चलो कुछ ऐसा किया जाए, मरने के बाद भी जीया जाए…

आरएनटी मेडिकल कॉलेज में राष्ट्रीय अंगदान दिवस पर जागरूकता कार्यशाला
600 से अधिक लोगों ने ली अंगदान की शपथ

उदयपुर। राष्ट्रीय अंगदान दिवस के उपलक्ष्य में रविन्द्रनाथ टैगोर आयुर्विज्ञान महाविद्यालय के तत्वावधान में सवाल आपके जवाब हमारे जन जागरूकता कार्यक्रम आरएनटी परिसर स्थित न्यू ऑडिटोरियम में आयोजित हुआ। इसमें अंगदान के महत्व पर चर्चा करते हुए अधिक से अधिक लोगों को अंगदान के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में उपस्थित 600 से अधिक लोगों ने अंगदान की शपथ ली। कार्यक्रम के दौरान आरएनटी के विशेषज्ञ पैनल ने लीवर, किडनी, ब्रेन, हार्ट सहित अन्य विषयों पर लोगों के सवालों के जवाब दिए।
कार्यशाला के प्रारंभ में प्राचार्य एवं नियंत्रक डॉ विपिन माथुर ने स्वागत करते हुए अंगदान की आवश्यकता और महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति अंगदान के माध्यम से 7 से 8 लोगों को नया जीवन दे सकता है। अंगदान ही एक मात्र ऐसा विकल्प है जिसमें मरने के बाद भी जिन्दा रह सकते हैं। उन्होंने महर्षि दधीचि के देहदान का जिक्र करते हुए कहा कि विश्व में अंगदान का प्रथम उदाहरण महर्षि दधीचि हैं। उनकी अस्थियों से ही वज्र जैसा शस्त्र बना जिससे दुष्टों का विनाश किया गया। उन्होंने कहा कि भारत में अंगदान को लेकर जागरूकता की है, इससे कई आवश्यकता वाले मरीजों को जरूरत अंग नहीं मिल पाते। उन्होंने अधिक से अधिक लोगों को अंगदान के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम में प्रधानाचार्य व नियंत्रक एवं सीनियर गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉ विपिन माथुर, गैस्ट्रो सर्जन डॉ डीके शर्मा, कार्डियोलॉजिस्ट डॉ मुकेश शर्मा, डॉ विनय नाथानी, न्यूरो फिजिशियन डॉ तरुण रलोत,  न्यूरो सर्जन डॉ गौरव जायसवाल, यूरोलॉजिस्ट डॉ वरुण लड्ढा एवं ट्रांसप्लांट व ऑर्गन रिट्रीवाल के नोडल ऑफिसर यूरोलॉजिस्ट डॉ सुनील गोखरू ने विभिन्न सवालों के जवाब दिए।  विशेषज्ञों ने हेल्दी लाइफ स्टाइल के बारे में बताया। साथ ही बीमारी होने पर विशेषज्ञों से संपर्क करने तथा डॉक्टर की सलाह के बिना इलाज बंद नहीं लेने की बात कही। उन्होंने बताया कि कई बार बिना परामर्श के दवाओं का सेवन करने से शहर के महत्वपूर्ण अंगों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। पैनल ने अंगदान ट्रांसप्लांट व ब्रेन डेथ के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन सर्जन डॉ राजवीर सिंह व सीनियर नर्सिंग ऑफिसर एवं ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर हरीश चौबीसा ने किया।
कार्यक्रम में आरएनटी मेडिकल कॉलेज स्टाफ, मेडिकल स्टूडेंटस्, नर्सिंग स्टूडेंटस्, समाजसेवी सहित करीब 600 से अधिक लोग मौजूद रहे। सभी ने अंगदान की शपथ ली। वहीं एक्सपर्ट पैनल सहित 60 से अधिक लोगों ने नोटो ( की वेबसाइट पर रजिस्टर्ड प्रतिज्ञा कर सर्टिफिकेट डाउनलोड किया। इच्छुक व्यक्ति क्यूआर कोड स्कैन कर अंगदान की रजिस्टर्ड प्रतिज्ञा कर सर्टिफिकेट डाउनलोड कर सकते हैं।

कार्यक्रम में आरएनटी मेडिकल कॉलेज के पहले ब्रेन डेथ अंगदाता नीमच मध्यप्रदेश निवासी स्व. माणकलाल के परिजनों का उपरणा ओढ़ा कर व पगड़ी पहना कर अभिनंदन किया गया। साथ ही उन्हें प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया। अंगदान जन जागरूकता माह जुलाई 2024 में महाविद्यालय में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए जिसमें पीजी छात्रों व यूजी छात्रों में क्विज प्रतियोगिता, नर्सिंग के छात्रों में निबंध, स्लोगन प्रतियोगिता, रंगोली व पोस्टर प्रेजेंटेशन आदि स्पर्धाएं हुई। कार्यशाला के दौरान इन स्पर्धाओं के विजेताओं को भी प्रशस्ति प्रमाण प्रदान किए गए।  साथ ही कार्यक्रम में सहयोग के लिए आरएनटी के सभी सात ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर्स को भी प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया।

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