एचडीएफसी बैंक ने साइबर धोखाधड़ी जागरूकता कार्यशालाएं आयोजित की

उदयपुर। एचडीएफसी बैंक ने अपने चल रहे डिजिटल बैंकिंग जागरूकता अभियान के एक भाग के रूप में, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू और कश्मीर में सुरक्षित बैंकिंग कार्यशालाओं की एक श्रृंखला आयोजित की। त्योहारी सीजन के दौरान बैंक ने नवंबर और दिसंबर में 300 से अधिक ऐसी कार्यशालाओं का आयोजन किया, जिसमें 8,000 से अधिक नागरिकों को सुरक्षित डिजिटल बैंकिंग प्रथाओं के बारे में जागरूक किया गया।
क्रेडिट इंटेलिजेंस एंड कंट्रोल एचडीएफसी बैंक के  कार्यकारी उपाध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने कहा कि त्योहारों का मौसम खुशी और जश्न का समय है, लेकिन साथ ही साइबर अपराधी भी सक्रिय हैं। आमतौर पर, इस अवधि के दौरान ई-कॉमर्स साइटों पर विभिन्न आकर्षक सौदों के कारण ऑनलाइन शॉपिंग में वृद्धि होती है, जिससे साइबर धोखेबाजों के शिकार होने का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए इस दौरान सतर्क रहना जरूरी है। नागरिकों के बीच जागरूकता पैदा करना आवश्यक है ताकि वे गोपनीय बैंकिंग डेटा साझा न करें या असत्यापित लिंक पर क्लिक न करें। इन जागरूकता सत्रों का उद्देश्य प्रतिभागियों को धोखेबाजों द्वारा उपयोग किए जाने वाले विभिन्न तौर-तरीकों और सुरक्षित बैंकिंग प्रथाओं के बारे में शिक्षित करना है जिनका उन्हें पालन करने की आवश्यकता है ताकि वे इस तरह की ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार न बनें।
इन कार्यशालाओं का उद्देश्य स्कूल, कॉलेजों, ग्राहकों, कानून प्रवर्तन एजेंसियों, वरिष्ठ नागरिकों, स्वयं सहायता समूहों, ग्राहकों और कर्मचारियों को शिक्षित करना था। इन इंटरैक्टिव सत्रों के माध्यम से, प्रतिभागियों को सुरक्षित डिजिटल बैंकिंग प्रथाओं पर बहुमूल्य जानकारी प्राप्त हुई ताकि वे साइबर धोखाधड़ी का शिकार न हों।
चालू वित्तीय वर्ष (स्नङ्घ24) में, एचडीएफसी बैंक ने पूरे भारत में 3,980 से अधिक ऐसे सत्र आयोजित किए हैं और समाज के विभिन्न क्षेत्रों को कवर करते हुए 42,000 से अधिक प्रतिभागियों तक पहुंच बनाई है। बैंक ग्राहकों को डिजिटल रूप से लेनदेन करते समय सतर्क रहने और सुरक्षित बैंकिंग आदतें अपनाने और अपनी गोपनीय बैंकिंग जानकारी किसी के साथ साझा करने से बचने के लिए प्रोत्साहित करता है। यदि कोई ग्राहक धोखाधड़ी का शिकार हो जाता है, तो उन्हें तुरंत अपनी संबंधित शाखा से संपर्क करना चाहिए और 1930 (राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल द्वारा हेल्पलाइन नंबर) पर कॉल करना चाहिए। 

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