जिंक की समाधान परियोजना से जुडे़ किसानों ने किया गुजरात कृषक उत्पादक संगठनों का दौरा

उदयपुर। कृषक उत्पादक संगठन के बारे में अधिक जानकारी कर आय बढ़ाने के उद्धेश्य से आयोजित दो दिवसीय कृषक भ्रमण में चित्तौडगढ़, भीलवाड़ा, उदयपुर और राजसमंद के किसानों ने नवसारी जिले के अमलसाड ब्लाॅक में 75 वर्षों से अमलसाड विभाग विविध कार्यकारी सहकारी खेडूत मंडली लि. किसान उत्पादक संगठन द्वारा दैनिक जीवन की आवश्यकता पूर्ति एवं अन्य कार्यो की जानकारी ली। इस संगठन में प्रति वर्ष होने वाली आय का 84 प्रतिशत हिस्सा आज भी शेयर होल्डर किसान को जाता है। इसी तरह पिछले 20 वर्षों से कार्यरत दिक्सल कोपरेटिव किसान उत्पादक संगठन द्वारा काजू प्रोसेसिंग के साथ ही अपने संगठन द्वारा किसानों को समय पर खाद, बीज और दवाई भी उचित दर पर उपलब्ध कराने का कार्य कर रहा है।
भ्रमण के बाद चित्तौडगढ नगरी गांव, के कृषक राजेन्द्रकुमार कीर ने कहा कि 75 वर्षों से कार्यरत किसान उत्पादन संगठन के विशेष कार्यों में आम की गुठली से पौधा, छिलके से जैविक खाद, जुस, अचार, फर्श आम को बाजार मे बेचना व दैनिक जीवन मे काम आने वाली सामग्री, किराणा दुकान जैसे कार्य देखकर बहुत कुछ सीखने को मिला। हम हमारे क्षेत्र में भी इस प्रकार के कार्य प्रारंभ करने हेतु प्रेरित हुए है जिससे अधिक लाभ मिल सके।
रामपुरा आगूचां के पूसाराम जाट ने कहा कि गुजरात भ्रमण पर एफपीओ द्वारा और छोटे समूह के रूप किसानों द्वारा अलग-अलग प्रकार की खेती व बागवानी कर उनका अच्छा जीवनयापन संभव करना बहुत अच्छा लगा। इससे बहुत कुछ सीखने को मिला। देबारी के जगदीश ने कहा कि एफपीओ एक्सपोजर विजिट के दौरान हमें कई बातों की जानकारी मिली। सबसे महत्वपूर्ण यह कि हम सामूहिक रूप से बेहतर कार्य कर कैसे आय बढ़ा सकते हैं। छोटा हो या बड़ा काम, हर काम सहकारिता के माध्यम से किया जा सकता है।
समाधान, संस्टेनेबल एग्रीकल्चर मेनेजमेन्ट एवं डव्हलपमेन्ट बाय हयूमन नेचर परियोजना, हिन्दुस्तान जिंक के सीएसआर विभाग एवं बायफ इंस्टीट्यूट फाॅर संस्टेनेबल लाईवलीहुडस एण्ड डेव्हलपमेन्ट के सयुक्त तत्वावधान में उदयपुर, राजसमन्द, चित्तौडगढ, भीलवाडा एवं अजमेर के 174 गांवों में संचालित की जा रही हैं जिसमें कृषि एवं पशुपालन की नवीनतम प्रौधोगिकी का उपयोग किसानों की आय बढाने एवं आजीविकावर्धन हेतु किया जा रहा है। परियोजना के अन्तर्गत क्षेत्र के 30 हजार कृषक परिवारों को लाभान्वित हो रहे है। किसानों की आजीविका में बढ़ोतरी एवं सतत विकास हेतु एफपीओ यानि किसान उत्पादक संगठनों का गठन किया जा रहा है जिससे किसानों को तकनीक एवं बीज के साथ ही उत्पादन की कीमतों में भी फायदा मिलेगा।

Related posts:

हिन्दुस्तान ज़िंक के तीसरी तिमाही के वित्तीय परिणामों की घोषणा

Upamanyu Chatterjee’s book Lorenzo Searches for the Meaning of Life wins the 7th JCB Prize for Liter...

ऊर्जा संरक्षण हेतु हिन्दुस्तान जिंक द्वारा परिचालन में किए जा रहे निरंतर नवाचार

खान सुरक्षा महानिदेशालय ने हिंदुस्तान जिंक की सुरक्षा उत्कृष्टता के लिए की सराहना

हाई - टेक पाइप्स ने रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर से 105 करोड़ रुपये का ऑर्डर प्राप्त किया

हिन्दुस्तान जिंक के खनित धातु उत्पादन में हुई वृद्धि

Ministry of Housing and Urban Affairs launches NurturingNeighbourhoods Challenge in India

श्रीराम सुपर 252 और 272 से राजस्थान के किसानों की गेहूं उत्पादकता बढ़ी

आईटीसी होटल्स ने राजस्थान में किया अपनी मौजूदगी का विस्तार

SANY INDIA EXPANDS ITS DEALER NETWORK IN RAJASTHAN

Hindustan Zinc inaugurates skill development centre to empower local youth

Smile Train India Strengthens Support To Cleft Patients During COVID19

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *