हिन्दुस्तान जिंक में विविधता और समानता हेतु प्राईड मंथ के दौरान विशेष रूप से एला डे को किया आमंत्रित
उदयपुर : हम सभी समान रूप से सम्मानजनक जीवन के हकदार है, प्रकृति ने सभी के लिये एक सी सुविधाएं निहित की है तो हम उन्हें अलग अलग तौर पर कैसे देख सकते है। किसी भी इंसान को अलग देखना उसे हीन भावना से ग्रसित करता है। यह बात मिस ट्रांसक्वीन इंडिया 2023 की फस्र्ट रनर अप, माॅडल, कन्टेन्ट राईटर, एला डे वर्मा ने हिन्दुस्तान जिंक में प्राईड मंथ के उपलक्ष्य में आयोजित एक सत्र में कही। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि हिन्दुस्तान जिंक सभी को बिना किसी भेदभाव के समान रूप से सामान्य जीवन हेतु अवसर प्रदान कर एक उदाहरण प्रस्तुत कर रही है।
उन्होंने कहा कि बिना किसी भेद के सभी को समान रूप से मानव अस्तित्व के बहुरूप को अपनाना चाहिए, ताकि हम एक छोटी और प्रतिबंधित दुनिया की सीमाओं से मुक्त हो सके। हम व्यक्तिगत सशक्तिकरण के माध्यम से सच्ची खुशी पाते हैं और एक ऐसी दुनिया बनाते हैं जहां बुनियादी अधिकार अंतर्निहित होते हैं। हमें अच्छी चीजों के लिये स्वयं पर विश्वास करना होगा कि हम अच्छाई के योग्य है। एला डी वर्मा ने सत्र के दौरान उन्होंने अपने अनुभवों और सफलता को साझा किया।
हिंदुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण मिश्रा ने कहा, हिन्दुस्तान जिंक विश्व स्तरीय कंपनी के रूप में, बिना किसी जाति,धर्म या लिंग के भेदभाव के समान रूप से अवसर और क्षमतावर्धन का वातावरण प्रदान करती हैै। यह हमारी असाधारण उपलब्धियों की प्रेरक शक्ति बन गई है। हम विविधता का नेतृत्व कर उदाहरण प्रस्तुत कर रहे है। हमारी मानसिकता हमारी वास्तविक क्षमता को उजागर करने और हमें अभूतपूर्व उपलब्धियों की ओर प्रेरित करने की ओर अग्रसर करती है। समान रूप से सभी के अद्वितीय दृष्टिकोण और क्षमताओं को अपनाने से, हम नई संभावनाओं और विकास की दुनिया को आगे बढ़ाते हैं। ”
वेदांता समूह की कंपनी और देश में जिंक, सीसा और चांदी का सबसे बड़ी और एकमात्र एकीकृत उत्पादक कंपनी हिंदुस्तान जिंक, कार्यस्थल में समावेशिता और विविधता को बढ़ावा देने में अग्रणी है। प्राइड मंथ को के अभियान जिंक्ल्यूजन के हिस्से के रूप में यह सत्र आयोजित किया गया। इस अवसर पर जिंक्ल्यूजन का लोगो अनावारण भी किया गया। सत्र के दौरान जिं़क कर्मचारियों ने उत्सुकता से एला डे वर्मा से अपने प्रश्नो को साझा किया साथ ही परिचर्चा का आयोजन भी किया गया। परिचर्चा में हिन्दुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरूण मिश्रा, एला डे वर्मा एवं सीईओ एवं फाउण्डर मीस ट्रांसक्वीन इंडिया दीपा अर्धनारेशवर एम्पावरमेंट फाउण्डेशन रीना राय ने भाग लिया। सत्र में हिन्दुस्तान जिं़क की सभी इकाइयों के कर्मचारियों ने आनलाईन प्रतिभागीता की।
विविधता और समानता विषय पर केंद्रित इस सत्र का उद्देश्य ऐसे वातावरण को बढ़ावा देना है जहां सभी को समान अवसर प्रदान किए जाएं। हिंदुस्तान जिंक में, डीईआई यानि विविधता, समानता और समावेशन, के सिद्धांत पूरे संगठन में अंतर्निहित हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि प्रत्येक कर्मचारी के साथ सम्मान, निष्पक्षता और समानता के साथ व्यवहार किया जाता है।
हिंदुस्तान जिंक ने 30 प्रतिशत विविधता प्राप्त करने के निर्धारित लक्ष्य के साथ विविधता को बढ़ावा देने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। साथ ही यह सुनिश्चित किया है कि लैंगिक समानता को बढ़ावा देने की ओर बिना किसी पूर्वाग्रह के सभी को समान अवसर प्रदान किए जाएं।