गुरुजी ने कहा कि भारतीय और सनातन संस्कृतियाँ मार्गदर्शन, ज्ञान और आगे की दिशा प्रदान करती हैं। ‘आनंदमधम’ संगठन, जिसकी शाखाएं वैश्विक रूप से हैं, शांति और खुशी को प्रोत्साहित करने के लिए काम कर रहा है। दवा के बिना तनाव और डिप्रेशन जैसी समस्याओं का समाधान करना एक महत्वपूर्ण केंद्रबिंदु रहा है, जिस पर दो दशकों से बहुत सकारात्मक परिणाम हुए हैं। गुरुजी ने दुनियाभर में तनाव और असंतोष के चौंकाने वाले आंकड़े पर ध्यान दिया और इसके समाधान में आनंदमधम जैसे संगठनों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। गुरुजी ने भारत में सनातन मूल्यों के प्रति एक नए समर्पण की मांग की, प्राचीन ज्ञान को आधुनिक शिक्षा के साथ मिलाकर राष्ट्र को आगे बढ़ाने के लिए। उन्होंने युवा पीढ़ी को प्रेरित करने और शानदार भारत के पुनर्नवीन हेतु विज्ञान और आध्यात्मिक विज्ञान के मेल की आवश्यकता पर जोर दिया।
22 जनवरी को राम मंदिर के उद्घाटन पर गुरुजी ने कहा कि नरेंद्र मोदी जैसे नेता अपने क्रियाओं के माध्यम से एक उदाहरण स्थापित करते हैं। उन्होंने मोदी के व्यक्तिगत चयनों की सीधी रूप से समर्थन की बात की, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि विवाह स्थिति या जीवन के चयनों के बावजूद, हर किसी को धार्मिक गतिविधियों में भाग लेने का अधिकार है। गुरुजी ने मोदीजी की समर्पित राष्ट्रभक्ति की सराहना की और कहा कि वे अपने वृद्धावस्था आश्रम के चरण में भी राष्ट्र की प्रगति और कल्याण के लिए अथक प्रयासरत हैं।
गुरुजी ने जीवन के अन्य तथ्यों और हिन्दूत्व पर अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि हिन्दूत्व एक जीवन पद्धति है। राष्ट्र एक है, देश एक है और सभी देशवासी एक हैं, और सबको साथ चलना चाहिए और बुराइयों को दूर करना चाहिए, इससे देश का उत्थान होगा। वृद्धाश्रम पर गुरुजी ने कहा कि आनंदम आश्रम विश्व की कई संस्थानों और राष्ट्रवादियों के साथ मिलकर और सनातन संस्कृतियों के साथ मिलकर एक सनातन विश्वविद्यालय का निर्माण करने का संकल्प लिया है, जिसके लिए 1000 एकड़ भूमि भी अधिकृत कर ली गई है जो भारत ही नहीं दुनिया का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय बनेगा।

Related posts:

लूट मामले में अजमेर से उदयपुर लाये जा रहे दो अपराधी अंबामाता पुलिस को चकमा देकर भागे, कुछ दूरी पर दब...

पिम्स हॉस्पिटल में वृद्ध महिला के फेंफड़े की जटिल बीमारी का सफल उपचार

ABB technology helps Wonder Cement to save over 1.8GWh energy annually

एचडीएफसी बैंक के परिवर्तन से राजस्थान में 35.43 लाख से ज्यादा लोगों को लाभ मिला

मेवाड़ में मोदी बोले राजस्थान में सरकार आते ही पेपर माफिया पर कार्रवाई करेंगे, छोटी-बड़ी मछलियों के ...

INDIRA IVF DOUBLES NUMBER OF SUCCESSFUL IVF PREGNANCIES IN THREE YEARS

Nissan releases second glimpse of its all-New, technology-rich and Stylish SUV in 2020

पीआईएमएस उमरड़ा में अत्याधुनिक तकनीक वाली नई सीटी स्केन मशीन का हुआ उद्घाटन

राम मंदिर में फर्श पर पच्चीकारी का सौभाग्य उदयपुर के चेतन को मिला

HDFC Bank Festive Treats 4.0 to ‘Go BIG’ with 10,000+ offers

डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने प्रभु श्री राम दरबार और श्रीराधा-कृष्ण की विशेष पूजा अर्चना की

Axis Mutual Fund launches ‘Axis Consumption ETF’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *