स्वर्णिम स्टार्टअप एन्ड इनोवेशन यूनिवर्सिटी ने आचार्यश्री प्रसन्नसागरजी महाराज को प्रदान की मानद उपाधि

उदयपुर। गांधीनगर स्थित, स्वर्णिम स्टार्टअप एवं इनोवेशन यूनिवर्सिटी ने दिगंबर जैन समाज के संत, परमपूज्य अंतर्मना आचार्यश्री प्रसन्न सागरजी महाराज को मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की। यह उपाधि आचार्यश्री को साहित्य के क्षेत्र में प्रदान की गई है। मुक्ति मार्ग पर आचार्यश्री प्रसन्नसागरजी महाराज ने सफलतापूर्वक स्व-अनुशासन के साथ ही भौतिक व नैतिक अवरोधों को नियंत्रण में रखा है और वे एक ख्यात आध्यात्मिक नेतृत्वकर्ता व समाज सुधारक के रूप में प्रेरणा बने हैं।
डॉ. रागिन शाह, प्रोवोस्ट, स्वर्णिम स्टार्टअप एन्ड इनोवेशन यूनिवर्सिटी द्वारा यूनिवर्सिटी की एकेडमिककाउन्सिल एवं इसके बोर्ड ऑफ़ मैनेजमेंट की ओर से यूनिवर्सिटी के कुलपति के समक्ष मानद उपाधि, डॉक्टर ऑफ़ लिटरेचर (अनॉरस कॉसा) का प्रस्ताव पेश किया था।
ऋषभ जैन, यूनिवर्सिटी प्रेजिडेंट ने कहा कि भारत एक आध्यात्मिक देश है जो कि हमारे देश के विकास में मार्गदर्शन प्रदान करता है। हम अपने विश्वविद्यालय में इस बात पर विश्वास करते हैं कि इनोवेशन का मार्ग, मूल्यों की नींव पर बना होता है। आदरणीय आचार्यश्री प्रसन्नसागरजी महाराज को डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान करना, समाज में उनके योगदान को सम्मान प्रदान करने का हमारा विनम्र प्रयास है और इससे हमारे विद्यार्थियों को भी आचार्यश्री की अनुशासित एवं एकाग्र जीवनशैली से सीखने का उत्साहवर्धन मिलेगा, जो कि किसी भी सफल और अग्रणी इनोवेशन की मूल आवश्यकता होती है।
आचार्यश्री प्रसन्नसागरजी महाराज ने कहा कि कोई भी उपाधि पाना बड़ी बात नहीं है, किन्तु उस उपाधि को अपने दिमाग पर हावी न होने देना अधिक बड़ी चुनौती है। पद, धन व यश धर्म व सदाचार से प्राप्त होता है। इस प्रकार देखा जाए तो मैंने यह उपाधि प्राप्त नहीं की है, यह मेरे सद्कार्य हैं जो आज मुझे यह सम्मान प्राप्त हुआ है। यदि हम धर्म व सदाचरण की पूँजी को विलासिता में लगा देंगे तो यह उसी क्षण नष्ट हो जायेगा। अर्थात धर्म और सदाचरण का सुफल कोई उपाधि नहीं है, धर्म और सदाचरण का सुफल, रक्षक का सुफल है। स्वर्णिम विश्वविद्यालय ने जिस प्रकार यह आयोजन किया है वह सराहनीय है।
उल्लेखनीय है की आचार्यश्री की त्रिमूर्ति विचारधारा में, सही विश्वास, सही ज्ञान व सर्वोचित आचरण की भावना सम्मिलित है। वे निरंतर कई हफ्तों व महीनों तक बिना भोजन व जल के कठिन तप करते हैं। आचार्यश्री अपनी महत्वपूर्ण शिक्षाओं के लिए जानेजाते हैं, जिनके अंतर्गत वे धर्म व उससे संबंधित संस्कारों एवं रीतियों के बारे में प्रचलित कई मिथकों को दूर करते हैं। आध्यात्मिक नेतृत्वकर्ता होने के साथ ही आचार्यश्री एक समाज सुधारक के रूप में भी प्रेरक हैं। उन्होंने अपनी शिक्षाओं व मूल्यों को कम से कम दो दर्जन जेलों में कैदियों के पुनरुत्थान के लिए भी प्रसारित किया है। उन्होंने कैदियों से बात करके उन्हें जेल से छूटने के बाद उच्च विचार आधारित मार्ग पर चलने एवं नैतिकता व मूल्य आधारित जीवन जीने के लिए प्रेरित किया है। आचार्यश्री को इसके अतिरिक्त अन्य कई महत्वपूर्ण व प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हो चुके हैं। इनमें वर्ष 2009 में महावीर जयंती के पावन अवसर पर, गोमतेश्वर बाहुबली में भत्रक स्वस्ति श्री चारू कीर्ति महा स्वामीजी द्वारा प्रदत्त आचार्य भद्रबाहु महाराज सम्मान शामिल है, जहाँ आचार्यश्री को उनके आध्यात्मिक अभ्यास हेतु, विशाल जनसमूह के समक्ष स्वामीजी द्वारा मोर पिच्छिका प्रदान कर सम्मानित किया गया।
आचार्यश्री को वर्ष 2015 में दिल्ली में क्रन्तिकारी जैन संत मुनिश्री तरुण सागरजी महाराज द्वारा द्वितीय तपस्वी सम्राट का नाम भी प्रदान किया गया है। वर्ष 2018 में आचार्यश्री को गुजरात के गवर्नर द्वारा साधना महोदधि व गुजरात केसरी का भी सम्मान प्रदान किया गया। इसके पश्चात वर्ष 2019 में श्री के गुरु गणाचार्य, आचार्यश्री पुष्पदंत सागरजी महाराज द्वारा उन्हें गुरु पूर्णिमा के अवसर पर तपस्याचार्य की उपाधि से सम्मानित किया व नवंबर 29 को जैन मुनि अंकलीकर परम्परा के अनुसार उन्हें आचार्य का पद प्रदान किया। वर्ष 2020 में महावीर जयंती की पूर्व संध्या को, जम्बूद्वीप, हस्तिपुर में गणिनी आर्यिका ज्ञानमती माताजी ने अंतर्मना आचार्यश्री को प्रवचन प्रभाकर की उपाधि प्रदान की।

