प्रधानमंत्री की मंशा और मुख्यमंत्री की दूरदर्शिता ने बदली किसानों की किस्मत

किसानों को आर्थिक सक्षम बनाने में सफल हो रही सरकार
किसान सम्मान निधि के जरिए किसानों को मिल रहा दोतरफा संबल,
उदयपुर में 2 लाख से अधिक किसान परिवार हो रहे लाभान्वित
उदयपुर।
राजस्थान राज्य में कृषि एक प्रमुख व्यवसाय है जिसका प्रदेश की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान है और अधिकांश  किसानों की आय केवल कृषि पर ही निर्भर करती है। इसी के चलते सरकार ने विभिन्न योजनाओं के माध्यम से राजस्थान के किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के प्रयास किए हैं। इन योजनाओं में कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने, नई तकनीकों के उपयोग को प्रोत्साहित करने, बुनियादी ढांचे की सुधार करने और किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने जैसे पहलुओं पर काम किया है। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है और उनका जीवन स्तर उठाने में मदद मिली है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (पीएम-किसान) भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है जो किसानों को आर्थिक समर्थन प्रदान करने का उद्देश्य रखती है। इस योजना के अंतर्गत, देशभर के किसानों को सालाना किश्तों में 6 हजार की सहायता प्रदान की जाती है, जो तीन किस्तों में डीबीटी के जरिए सीधे पात्र किसान के बैंक खाते में जमा होती है। यह योजना सभी भारतीय काश्तकारों को लाभान्वित करती है, चाहे वे गांव में हों या शहरों में।
पीएम-किसान योजना के माध्यम से किसानों को सीधे उनके बैंक खाते में लाभ प्रदान किया जाता है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और वे अपनी खेती में नई तकनीकों का उपयोग कर सकते हैं। इस योजना से किसानों को वित्तीय सहायता प्राप्त होती है, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है और उनकी आय में स्थिरता आती है।
देश के किसानों को खुशहाल बनाने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा से प्रेरणा लेते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश के पीएम-किसान योजना के लाभान्वित करीब 65 लाख से अधिक किसानों को प्रतिवर्ष 2 हजार रुपये की अतिरिक्त वित्तीय सहायता देने की बजट घोषणा की। उक्त घोषणा को मूर्त रूप देते हुए उन्होंने सीएम किसान सम्मान निधि योजना का शुभारंभ गत रविवार को टोंक में राज्य स्तरीय कार्यक्रम से किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश के 65 लाख से अधिक किसानों के बैंक खातों में डीबीटी के जरिए एक-एक हजार रुपये की पहली किश्त ट्रांसफर की। सीएम किसान सम्मान योजना के जरिए प्रदेश के किसानों को राज्य सरकार द्वारा प्रतिवर्ष तीन किस्तों के जरिए 2 हजार रुपये की अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्राप्त होगी जिसमें पहली किश्त में एक हजार तथा दूसरी एवं तीसरी किश्त में पांच-पांच सौ रुपये किसानों को सीधे बैंक खातों में प्राप्त होंगे। इस प्रकार केंद्र एवं राज्य सरकार दोनों से किसानों को दोहरा लाभ प्राप्त होगा और प्रतिवर्ष प्रदेश के किसानों को आठ हजार रुपये की वित्तीय सहायता प्राप्त होगी।
किसान सम्मान निधि योजना के तहत जिले की झाडोल तहसील में सर्वाधिक 44 हजार 343 काश्तकार लाभान्वित हो रहे है। इसी प्रकार मावली में 41 हजार 719, गिर्वा में 37 हजार 113, गोगुन्दा में 33 हजार 616, वल्लभनगर में 33 हजार 468, खैरवाड़ा में 19 हजार 863, कोटडा में 17 हजार 192, ऋषभदेव में 16 हजार 660, भींडर में 2 हजार 366, कानोड़ में 2 हजार 158, कुराबड़ में 2 हजार 16, बड़गांव में 1 हजार 139 तथा नयागांव तहसील में 480 किसानों को योजना के तहत लाभ मिल रहा है। इस प्रकार जिले में कुल 2 लाख 52 हजार 153 काश्तकार किसान सम्मान निधि योजना के तहत लाभान्वित हो रहे है।
गत रविवार को उदयपुर में टाउन हॉल स्थित सुखाड़िया रंगमंच में आयोजित मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के शुभारंभ के जिला स्तरीय कार्यक्रम में शामिल होने आए वल्लभनगर ब्लॉक के रोहीखेड़ा निवासी हरिराम पुत्र जोराजी कीर और करमाजी पुत्र डालूजी कीर ने बताया कि हमें फसल बोने के लिए बीज-खाद की व्यवस्था के समय हाथ नहीं फैलाने पड़ेंगे। पहले कई किसान भाई साहूकार से उधार लेकर बीज-खाद की व्यवस्था करते थे, लेकिन प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से साल में तीन बार दो हजार रूपए मिल जाते हैं और अब राज्य सरकार भी दो हजार अतिरिक्त दे रही है। इससे किसानों को बहुत बड़ी राहत मिलेगी। इसी प्रकार मावली ब्लॉक के बडियार निवासी रामाजी पुत्र नाथूजी गुर्जर और भंवरगिरी पुत्र उदयगिरी गोस्वामी ने भी किसानों के दर्द को समझने और किसान को संबल देने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि किसान भाइयों को सम्मान और संबल देने की प्रेरणा हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिली है। उन्होंने प्रधानमंत्री पद की तीसरी बार शपथ लेते ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 17वीं किस्त जारी की। किसान कल्याण राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

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