कोरोनरी ब्लोकेज का अब शॉकवेव के साथ इलाज संभव

उदयपुर / चित्तौडग़ढ़। अहमदाबाद के सुप्रसिद्ध अस्पताल सीम्स में ट्रांस रेडियल इंस्ट्रावस्कुलर लिथोट्रिप्सी (शॉकवेव  IVL   ) का उपयोग कर तीन मामलों में केल्सीफाइड कोरोनरी धमनियों का सफलतापूर्वक उपचार किया गया। गौरतलब है कि ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया द्वारा अनुमोदन पर कोरोनरी धमनियों में जमे कैल्शियम के निर्माण को चुनौती देने के लिए एक लंबा इंतजार किया जा रहा था। पिछले सप्ताह ही तीन मामलों में शॉकवेव इंस्ट्रावस्कुलर लिथोट्रिप्सी द्वारा उपचार कर सीम्स अस्पताल ने इस क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है ।
शॉकवेव इंस्ट्रावस्कुलर लिथोट्रिप्सी ध्वनि तरंगों और लिथोट्रिप्सी के सिद्धांत का उपयोग करता है जो कि कम दबाव पर बनाया गया है और  कैल्शियम बिल्डअप को चुनौती देता है। इन लगातार तीन मामलों में भारत के शॉकवेव इंट्रावस्कुलर लिथोट्रिप्सी के सिद्धांत का प्रयोग जाने माने डॉ. केयूर पारिख, डॉ. तेजसवी पटेल और सीम्स के विशेषज्ञ व कार्डियोलॉजी टीम के साथ किया गया। शॉकवेव को एक अद्वितीय पल्स जनरेटर के बटन को दबाकर संचालित किया जाता है जो सिस्टम के कंसोल से केवल 30-40 सेकेंड में जुड़ा होता है। सुरक्षित डिवाइस बटन के कुछ प्रेस के साथ जो कैल्शियम को चुनौती देने की अनुमति देता है ।
सीम्स के डॉ. केयूर पारिख ने बताया कि शॉकवेव इंस्ट्रावस्कुलर लिथोट्रिप्सी वास्तव में एक बहुत बड़ी जीत है। हमें इस सफलता पर बेहद गर्व है कि ये तीनों मामले भारत में ट्रांसराडियल शॉकवेव थेरेपी के पहले मामले थे। इन तीनों मामलों में अत्यधिक दबाव पर भी पारम्परिक गुब्बारे विफल हो गए थे और तीन में से एक मरीज अपनी कोरोनरी धमनियों में चुनौतीपूर्ण हार्ड कैल्शियम के उपचार के लिए एक साल से अधिक समय से इंतजार कर रहा था ।
डॉ. तेजसवी पटेल ने बताया कि जटिल मामलों में कोरोनरी धमनियों में वर्षों या दशकों तक जमा कैल्शियम को पतला करने के लिए पारम्परिक गुब्बारों का उपयोग नहीं होने देते हैं। इसके उपयोग से एंजियोप्लास्टी में असंतोषजनक परिणाम सामने आते हैं। शॉकवेव के आगमन से हार्ड कैल्शियम के साथ जटिल ब्लॉकेज को बहुत सरल तरीके से प्रतिकूल घटनाओं का कम खर्च में इलाज संभव है। उन्होने बताया कि शॉकवेव के आगमन से हार्ड कैल्शियम का साधारण तरीके से इलाज संभव है। लिथोट्रिप्सी की यह सरल तकनीक प्रतिकूल घटनाओं के कम जोखिम को सुनिश्चित करती है। जिसमें पारम्परिक तकनीकों की तुलना में वैध/विघटन शामिल है। 

Related posts:

Hindustan Zinc organizes Lake Cleaning Drive at Fatehsagar

डॉ. लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ के हाथों डॉ. महेन्द्र भानावत ने ग्रहण किया लोकभूषण सम्मान

मोबिल ने ऐक्शन थ्रिलर ‘विक्रम वेधा’ के साथ साझेदारी की

"श्रीराम की अयोध्या" पुस्तक पर सिटी पैलेस में व्याख्यान

श्रीजी प्रभु की हवेली में गो.चि.श्री105 श्री विशाल बावा का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया

Bollywood’s KhiladiAkshay Kumar receives a warm welcome from Radisson Blu Palace Resort & Spa, U...

कहीं हमेशा के लिए गुम न हो जाए हमारी गोरैया

Hindustan Zinc Earns (A-) Leadership Band Scores from CDP for Climate Change and Water Security Exce...

अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी रवि बिश्नोई की तूफानी पारी, स्पार्टन्स क्रिकेट एकेडमी आठ विकेट से जीती

सुर सरिता म्यूजिकल ग्रुप में मची फागोत्सव की धूम

श्रीनाथजी मंदिर मंडल बोर्ड की बैठक में श्रीनाथजी मंदिर एवं नाथद्वारा नगर के संपूर्ण विकास पर चर्चा

टाटा मोटर्स ने उदयपुर में पांचवें सारथी आराम केंद्र का उद्घाटन किया