बरसों पुराने साथी फिर से मिले तो सभी के दिल खिले

उदयपुर। यहां एम बी कॉलेज में पढ़े और एमबी मेन हॉस्टल में साथ रहे मित्रों का अनुपम पुनर्मिलन हुआ। करीब 53 साल पहले एक साथ विद्यार्थी जीवन जीने वाले इन महानुभावों ने डेढ़ दिन तक यहां देवेंद्रगढ़ रिसॉर्ट में साथ रह कर कॉलेज और हॉस्टल जीवन की पुरानी यादें ताजा की। जवानी के दिनों में दोस्त के रूप में साथ रहे ये साथी अब एक दूजे को वरिष्ठ नागरिक के रूप में देख कर खूब प्रफुल्लित हुए। इतने सालों बाद भी सब ने एक दूसरे को पहली नजर में पहचान लिया। इस अनोखी मुलाकात की खास बात यह रही कि कुंवारे दिनों के ये 12 मित्र इस बार पत्नियों के साथ एक दूजे से रूबरू हुए।
देश के विभिन्न शहरों से यहां आकर इन सबने कॉलेज और हॉस्टल से निकलने के बाद की अपनी जीवन यात्रा साझा की। साथ ही कॉलेज और हॉस्टल जीवन की खुशनुमा यादों को फिर से जीते हुए खूब मौज मस्ती की। इस पुनर्मिलन में शामिल होने वालों में केंद्रीय मंत्री, राजस्थान के मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, कांग्रेस के राष्ट्रीय महामंत्री,सांसद और विधायक रहे डॉ.सीपी जोशी प्रमुख रहे।


उदयपुर और बांसवाड़ा के विश्वविद्यालयों के कुलपति रहे इंद्रवर्धन त्रिवेदी इस आयोजन के सूत्रधार रहे। रेमंड्स ग्रुप की सभी कंपनियों के बोर्ड आफ डायरेक्टर्स के सदस्य व एक कंपनी समूह के अध्यक्ष शांतिलाल पोखरना (सीए) मुंबई से आए। जनसत्ता के राजस्थान व मध्यप्रदेश के पूर्व स्टेट ब्यूरो चीफ व पूर्व सूचना आयुक्त आत्मदीप भोपाल से आए। महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में विभिन्न कंपनियों के चार्टर्ड अकाउंटेंट रहे बीएम गुप्ता मुंबई से आए। दिल्ली व गुरुग्राम में चार्टर्ड अकाउंटेंट के रूप में नाम कमाने वाले राजेश पालीवाल जयपुर से आए। गुजरात में एशियन पेंट्स के वरिष्ठ अधिकारी रहे परेश शाह और गुजरात के चार्टर्ड अकाउंटेंट जयेश शाह नडियाद से आये । सोमानी टाइल्स के मलिक सुरेश सोमानी कपासन (चित्तौड़) से आए । गुजरात की नामी गिरामी आयात निर्यात कंपनी मिनर्वा मार्बल्स के मालिक हरीश नीमा अहमदाबाद से आए।वागड़ अंचल के प्रतिष्ठित ज्वेलर अशोक गोवाडिया सागवाड़ा से आये ।


अपनी बरसों पुरानी दोस्ती का जश्न मनाने के लिए खूबसूरत रिजॉर्ट में आयोजित इस कार्यक्रम में उन दिनों के किस्सों और एक दूजे की खूबियों की मधुर स्मृतियों को फिर से जिया गया, जब सभी एक साथ हॉस्टल और कॉलेज में समय बिताते थे। पुरानी तस्वीरें देखी गईं, दिलचस्प वाकए सुनाए गए और उन दिनों की छोटी-छोटी खुशियों को फिर से जिया गया। कैंप फायर के साथ नाच – गाने का लुत्फ भी लिया गया। एडवोकेट देवेंद्र हिरण ने अपनी गजलों से समा बांध दिया। उनकी पत्नी रुचिका हिरण ने भी सक्रियता दिखाई। मिट्टी से कलात्मक वस्तुएं बनाने की कला भी सिखाई गई।
इस पुनर्मिलन के अपने अनुभव सुनाते हुए सभी पतियों और पत्नियों ने इस सुनहरे मौके को भावुक और अविस्मरणीय बताया। जीवन के अलग-अलग रास्तों पर चलने के बाद इतने वर्षों बाद एक साथ आकर उन्होंने अपने रिश्तों को नई ऊर्जा दी। इस आयोजन ने साबित कर दिया कि समय और दूरी चाहे कितनी भी हो, सच्चे दोस्ती के बंधन हमेशा जीवित रहते हैं। यह आयोजन न केवल पुराने दोस्तों के लिए यादगार रहा, बल्कि इसने उनकी अगली पीढ़ी के लिए भी एक प्रेरणा पेश की कि दोस्ती और रिश्तों को बनाए रखने का महत्व और आनंद कितना बड़ा है। इस सार्थक आयोजन में मिले अनूठे आनंद से प्रेरित होकर सभी इस पर सहमत हुए कि अगला आयोजन बाली (इंडोनेशिया) की यात्रा के रूप में किया जाए।

Related posts:

हिन्दुस्तान जिंक के शिक्षा संबंल कार्यक्रम में इस वर्ष लाभान्वित हो रहे 1500 से अधिक विद्यार्थी

1008 जागृत हनुमानजी को धराया छप्पन भोग

मेवाड़ महिला प्रीमियर लीग की तैयारियां पूर्ण

उदयपुर के लालस करेंगे ओलंपिक हॉकी मैचों की कमेंट्री

जल जीवन मिशन के बंद पड़े कार्यों को शीघ्र शुरू करें- जिला कलेक्टर पोसवाल

नारायण सेवा संस्थान में खुशियों की बारात

महाराणा उदयसिंह की 500वीं जयंती पर वर्चुअल व्याख्यान का शुभारंभ

World Quality Day: Hindustan Zinc Reaffirms Commitment to Superior Product Quality & Innovation

डंपर की टक्कर से उप सरपंच पति की मौत, एक गंभीर घायल

उदयपुर में विकास कार्यों की लगी झड़ी, दो दिन में करीब 35 करोड़ से अधिक के विकास कार्यों का लोकार्पण-...

80 वर्षीय वृद्ध को मिली ह्रदय की समस्या से निजात

PIMS Psychiatry Residents Shine at RajPsychon 2025