भगवान और कोई नही स्वयं आनंद है : संजय शास्त्री
उदयपुर। आनंद को पलटा नहीं जा सकता उसके आगे ब्रह्म लगाने से ब्रह्मानंद और परम जोडऩे से परमानंद हो जाता है। जीवन का सत्य धर्म में छुपा है। धर्म के समान दूसरा कोई सत्य नहीं है। श्रीमद् भागवत कथा ही परम धर्म है। यह जीवन में आवागमन से मुक्ति प्रदान कर भगवान की स्वयं को प्राप्त करने की कथा है। ये विचार पानेरियो की मादड़ी स्थित घूमर गार्डन में गुरुवार से प्रारंभ हुई रसमयी श्रीमद् भागवत का महत्व बताते बांसवाड़ा के भागवताचार्य संजय शास्त्री ने व्यक्त किये।
कथा प्रारंभ से पूर्व प्रात: मादड़ी स्थित ओकारेश्वर महादेव से कलश शोभायात्रा निकाली गई। यात्रा में कलश लिए महिलाएं एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। व्यासपीठ के कथावाचक सुसज्जित बग्गी में विराजमान थे। आयोजक श्यामलाल मेनारिया एवं परिवार ने बताया गुरूवार का आयोजन खास ओधी के महाराज प्रयाग गिरीजी के सान्निध्य में शुरू हुआ। रोजाना भागवत कथा 01 अगस्त तक प्रतिदिन दोपहर 2 से शाम 6 बजे तक होगी। 2 अगस्त को सुबह 9 से 1 बजे पूर्णाहुति के साथ कथा समाप्त होगी।
पानेरियों की मादड़ी में रसमयी श्रीमद् भागवत शुरू
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