मस्तिष्क, शरीर को लचीला व मजबूत बनाने में थैराबैंड एक्ससाईज कारगर : प्रो. सारंगदेवोत
थेराबैंड एक्साईज हर उम्र में उपयोगी – डॉ. यादव
उदयपुर : जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड विश्वविद्यालय के संघटक फिजियोथेरेपी चिकित्सा महाविद्यालय की ओर से मंगलवार को प्रतापनगर स्थित आईटी सभागार में ‘‘ थेराबैंड एक्ससाईज ’’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत, अमेरिकन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विनय जोशी, विषय विशेषज्ञ आबुधाबी युएई डॉ. महेन्द्र कुमार यादव, प्राचार्य डॉ. शैलेन्द्र मेहता ने मॉ सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पांजलि एवं दीप प्रज्वलित कर किया।
डॉ. जोशी ने कहा कि किसी भी प्रकार की ओर्थो सर्जरी के बाद फिजियोथेरेपी की आवश्यकता होती है इसके बिना कोई भी ऑपरेशन सफल नहीं हो सकता है। आज तकनीक के युग में कई प्रकार की थेरेपी आ रही है जिसमें थेराबैंड एक्ससाईज भी प्रमुख है।
अध्यक्षता करते हुए प्रो. सारंगदेवोत ने कहा कि थेराबैंड एक्ससाईज व्यक्ति अपने घर या बाहर कही भी कुछ समय निकाल कर इसका उपयोग कर सकता है। इसमें किसी प्रकार के कोई साईड इफेक्ट भी नहीं है। कम खर्चे में व्यक्ति अपने पूरे शरीर की मांसपेशियों को मजबूत कर सकता है। बुजूर्ग व्यक्ति थैराबेंड एक्ससाईज की मदद से कसरत कर उम्र के प्रभाव को कम कसता है और अपने शरीर केा लचीला बना सकते है।
विषय विशेषज्ञ डॉ. महेन्द्र कुमार यादव ने थेराबैंड एक्ससाईज के बारे में बताते हुए कहा कि इस विधि में 200 से अधिक तरीकों से एक्ससाईज कर व्यक्ति अपने शरीर व मांसपेशियों को मजबूत कर सकता है। एक्सीडेंट के अलावा अधिक समय तक बैठने वाली कार्यप्रणाली से भी व्यक्ति का पूरा शरीर जाम हो जाता है जिससे उसे उठने, चलने में दिक्कत आती है, थेराबैंड एक्ससाईज से व्यक्ति अपने घर पर ही एक्ससाईज कर सकता है। व्यक्ति हृदय की बीमारियों से सम्बंधित सर्जसी के बाद हृदय की क्षमता केा बढाने की कसरत भी कर सकता है। खिलाडियोे के लिए थैराबेंड की मदद से स्पेार्ट टेªनिंग कराई जा सकती है। महिलाए भी घर में ही थैराबेंड की सहायता से फिटनेश से सम्बंधित कसरत कर सकती है।
संचालन डॉ. प्रज्ञा भटट् ने किया जबकि आभार डॉ. शैलेन्द्र मेहता ने दिया। इस अवसर पर डॉ. सुमिता ग्रोवर, डॉ. विनोद नायर, डॉ. मानस कांति, डॉ. दिव्या तिवारी, डॉ. निलम निमावत, डॉ. कार्तिक सुखवाल, डॉ. आरूषी टंडन सहित विधार्थी उपस्थित थे।