जावर क्षेत्र में ग्रामीण महिला सशक्तिकरण की मिसाल बनी तारा और कमला

हिन्दुस्तान जिंक की सखी परियोजना से जुड़कर परिवार के लिए बनी सबला

उदयपुर। हिन्दुस्तान जिंक जावर माइंस क्षेत्र में ग्रामीण विकास कार्यक्रमों से स्थानीय समुदाय को लाभान्वित कर रहा है। समाजिक विकास कार्यक्रमों के तहत् जिंक द्वारा संचालित की जा रही सखी परियोजना से जुड़कर परिवार का आर्थिक संबंल बनी तारादेवी और कमला मीणा महिला सशक्तिकरण की मिसाल है। जिंक के सखी अभियान से जुडकर स्वावलम्बी और आत्मनिर्भर बन चुकी सखी महिलायें कोराना महामारी के बीच परिवार की आर्थिक स्थिति में कंधे से कंधा मिला कर सहयोग कर रही हैं। सिलाईं के प्रशिक्षण के बाद वर्तमान समय में मास्क का उत्पादन हो या स्वरोजगार के लिए स्वयं का किराना या चाय की हॉटल का व्यवसाय ये महिलाएं कही पीछे नहीं हैं। इन्हें गर्व है कि वे अपने कौशल के बलबूते पर परिवार की समृद्ध आर्थिक ईकाई के रूप में अलग पहचान बना रही है।
तारादेवी अब आत्मनिर्भर स्वर में आत्मसम्मान के साथ बताती है कि सखी परियोजना से जुड़ने से पहले परिवार की मासिक आय से परिवार के पालन पोषण और बच्चों की पढाई में बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता था। कई बार पति द्वारा अर्जित की गयी मजदूरी और कर्ज पर निर्भर रहना मजबूरी थी लेकिन आज वे किसी अन्य पर आश्रित नही है। वर्ष 2016 मंे जिंक द्वारा मंजरी फाण्डेषन के सहयोग से संचालित सखी परियोजना में स्वयं सहायता समूह से जुड़कर बचत का महत्व समझ में आया। समूह से ऋण लेकर घर के समीप ही चाय की दुकान शुरू की। इस स्वरोजगार से ना सिर्फ जल्द ही समूह का ऋण चुकता किया बल्कि अब तो घर की आवश्यकता की वस्तुएं भी खरीदी जा रही हैं।
चाय की दुकान के सफल संचालन के साथ उसमें अन्य बिक्री योग्य सामग्री प्रसाद, नारियल, अगरबत्ती भी रखना शुरू कर दिया जिससे परिवार की आवश्कता के लिए पर्याप्त आय प्रारंभ होने लगी है। अब तारादेवी गर्व से कहती है कि मैं अपने परिवार की आर्थिक रूप से सबला होने के साथ ही जरूरी मामलों में राय और फैसलों से खुश हूं।
इसी तरह कभी घर से बाहर के कार्यों के प्रति संकोच रखने वाली कमला मीणा सखी समूह से जुड़ने से पूर्व बचत और स्वरोजगार से अनभिज्ञ थी। किसी भी कार्य को करने के लिए स्वंतत्र रूप से निर्णय लेना संभव नही था। समूह से जुड़कर 20 रूपयों से शुरूआत करने वाली कमला की बचत बढ़ने के बाद उन्होंने समूह से ऋण लेकर स्वयं की कराने की दुकान शुरू की साथ ही सिलाई मशीन भी खरीदी। कमला कहती है कि जिंक के सखी अभियान से जुडकर आज वे सुखी और समृद्ध जीवन जीने के बुंलद हौसंले के साथ परिवार का सहयोग कर रही है।

सखी अभियान ने महिलाओं को समाज की मुख्य धारा से जोड़ा
जावर माइंस क्षेत्र में सखी परियोजना विगत 4 वर्षो से जि़ंक द्वारा मंजरी फाउण्डेषन के सहयोग से क्रियान्वित की जा रही है। वर्तमान में सखी परियोजना जावर माइंस क्षेत्र के आसपास के 12 ग्राम पंचायत के 26 गॉवों में संचालित है। इसमंे कुल 394 स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से 5071 ग्रामीण महिलाएॅ सम्मिलित है। यह आज परिपक्व होकर 30 ग्राम संगठनों से जुड गयी है, फलस्वरूप एक नये स्तर पर इन ग्राम संगठनों को सखी फेडरेषन के रूप में नई पहचान मिली है। अब तक सखी महिलाओं द्वारा 1.35 करोड रूपये की बचत सुनिश्चित हुई है। महिलाओं द्वारा ऋण के रूप में 5.19 करोड़ रूपयों का लेनदेन किया जा चुका है जिसका समय पर पुर्नभुगतान इनके आर्थिक अनुशासन का परिचायक है जिसका मूल उद्धेश्य आजीविका सृजन है।
उल्लेखनीय है कि जिंक ने सखी अभियान से महिलाओं को समाज की मुख्य धारा से जोडने का अनुकरणीय कार्य किया है। जिंक अपने सामाजिक सरोकार के तहत महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विगत 14 वर्षों से ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं का स्वंय सहायता समूह बनाकर उनकी रूचि एवं आवश्यकता आधारित प्रशिक्षण देकर समाज में अपनी अलग ही पहचान दिलाने का अनुठा प्रयास कर रहा है। फलस्वरूप इस अभियान से जुडी महिलाओं में अदम्य विश्वास मुखरित हुआ है। आज वे आत्मनिर्भर बनकर परिवार की आर्थिक समृद्धि को निरंतर गति दे रही है।

Related posts:

सोलर-रेफ्रीजरेटर पर दो दिवसीय कार्यक्रम 4 व 5 को

India’s First Autonomous (Level 1) Premium SUV - MG GLOSTER launched

सांची ग्रुप करेगा 40 वूमन अचीवर्स का सम्मान

महाराणा राजसिंह द्वितीय की 279वीं जयन्ती मनाई

Hindustan Zinc wins at People First HR Excellence Awards 2021

Born to Covid positive mother, at barely 30 weeks , premature baby beat odds to survive at Jivanta ...

सुमिता सरोच संभालेंगी उदयपुर पर्यटन विभाग की कमान

युवा राष्ट्र निर्माण में मेहनत और लगन से अपना योगदान सुनिश्चित करें: अरूण मिश्रा

निर्जरा भावना, बोद्धि दुर्लभ भावना, धर्म भावना तथा लोक भावना पर कार्यशाला

प्रकटेश्वर महादेव मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के तहत शोभायात्रा एवं कलशयात्रा का आयोजन

आलोक स्कूल में डॉ. संपदानंद मिश्र की पुस्तकों का कोर्स प्रारंभ

गिर्वा और गोगुन्दा के दिव्यांगजन हुए लाभान्वित

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *