आदि बाजार सह आदि चित्रा” मेले का शुभारंभ

उदयपुर । भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ मर्यादित (ट्राईफेड), क्षेत्रीय कार्यालय – जयपुर द्वारा विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर भारतीय लोक कला मंडल, उदयपुर में जनजातीय संस्कृति को प्रदर्शित करने के प्रयासों के तहत एक विशाल दस दिवसीय  जनजातीय उत्सव “आदि बाजार सह आदि चित्रा” मेले का  उदयपुर विधायक ताराचन्द जैन  एवं उदयपुर ग्रामीण विधायक  फूलसिंह मीणा ने फीता काटकर  एवं भगवान विरसा मुंडा की तस्वीर  पर दीप प्रज्जविलत एवं पुष्प् अर्पित कर उदघाटन किया ।

 विधायक तारा चन्द जैन ने कहा की  प्रधानमंत्री के लोकल फार वोकल को बढावा देने से हमारे देश के हस्तशिल्प उत्पादो की विक्री बढेगी तथा विदेशी देशो से जो हस्तशिल्प खिलोने एवं अन्य सामग्री जो आयात की जाती थी उस पर रोक लगेगी एवं देश का पैसा देश के विकरास में काम आ सकेगा । इस अवसर उदयपुर ग्रमीण विधायक फलसिंह मीणा ने  सभी जनजाति हस्तशिल्प कारीगरो से कहा की आप सभी समन्वय स्थापित कर  एक राज्य का उत्पाद को दुसरे राज्य में विक्री करके अपनी आमदनी बढा सकते है । उन्होने कहा की  उदयपुर पर्यटन स्थल है यहा अधिक संख्या में पर्यटक आते है उन्हे इस मैले से जोडने का प्रयास करना चाहिए जिससे सभी आदिवासी भाई बहन कारीगर अपने उत्पाद को अधिक से अधिक विक्रि कर सके । उन्होने इस मैले के बारे में  जानकारी आम जन तक पहुचाने के लिए प्रिंट और इलेक्टोनिक मीडिया के माध्यम से प्रचार -प्रसार करने पर जोर दिया

ट्राईफेड के  क्षेत्रीय कार्यालय जयपुर के क्षेत्रीय प्रबंधक संदीप शर्मा ने बताया की विश्व आदिवासी दिवस के राष्ट्रीय अवसर पर आयोजित  “आदि बाज़ार सह आदि चित्रा” मेला में देश के 10 राज्यों से करीब 50 से 60 आदिवासी कारीगर 32 जनजातीय स्टालों के माध्यम से भारत के विभिन्न राज्यों से जनजातीय सदस्य स्वयं द्वारा हस्तनिर्मित जनजातीय हस्तशिल्प, कला, पेंटिंग, कपड़े, आभूषण और जैविक वस्तुओं को प्रदर्शित तथा बिक्री करने की सुविधा प्रदान की जाएगी । उन्होंने बताया की “आदि बाजार सह आदि चित्रा” मेला 18 अगस्त 2024 तक चलेगा । आदि बाज़ार सह आदि चित्रा मे राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल तथा गुजरात के जनजातीय कारीगरो / शिल्पकारो ने भाग ले  रहे  है ।

मेले  मे राजस्थान से टेक्सटाइल मे बगरु प्रिंट के वस्त्र, गिफ्ट आइटम्स, बेडशीट, बेड कवर, मेटल मीनाकारी के आइटम, ब्लू पोटरी के आइटम, लहरिया वस्त्र, उत्तराखंड के लकड़ी के आइटम, महाराष्ट्र से वर्ली पेंटिंग, गुजरात से हेंगीगिन्स, कर्नाटक का जूट बेग, मध्य प्रदेश का बाघ प्रिंट और गोंड पेंटिंग तथा राजस्थान से प्रधानमंत्री जनजातीय विकास मिशन के अंतर्गत कार्यरत वन धन विकास केंद्रों द्वारा बनाए गए ऑर्गैनिक उत्पाद जैसे धनिया पाउडर, हल्दी पाउडर, मिर्ची पाउडर, दाले, नीम साबुन इत्यादि प्रकार के आइटम का प्रदर्शन तथा बिक्री की जाएगी ।

ट्राईफेड का उद्देश्य जनजातीय उत्पादों के विपणन विकास के माध्यम से देश में जनजातीय लोगों का सामाजिक-आर्थिक विकास करना है । इसके अलावा  आदिवासी कारीगरों और उनके उत्पादों के उत्थान और उनकी प्रतिभा को सामने लाने के लिए आदिवासी लोगों को प्रोत्साहित करने ,आदिवासी कारीगरों को सीधा बाजार उपलब्ध कराने और छोटे कारीगरों तक ग्राहक पहुंच प्रदान करना भी है  ।

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