उदयपुर : विज्ञान समिति और डॉ. दौलत सिंह कोठारी शोध एवं शिक्षण संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को विश्व पर्यावरण दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया । आरंभ में सभी की उपस्थिति में समिति प्रांगण में पौधारोपण किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वार्ताकार पेसिफिक मेडिकल विश्वविद्यालय के डीन छात्रकल्याण डॉ. एम जी वार्ष्णेय तथा विशिष्ट अतिथि अलर्ट संस्थान के अध्यक्ष जितेंद्र मेहता थे। समिति अध्यक्ष डॉ. महीप भटनागर ने 2025 की विषय वस्तु ‘बीट द प्लास्टिक पॉल्यूशन’ की व्याख्या के साथ अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि प्लास्टिक के नैनो पार्टिकल्स हमारे खाद्य व पेय पदार्थों के साथ शरीर में जा रहे हैं और विभिन्न हिस्सों में एकत्रित होकर कई बीमारियां जैसे कैंसर, हार्मोनल असंतुलन आदि बढ़ा रहे हैं। उन्होंने प्लास्टिक के उपयोग को कम करने का आह्वान किया।

डॉ. वार्ष्णेय ने घर या आसपास के स्थानों पर नीम के पौधारोपण के लिए लोगों को जागृत किया और कहा कि प्लास्टिक का उत्पादन पूर्ण रूप से तो नहीं रोका जा सकता परंतु अगर हम सभी यह प्रण लेें कि प्लास्टिक की थैलियां वातावरण को दूषित करने के लिए बाहर न फेेंके और इनको एकत्रित कर व्यवस्थित रूप से उनका निस्तारण करें। जितेन्द्र मेहता ने उदयपुर संभाग के गांवों में छोटे जलाशयों का निर्माण, एनिकट, मृदा के क्षरण को रोकने के उपायों के साथ-साथ वॉटर हारवेस्टिंग पर विशेष रूप से चर्चा की। कोठारी संस्थान के अध्यक्ष डॉ. पोखरणा ने विशेष रूप से जैन साधु-संतों की दैनिक चर्या का वर्णन करते हुए बताया कि वे किस प्रकार पर्यावरण का संरक्षण सहज रूप से अपनी दिनचर्या के माध्यम से करते हैं। समिति के कुलप्रमुख डॉ के एल कोठारी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की और अपनी दिनचर्या में प्लास्टिक के उपयोग को कम करने और पर्यावरण संरक्षण के लिए संकल्प लेेने के लिए प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम में इशांत सक्सेना, कक्षा 6 और विहान करणपुरिया, कक्षा 4 ने प्लास्टिक प्रदूषण रोकने पर अपने विचार रखें, जिसे सदन ने सराहा। संचालन डॉ. के पी तलेसरा ने जबकि धन्यवाद डॉ. के एल तोतावत ने दिया । समिति के गणमान्य सदस्यों में डॉ. डी एस मोगरा, डॉ. अनिल भटनागर, वर्द्धमान मेहता, डॉ. बी एल चावत, शांतिलाल भण्डारी, डॉ. राकेश दशोरा, इंजी वाई के बोलिया, प्रकाश तातेड़, इंजी आर के खोखावत आदि उपस्थित थे।