भोपाल : मोलेला टेराकोटा कला के वरिष्ठ शिल्पकार, दिनेश चन्द्र कुम्हार को 26 जनवरी 2025 को रवीन्द्र भवन, भोपाल में आयोजित एक समारोह में ‘तुलसी पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार मध्य प्रदेश सरकार द्वारा आदिवासी, पारंपरिक और लोक कलाओं के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रतिवर्ष प्रदान किया जाता है। इसका नाम प्रसिद्ध भारतीय कवि और संत तुलसीदास के नाम पर रखा गया है, जिन्हें महाकाव्य ‘रामचरितमानस’ के रचयिता के रूप में जाना जाता है।
पुरस्कार समारोह में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और राज्यपाल मंगुभाई सी. पटेल ने दिनेश चन्द्र कुम्हार को पुरस्कार प्रदान किया। इस अवसर पर कुम्हार ने कहा कि यह पुरस्कार उन्हें अपनी कला को और समर्पित करने के लिए प्रेरित करेगा। उन्होंने कहा कि वे मोलेला टेराकोटा कला को नई पीढ़ी तक पहुँचाने और उसे जीवित रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
दिनेश चन्द्र कुम्हार ने आठ वर्ष की अल्पायु से ही अपने पिता, पद्म श्री मोहनलाल कुम्हार के साथ टेराकोटा कला का प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया था। उन्होंने पारंपरिक धार्मिक पट्टिकाओं के साथ-साथ नए विचारों और कहानियों को भी अपनी कला में शामिल किया है। उनके बनाए गए ग्रामीण जीवन के चित्र और रामायण, महाभारत जैसे विषयों पर आधारित पैनल दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं।
दिनेश चन्द्र कुम्हार ने हजारों बच्चों को मोलेला टेराकोटा कला का प्रशिक्षण दिया है और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया है। वे सेमिनार, कार्यशालाओं और ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण के माध्यम से युवा पीढ़ी को अपनी कला की सेवा दे रहे हैं। उनका मानना है कि कला को जन-जन तक पहुँचाना चाहिए ताकि यह हमारी सांस्कृतिक विरासत को सुरक्षित रख सके।
इससे पहले भी दिनेश चन्द्र कुम्हार को अंतर्राष्ट्रीय शिल्प पुरस्कार, राष्ट्रीय मेरिट पुरस्कार, जयपुर कला महोत्सव पुरस्कार सहित कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।