उदयपुर। परम पुण्यदायी योगिनी एकादशी पर्व के क्रम में नारायण सेवा संस्थान के हिरण मगरी, सेक्टर-4 स्थित मानव मन्दिर में त्रिदिवसीय ‘अपनों से अपनी बात’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। संस्थान अध्यक्ष प्रशान्त अग्रवाल ने कहा कि जिस घर-परिवार में करुणा और स्नेह की प्रतिमूर्ति मातृशक्ति का सम्मान होता है, वहां देवी-देवताओं का वास होता है। ऐसा परिवार हमेशा खुश और समृद्ध रहता है।
कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों से आए दिव्यांगजन और उनके परिजनों ने अपनी समस्याएं और अनुभव भी साझा किए। उन्होंने बताया कि जन्मजात विकलांगता अथवा हादसों में हाथ-पैर गंवाने के बाद वे लम्बे समय तक नैराश्य और अवसाद में रहे। लेकिन यहां उन्हें न केवल खड़े होने का सहारा बल्कि रोजगारोन्मुख प्रशिक्षणों के माध्यम से आत्म निर्भरता भी मिली।
अग्रवाल ने कहा कि मनुष्य ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ कृति है। अतएव हमें ऐसे काम करने चाहिए जिससे जन्म सार्थक हो जाए। उन्होंने कहा कि अपने माता-पिता के प्रति कृतज्ञ होना चाहिए। हमारे सुख-दुःख में बाहरी सम्बन्ध ज्यादा काम नहीं आते। कठिनाई के समय परिवार ही हाथ थामता है। वही सर्वोपरि रहना चाहिए। भगवान श्रीराम ने अपने पिता के दिए वचनों का मान रखने के लिए चौदह वर्ष का वनवास सहज स्वीकार कर लिया था। जिन्हें हम आज मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में पूजते हैं। उन्होंने कहा कि हमें ऐसे लोगों की संगति नहीं करना चाहिए जो हमेशा कमियां और दोष ही ढूंढते हैं। लेकिन उनके पास उनके निवारण का कोई विकल्प नहीं होता।
मातृ शक्ति के सम्मान से समृद्धिः अग्रवाल