Related posts:

'अपनों से अपनी बात ' सोमवार से

हिन्दुस्तान जिंक को तीसरी तिमाही में 1,620 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ, तिमाही के दौरान धातु एवं चांदी क...

ऐमरा द्वारा भारत के नंबर वन मोबाइल ब्रांड श्योमी को खुली चिट्ठी

गहलोत सरकार के खिलाफ भाजपा देहात जिला का प्रदर्शन

डेथ क्लेम आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ से मिलेगा एक ही दिन में

हिन्दुस्तान जिंक द्वारा आयोजित शीतकालीन शैक्षिक शिविरों में 1600 से अधिक विद्यार्थी लाभान्वित

पिम्स मेवाड़ कप का पहला सुपर ओवर, मेवाड़ टूरिज्म क्लब ने जीता

जियोमार्ट और स्मार्ट स्टोर्स ने 'बेस्टिवल सेल' के साथ देश के सबसे बड़े त्योहार के जश्न की शुरुआत की

डॉ. छापरवाल को मिली फेलो ऑफ इंडियन कॉलेज ऑफ फिजीशियन की मानद उपाधि

Hindustan Zinc’s Zawar Group of Mines host one day Technical Workshop on Ground control of Undergrou...

रोबोटिक्स तकनीक से इलाज प्राप्त मरीजों के लिए आयोजित वॉकाथॉन, घुटने के प्रतिस्थापन सर्जरी के लाभों प...

एचडीएफसी बैंक ने अंजनी राठौड़ को चीफ डिजिटल ऑफिसर बनाया