उदयपुर। जैनधर्म के प्रमुख पर्युषण पर्व के तहत मुनियों व साहितीयों के सान्निध्य में विभिन्न रूपों में श्रावक श्राविकाएं आराधना कर रहे हैं। महापर्व के दूसरे दिन स्वाध्याय दिवस को सम्बोधित करते हुए ध्यान साधक शासनश्री मुनि सुरेशकुमार ने कहा कि जो पठन स्वयं का अध्य्यन करने की प्रेरणा दे वहीं स्वाध्याय है। सत्साहित्य से प्रेम करें, वह अपनी आत्मा के लिए सिद्धियों के दरवाजे खोल देता है। जब किताबों से दोस्ती हो जाए तो हम अपनी समस्याओं का समाधान स्वयं ढूंढ लेते हैं। जाने अनजाने अपने कर्तृत्वों से हम घने कर्म बंध कर लेते हैं। पर्युषण पर्व कार्मिक अकाउंट को जीरो करने का पर्व है। स्वाध्याय अस्तित्व के खोज का रास्ता है। जब भी जीवन में अकेलापन महसुस करे, कोई अच्छी किताब को अपने हाथ में उठा लें। जीवन का सुख यही मिलेगा मुनि प्रवर ने स्वाध्याय दिवस पर सुमधुर गीत का संगान किया।
मुनि सम्बोधकुमार ‘मेधांश’ ने संवाद शैली में भगवान महावीर की पूर्व भव की यात्रा के सौलवे भव का उल्लेख करते हुए कहा कि विशाख नंदी अपने चाचा द्वारा अपने साथ खेली गई राजनीति का शिकार होकर मन से वैरागी होकर महाव्रती हो जाता है। यह दुनिया ऐसी है जहां जब तक जेब में पैसा है तब तक सब पूछेंगे भाई तू कैसा है। अपना मतलब निकलने के बाद लोग नाम ही नहीं चेहरा भी भूल जाते हैं। पर्युषण खुदगर्ज दुनिया में स्वयं से प्रेम करना सिखाता है। हम जब अपने आपसे प्यार करने लगे तो फिर कहीं और प्यार ढूंढने की जरूरत नहीं होगी। इससे पूर्व प्रथम दिवस खाद्य संघम दिवस पर मुनि प्रवर ने श्रावक-श्राविकाओं को सम्बोधित किया। रात्रीकालीन कार्यक्रम के तहत मुनि सम्बोधकुमार ‘मेधांश’ ने वास्तु से वास्ता विषय पर उद्बोधन देते हुए वास्तु शास्त्र के नियम, करणीय-अकरणीय पर विश्लेषण किया।
पंचरंगी तप, श्रमणोपासक शिविर व अखंड नमस्कार महामंत्र अनुष्ठान शुरू :
आठ दिवसीय साधना के तहत मुनि प्रवर के सान्निध्य में पचरंगी तप, श्रमणोपासक शिविर व अखंड नमस्कार महामंत्र अनुष्ठान शुरू हो गया।
पर्युषण पर्व के तीसरे दिन सामायिक दिवस पर अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद द्वारा निर्देशित तेरापंथ युवक परिषद् द्वारा आयोजित अभिनव सामायिक कार्यक्रम होगा। कार्यक्रम में हजारों श्रावक-श्राविका एक साथ सामायिक आराधना करेंगे। वहीं रात्रिकालीन कार्यक्रम के तहत भूतों के रहस्यों पर प्रवचन होंगे।
कार्मिक अकाउंट को जीरो करने का पर्व है पर्युषण : मुनि सुरेशकुमार
