हिन्दुस्तान जिंक इंदिरा महिला शक्ति प्रोत्साहन एवं सम्मान से सम्मानित

मुख्यमंत्री ने कंपनी को महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पुरस्कार प्रदान किया
उदयपुर।
हिंदुस्तान जिंक, भारत की एकमात्र और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी एकीकृत जस्ता-सीसा-चांदी उत्पादक कंपनी को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राजस्थान सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग ने ‘इंदिरा महिला शक्ति प्रोत्साहन एवं सम्मान’ पुरस्कार से सम्मानित किया। सम्मान समारोह कार्यक्रम में माननीय मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले सभी विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किया। यह कार्यक्रम व्यक्तियों और संगठनों को सम्मानित करने के लिए जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया, जिसमें कई सरकारी उच्च अधिकारी भी सम्मलित थे। समारोह में माननीय मुख्यमंत्री ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाकर उन्हें सशक्त बनाने में व्यक्तियों और संगठनों के प्रयासों की सराहना की और समाज में महिलाओं की समान भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सभी को समान भावना से काम करने के लिए प्रोत्साहित किया।
यह पुरस्कार हिंदुस्तान जिंक-स्किल एवं एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट ने प्रोजेक्ट इम्प्लीमेंटिंग पार्टनर टीम (अंबुजा सीमेंट फाउंडेशन) के साथ प्राप्त किया।
हिंदुस्तान जिंक अपनी स्किलिंग प्रयासों के माध्यम से स्थानीय युवाओं को बाजार से जुड़े रोजगार के अवसर और स्वरोजगार प्रदान करना और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करना है। इस पहल के माध्यम से अब तक 2600 से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है, जिनमें से 1000 महिलाएं हैं। कंपनी ने ग्रामीण क्षेत्रों में कौशल विकास की दिशा में काम करने के लिए अंबुजा सीमेंट फाउंडेशन और टाटा स्ट्राइव के साथ हाथ मिलाया है। प्रारंभ में संगठनों ने स्थानीय युवाओं के लिए उनकी रुचि के क्षेत्र के साथ उपलब्ध रोजगार के अवसरों की पहचान करने के लिए एक आवश्यकता मूल्यांकन सर्वेक्षण किया। इस मूल्यांकन के आधार पर, कम अवधि के गहन पाठ्यक्रम प्रदान करने के उद्देश्य से 2019-20 में दरीबा और अगुचा में हिंदुस्तान जिंक स्किल एंड एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट शुरू किया गया था। अब अंबुजा सीमेंट फाउंडेशन द्वारा कायड और देबारी में चार नए केंद्र शुरू किए गए हैं, जबकि चंदेरिया और पंतनगर में, टाटा स्ट्राइव परियोजना को लागू करने के प्रभारी हैं।
एक सामाजिक रूप से जिम्मेदार कॉर्पोरेट के रूप में, हिंदुस्तान जिंक अपने व्यावसायिक स्थानों के आस-पास रहने वाले ग्रामीण और आदिवासी लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए अथक प्रयास कर रहा है। कंपनी भारत में शीर्ष 15 सीएसआर खर्च करने वालों में से एक है और वर्तमान में राजस्थान के 184 गांवों एवं उत्तराखंड के 5 गांवों के 700,000 लोगों तक पहुंच रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *