उदयपुर। दि इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स इंडिया के उदयपुर लोकल सेंटर द्वारा साइबर सिक्योरिटी पर वृहद कार्यशाला का आयोजन किया गया। प्रारम्भ में संस्था के अध्यक्ष इंजी. पुरुषोत्तम पालीवाल ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि साइबर सुरक्षा कंप्यूटर सिस्टम और नेटवर्क को चोरी, क्षति या उनके पास मौजूद डेटा तक अनधिकृत पहुँच से बचाने का अभ्यास है। साइबर सुरक्षा के मुख्य लक्षण संवेदनशील डेटा की सुरक्षा,व्यवसाय की निरंतरता बनाए रखना,वित्तीय नुकसान को रोकना,राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
दि इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स इंडिया उदयपुर लोकल सेंटर के मानद सचिव इंजीनियर पीयूष जावेरिया ने साइबर खतरों से निपटने के लिए प्रभावी रणनीतियों और सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि डिजीटल लेन-देन और ऑनलाइन गतिविधियों में बढ़ोतरी के साथ ही साइबर सुरक्षा बेहद महत्वपूर्ण हो गई है। यह कार्यशाला जागरूकता बढ़ाने और सुरक्षित डिजिटल वातावरण तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। कार्यक्रम में फिशिंग, रैनसमवेयर, डेटा प्राइवेसी,सुरक्षित पासवर्ड प्रबंधन और साइबर अपराध से बचाव के तरीकों पर चर्चा की गई। विशेषज्ञों ने साइबर हमलों से बचाव के लिए प्रैक्टिकल टिप्स भी साझा किए।
मुख्य वक्ता राहुल राठौर, (डेटा गवर्नेंस) और गोपनीयता अधिकारी एसटीएल डिजिटल वेदांता समूह ने बताया कि साइबर धोखाधड़ी की जब हम बात करते हैं तो प्रमुख रूप से बैंकिंग धोखाधड़ी,नौकरी धोखाधड़ी, शॉपिंग धोखाधड़ी, पार्सल घोटाला ऑनलाइन ओटीपी घोटाला, वीडियो कॉल घोटाला, डिजिटल गिरफ्तारी, डीपफेक और वॉयस घोटाला होता है। उन्होंने साइबर सुरक्षा उपाय करने के लिए एंटीवायरस, पासवर्ड, कंप्यूटर का लॉक, फायरवाल, गोपनीय सेटिंग, सुरक्षा सेटिंग्स पर अपने विचार रखें और पब्लिक चार्जर से अपना मोबाइल चार्ज न करने और पायरेटेड सॉफ्टवेयर से बचने की सलाह दी। दिन में एक बार अपने कंप्यूटर को रीस्टार्ट, स्ट्रोंग पासवर्ड बनाने, ओटीपी किसी से साझा न करने, ई बैकिंक करते समय विशेष सावधानी बरतने, अनजाने व्यक्तियों को अपना फोन न देने, अज्ञात स्रोतों से आए लिंक और अटैचमेंट खोलने पर क्लिक न करने की जासनकारी दी। राठौर ने बताया कि साइबर अपराधी संभावित पीडि़तों से दोस्ती करने के लिए फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल बनाते हैं। सोशल मीडिया पर अजनबियों से फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करते समय सावधान रहें। ब्राउजऱ को कभी भी उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड सेव करने की अनुमति न दें। यदि किसी के साथ इस तरह की घटना घटित होती है तो हमें शांति से, एकाग्रता से परिस्थिति को संभालना है ताकि हैकर्स उनका लाभ न ले सकें। आजकल किसी नामी कम्पनी से मिलते जुलते नाम एवं लोगों में मामूली स्पेलिंग मिस्टेक कर गुमराह कर फोर्ड किया जा रहा हैं।
वक्ता डॉ. अशोक जेतावत, निदेशक, आईआईसीई संस्थान, उदयपुर ने बताया कि साइबर सुरक्षा आवश्यक है क्योंकि यह डेटा को चोरी या दुरुपयोग जैसे खतरों से सुरक्षित रखने में मदद करती है और सिस्टम को वायरस से भी सुरक्षित रखती है। वायरस एक प्रोग्राम है जो आपकी जानकारी के बिना आपके कंप्यूटर में लोड हो जाता है और आपकी इच्छा के विरुद्ध चलता है। उन्होंने बताया कि हैकर वह व्यक्ति होता है जो आमतौर पर प्रशासनिक नियंत्रण तक पहुंच प्राप्त करके कंप्यूटर में सेंध लगाता है और वे विभिन्न संरक्षित इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्रों और सोशल नेटवर्क पर पासवर्ड क्रैक कर साइबर काइम करते हैं। भारत साइबर क्राइम में 10वें नंबर पर आता है। डिजिटल संपत्तियों की सुरक्षा में साइबर सुरक्षा महत्वपूर्ण है और सर्वोत्तम प्रथाओं का पालन करके और सचेत रहकर, साइबर खतरों के जोखिम को कम कर सकते हैं। यदि हम समय पर बैंक को तुरन्त सूचित करते हैं तो धोखाधड़ी से बचा जा सकता है। हमें तुरंत बैंक को सूचित कर अपना कार्ड ब्लॉक करना चाहिए और 1930 पर सूचित करना चाहिए। संचालन एवं धन्यवाद मानद सचिव इंजी. पीयूष जावेरिया ने ज्ञापित किया।
साइबर सिक्योरिटी पर कार्यशाला
