6 माह के गर्भ में आपातकाल डिलीवरी करवाकर बचाई शिशु व माता की जान

उदयपुर। शहर के पारस जे.के. हॉस्पिटल में चिकित्सकों ने हाईरिस्क डिलीवरी कर शिशु व मां की जान बचाई है। सलूम्बर निवासी 6 माह की गर्भवती श्रीमती मुनीरा को गत दिनों रात में अचानक लेबर पेन शुरु होने पर पारस जे.के. हॉस्पिटल में स्त्री एवं प्रसुति रोग विशेषज्ञ डॉ. शीतल कौशिक को दिखाया गया जहां जाँच के बाद उसकी तुरंत डिलीवरी कराने का निर्णय लिया गया।
डॉ. कौशिक ने बताया की महिला को अस्पताल में रात्रि 2 बजे लाया गया था। महिला को पेन बहुत ज्यादा हो रहा था। इस कारण आगे होने वाले खतरे का अनुमान लगाते हुये उसकी आपातकालीन सिजेरियन डिलीवरी की गई। डिलीवरी मात्र 6 माह की थी। इस कारण बच्चे का वजन मात्र 800 ग्राम था जो कि एक स्वस्थ बच्चे से बहुत कम था। इस कारण बच्चे को हॉस्पिटल की नर्सरी में डॉ. राजकुमार विश्नोई के अंडर में रखा गया। डॉ. राजकुमार नियोनेटोलॉजिस्ट ने बताया कि बच्चे का वजन बहुत कम होने के कारण उसे आई.सी.यू. की आवश्यकता थी। 6 माह में डिलीवरी होने के कारण बच्चे के फेफड़े पूर्ण विकसित नहीं थे। इससे उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। इस समय वह स्वयं मां का दूध भी नहीं पी सकता था। उसकी आंतें इतनी कमजोर थी, कि मां के दूध को पचा भी नहीं सकती थी। इस कारण उसे ट्यूब द्वारा कृत्रिम आहार टीपीएन दिया गया। 3 से 4 दिन बाद उसको कभी-कभी ट्यूब द्वारा मां का दूध भी दिया जाने लगा। इन सब कामों में सफलता मिलने के बाद धीरे-धीरे उसे डायरेक्ट फिडीग भी करवाने लगे। साथ ही मां को आई.सी.यू. में बुलाकर कंगारु केयर थैरेपी भी दी। इन सब कार्यों को करने के लिए बच्चे को लगभग 15 दिन तक वेंटीलेटर पर रखा गया। इस दौरान बच्चे का वजन बढऩे लगा और वह खुद से फिडीग भी करने लगा। दो महीने के हॉस्पिटलाईजेशन के दौरान उसका वजन 2 किलो हो गया। इसके बाद जच्चा और बच्चा को छुट्टी दे दी गई। बच्चा बिल्कुल स्वस्थ है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *