वेदांता की नंदघर, जॉन स्नो इंक. (JSI) और रॉकेट लर्निंग के साथ साझेदारी

नई दिल्ली : वेदांता की प्रमुख सीएसआर पहल ‘नंद घर’ पारंपरिक आंगनवाड़ियों को आधुनिक केंद्रों में रूपांतरित कर रही है, जो स्मार्ट शिक्षा उपकरणों, BaLA (बिल्डिंग एज लर्निंग एड) डिज़ाइन, एलईडी टीवी और बच्चों के अनुकूल ढांचे से सुसज्जित हैं, जिससे 3–6 वर्ष के बच्चों के लिए आकर्षक और सुरक्षित वातावरण तैयार हो। नंद घरों में बच्चों और माताओं को पोषक आहार, स्वास्थ्य सेवाएं और पोषण सहायता प्रदान की जाती है, साथ ही महिलाओं को कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से सशक्त किया जाता है जिससे आजीविका और समुदाय का समग्र विकास सुनिश्चित हो सके।
प्रोजेक्ट बालवर्धन, अनिल अग्रवाल फाउंडेशन द्वारा शुरू की गई एक पहल है, जिसका उद्देश्य बच्चों में कुपोषण से लड़ना और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की क्षमता को बढ़ाना है। NFHS-5 के अनुसार, राजस्थान में 5 वर्ष से कम उम्र के 31.8% बच्चे स्टंटिंग और 16.8% बच्चे वेस्टिंग का शिकार हैं। इस परियोजना के माध्यम से धौलपुर, राजस्थान में 800 से अधिक आंगनवाड़ी केंद्रों को नंद घर में बदला जाएगा, जिससे 80,000 से अधिक बच्चों और 14,000 महिलाओं को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा और कुल मिलाकर 1,00,000 से अधिक समुदाय के लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
इस पहल में एक 360-डिग्री प्रणालीगत दृष्टिकोण अपनाया गया है, जो प्रारंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा (ECCE) को मजबूत करने, सभी प्रकार के कुपोषण से निपटने, और ICDS राजस्थान के दिशा-निर्देशों के अनुसार गुणवत्तापूर्ण पूरक पोषण सुनिश्चित करने पर केंद्रित है। साथ ही, स्वास्थ्य और पोषण की स्थिति में दीर्घकालिक और स्थायी प्रभाव सुनिश्चित करने के लिए व्यवहार परिवर्तन पद्धतियों पर विशेष बल दिया जाएगा।
JSI और रॉकेट लर्निंग के साथ इस रणनीतिक सहयोग के माध्यम से, नंद घर पोषण, स्वास्थ्य और शिक्षा हस्तक्षेपों के लिए एक मजबूत आधार बनाएगा, जिससे स्थायित्व, मापनीयता और सामुदायिक भागीदारी पर आधारित एक समग्र विकास मॉडल का निर्माण होगा।
नंद घर के सीईओ शशि अरोड़ा ने इस कार्यक्रम की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा, “नंद घर में हमारा विश्वास है कि असली बदलाव जड़ों से शुरू होता है। प्रोजेक्ट बालवर्धन बच्चों में कुपोषण से लड़ने और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सशक्त करने की हमारी प्रतिबद्धता का एक महत्वपूर्ण कदम है। राजस्थान सरकार, JSI और रॉकेट लर्निंग के साथ मिलकर, नंद घर इस बदलाव को जमीनी स्तर से संचालित करने और हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित भविष्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।”
प्रोजेक्ट बालवर्धन के तहत JSI, 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की पोषण स्थिति को सुधारने, आंगनवाड़ी सेवाओं के बुनियादी ढांचे को उन्नत करने, डिजिटल ग्रोथ मॉनिटरिंग (एंथ्रोपोमेट्री) और वैज्ञानिक पद्धतियों पर आधारित मातृ पोषण जागरूकता बढ़ाने के माध्यम से मातृ एवं बाल पोषण और स्वास्थ्य में सुधार के लिए कार्य करेगा। ये प्रयास बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को सीधे लाभ पहुंचाएंगे और ग्रामीण समुदायों के समग्र स्वास्थ्य परिणामों को बेहतर बनाएंगे। इसके अतिरिक्त, नंद घर दीदियों (आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं), फ्रंटलाइन वर्कर्स और समुदायों की क्षमता निर्माण पर बल दिया जाएगा ताकि व्यवहार परिवर्तन के माध्यम से स्थायी प्रभाव सुनिश्चित हो सके।
रॉकेट लर्निंग, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को उच्च गुणवत्ता वाली प्रारंभिक बाल देखभाल और शिक्षा (ECCE) प्रदान करने में सक्षम बनाएगा। यह बच्चों की उपस्थिति और भागीदारी को बढ़ाने, राज्य-आधारित शैक्षणिक सामग्री विकसित करने और आधुनिक शिक्षण विधियों में प्रशिक्षण के माध्यम से प्राप्त किया जाएगा।
JSI और रॉकेट लर्निंग, ICDS राजस्थान के सहयोग से, मातृ और शिशु स्वास्थ्य, पोषण और ECCE में अपने गहन अनुभव के साथ मिलकर आंगनवाड़ी सेवाओं में एक परिवर्तनकारी युग की शुरुआत कर रहे हैं। वे सेवा वितरण मानकों को ऊपर उठाने और समग्र बाल विकास की एक नई दृष्टि को साकार करने हेतु एकीकृत प्रणालीगत दृष्टिकोण को आगे बढ़ा रहे हैं।
यह परियोजना माननीय उप-मुख्यमंत्री और महिला एवं बाल विकास मंत्री, राजस्थान, श्रीमती दीया कुमारी जी के आशीर्वाद से कार्यान्वित की जा रही है, जो बाल कल्याण और ग्रामीण विकास के प्रति सरकार की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है। प्रोजेक्ट बालवर्धन साझेदारी से संचालित, समुदाय से प्रेरित और स्थायित्व में निहित एक सहयोगात्मक प्रभाव का प्रतीक है।
बालवर्धन के बारे में:
प्रोजेक्ट बालवर्धन, अनिल अग्रवाल फाउंडेशन, राजस्थान सरकार और जिला प्रशासन के बीच एक सहयोगात्मक पहल है। यह वेदांता के नंद घर और महिला एवं बाल विकास विभाग की साझेदारी पर आधारित है। राजस्थान में पहले ही 5,100 से अधिक नंद घर बनाए जा चुके हैं और इसका लक्ष्य 25,000 नंद घरों का विस्तार करना है। यह पहल आंगनवाड़ियों को टेक्नोलॉजी युक्त हब में बदलने का प्रयास है, जो प्रारंभिक शिक्षा, पोषण और स्वास्थ्य देखभाल की एकीकृत सेवाएं प्रदान करेंगे। यह एक मापनीय और टिकाऊ मॉडल के रूप में डिज़ाइन किया गया है, जो तकनीक, नीति और सामुदायिक भागीदारी को जोड़ता है। इसमें आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए नियमित प्रशिक्षण और व्यवहार परिवर्तन कार्यक्रम भी शामिल हैं ताकि मातृ और शिशु कल्याण में महिलाओं और देखभालकर्ताओं को सशक्त बनाया जा सके।
नंद घर के बारे में:
नंद घर, अनिल अग्रवाल फाउंडेशन की प्रमुख सामाजिक प्रभाव परियोजना है, जो देश की आंगनवाड़ी प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में कार्यरत है। भारत के 15 राज्यों में 8300+ नंद घरों की उपस्थिति है जो 3.2 लाख से अधिक बच्चों और 2.4 लाख महिलाओं के जीवन को प्रभावित कर रहे हैं। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (MoWCD) के सहयोग से स्थापित नंद घर, बच्चों में कुपोषण मिटाने, पूर्व-प्राथमिक शिक्षा और प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने और ग्रामीण महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से सशक्त करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। यह अत्याधुनिक आंगनवाड़ियाँ 13.7 लाख पारंपरिक आंगनवाड़ियों को बदलकर देश के 7 करोड़ बच्चों और 2 करोड़ महिलाओं के जीवन को बदलने का लक्ष्य रखती हैं।
अनिल अग्रवाल फाउंडेशन के बारे में:
अनिल अग्रवाल फाउंडेशन वेदांता की सामुदायिक और सामाजिक पहलों की छतरी संस्था है। इसकी प्रमुख कार्यक्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा, महिला एवं बाल विकास, पशु कल्याण परियोजनाएं और खेल प्रोत्साहन शामिल हैं। यह फाउंडेशन समुदायों को सशक्त बनाने, जीवन को परिवर्तित करने और समावेशी विकास के माध्यम से राष्ट्र निर्माण को गति देने का कार्य कर रहा है।

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