उदयपुर के 470वें स्थापना दिवस पर सिटी पेलेस के जनाना महल में सजा ‘आर्ट एण्ड क्राफ्ट’ बाजार

उदयपुर। महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन ओर से उदयपुर के 470वें स्थापना दिवस (अक्षय तृतीया) पर सिटी पैलेस के जनाना महल में सृजन ‘आर्ट एण्ड क्राफ्ट बाजार’ का आयोजन किया गया। इसमें राजस्थान के हस्तशिल्पियों द्वारा निर्मित विभिन्न पारम्परिक उपयोगी एवं सजावटी कलात्मक सामग्री को पर्यटकों के लिए प्रदर्शित किया गया तथा फाउण्डेशन की ओर से उदिया म्यूजियम सोविनियर शॉप का शुभारम्भ किया गया। इसमें मैजिक मग, मग, मोबाइल होल्डर, पानी की बोतल, नाइट लेम्प, वाटर कैन आदि उपयोगी व डेकोरेटिव वस्तुए रखी गई हैं जिन पर गणगौर, बोट, छत्तर पट्टा, मोर आदि के खूबसूरत चित्र प्रिन्ट किये गए हैं।


महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी भूपेन्द्रसिंह आउवा ने बताया कि महाराणा उदयसिंह द्वितीय ने अक्षय तृतीया विक्रम संवत् 1609 (सन् 1553) पर उदयपुर को नई राजधानी बनाई। महाराणा ने नया नगर बसाने के उद्ेदश्य से यहां जड़िया, कंसारा, सिकलीगर, कुम्हार, मोची, सुथार, बुनकर, वारी, गांची, तम्बोली, चित्रकार व रंगरेज-छिपा आदि को बसाया। उदयपुर के विकास में इन हस्त कलाकारों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वर्तमान में इन समुदायों द्वारा उत्पादित हस्तशिल्प सामग्री मेवाड़ की जीवन्त विरासत का प्रतीक है। प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य उदयपुर की स्थापना दिवस पर हस्तशिल्पियों की कला को देश-विदेश के पर्यटकों के सम्मुख प्रस्तुत कर स्थानीय कला एवं कलाकारों से अवगत कराना रहा।
प्रदर्शनी में स्थानीय हस्तकलाकार राजेश मोगिया द्वारा बनाई गई विभिन्न देशी पत्थरों से मॉर्डन आर्ट की सजावटी व कलात्मक मूर्तियों में गणेशजी, शिवलिंग, हाथी आदि प्रदर्शित किये गए। खेरादीवाड़ा के संजय कुमावत ने लकड़ी के लट्टू, डमरू, बच्चों की गाड़ी, झूनझूना, लकड़ी के की-चैन के साथ बच्चों का मनमोह लेने वाले आकर्षक खिलौने सजाये। महेन्द्र सिकलीगर की स्टॉल पर सजावटी एवं शादी-ब्याह में काम आने वाली कटारें, छड़ियां आदि रखे गये जिनकी मूठ चाँदी व मेटल की सुन्दर कलाकृतियां सुशोभित थी। गुलाबसिंह गौड़ की स्टॉल पर राजस्थान की प्रसिद्ध बंधेज, दुपट्टा, लेहरिया, राजस्थानी लहंगा चुन्नी, पशमीना लंहगा चुन्नी इत्यादि प्रदर्शित किये गये। करणसिंह द्वारा बनाई गई विभिन्न मीनीएचर पेन्टिंग्स में ढोलामारू, हाथी-घोड़े के साथ ही श्रीनाथजी की पिछवाई, गायंे आदि प्रदर्शित की गई। पर्यटकों ने हस्तनिर्मित वस्तुओं में खासी रूची दिखाई तथा स्थानीय कला एवं कलाकारों की भूरि-भूरि प्रशंसा की।

Related posts:

नए जमाने की जिंक आधारित बैटरी तकनीक के लिए हिंदुस्तान जिंक और जेएनसीएएसआर के बीच एमओयू

जिला स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह में डॉ. विमला भंडारी सम्मानित

आदर्श कोऑपरेटिव की बैठक संपन्न

महाकुंभ प्रयागराज में नारायण सेवा संस्थान का विशाल दिव्यांग सेवा शिविर शुरू

पोस्ट कोविड केयर पर परिचर्चा

पिम्स हॉस्पिटल, उमरड़ा में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर कार्यक्रम आयोजित

उदयपुर में तनाव मामला : वन भूमि पर अतिक्रमण कर बनाये गये मकान पर चला बुलडोजर

उड़ीसा के मुख्यमंत्री माझी व डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ के बीच हुई शिष्टाचार भेंट, उड़ीसा-मेवाड़ के र...

एससीईआरटी निदेशक ने किया डाइट का निरीक्षण

हिन्दुस्तान जिंक लगातार दूसरी बार विश्व की सबसे सस्टेनेबल मेटल और माइनिंग कंपनी

भारत की सबसे खूबसूरत मैराथन, वेदांता जिंक सिटी हाफ मैराथन का दूसरा संस्करण 21 सितंबर को

डाबर च्यवनप्राश द्वारा उदयपुर में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित