गिले शिकवे भूलकर कहा – खमत ख़ामना
उदयपुर। अणुव्रत चौक स्थित तेरापंथ भवन में आचार्य महाश्रमण के आज्ञानुवर्ति शासनश्री मुनि सुरेशकुमार के सान्निध्य में जैन तेरापंथ समाज ने बीते वर्ष के गिले शिकवे भूलकर एक दूसरे को खमत ख़ामना कहा। इस मौक़े आयोजित क्षमापना कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुनिश्री ने कहा कि हम वेर रखने से महान नहीं होते। महान वे हैं जो गलती कितनी भी बड़ी क्यूं न हो सरल मन से क्षमा कर दे। यही जैनत्व का आदर्श है। आज अगर मन की गाँठे नहीं खुली तो पर्युषण पर्व मनाना व्यर्थ हो जाएगा। बीमारी हो तो शल्य चिकित्सा जरुरी है। क्षमयाचना मन और आत्मा के घावों की शल्यचिकित्सा है। उन्होंने आचार्य महाश्रमण सहित देशभर में प्रवासित जैन आचार्यों, साधु-साधवियों, श्रावक श्रविकाओं, विभिन्न संस्था के पधाधिकारियों व सम्पूर्ण समाज से खमत ख़ामना की।
मुनि संबोधकुमार ‘मेधांश’ ने कहा कि नफरतों को हजारों मौका दे कि वे प्यार में बदल जाए मगर प्यार को एक भी मौका ना दे कि वो नफऱत में बदल जाए। आज अगर किसी का न्यायालय में केस चल रहा हो तो बड़ी उदारता से केस को रद्द कर दे यही जैनत्व का आदर्श और सम्यक्त का रक्षा मंत्र है ।
तेरापंथ सभा अध्यक्ष अर्जुन खोखावत, तेरापंथ महासभा सदस्य महेंद्र सिंघवी, आंचलिक प्रभारी धीरेंद्र मेहता अभा तेयूप जेटीएन प्रभारी अभिषेक पोखरना, राष्ट्रीय सदस्य अजीत छाजेड़, एमबीडीडी राजस्थान रीजनल कोच राजीव सुराना, तेयूप अध्यक्ष अक्षय बड़ाला, पूर्व अध्यक्ष मनोज लोढ़ा, पूर्व सभा अध्यक्ष एसपी मेहता, महिला मंडल अध्यक्षा सीमा पोरवाल, किशोर मंडल संयोजक यश परमार, सहसंयोजक ऐश्वर्य नाहर, कन्या मंडल सहसंयोजिका कृति नांद्रेचा ने भावपूर्ण अभिव्यक्ति से मुनिवृंद व समाज से कर्तव्य निर्वाह पथ पर जाने अनजाने हुई भूलों के लिए क्षमा याचना की। क्षमापना समारोह का संचालन तेरापंथ सभा मंत्री विनोद कच्छारा ने किया।
श्रीमती मनीषा के मासखमण सहित 40 तपस्वियों का होगा समारोहपूर्वक वर्धापन :
शुक्रवार 2 सितम्बर को प्रात: 9.15 बजे मुनि सुरेशकुमार के सान्निध्य में मासखमण तपस्वी श्रीमती मनीषा पोरवाल सहित पर्युषण पर्व के तहत विभिन्न तपस्या करने वाले 40 तपस्वियों का समारोहपूर्वक तेरापंथ सभा द्वारा अभिनंदन किया जाएगा।