जिंक कौशल केंद्रों ने 40 प्रतिशत महिलाओं सहित 7 हजार से अधिक ग्रामीण युवाओं को दिया प्रशिक्षण

राजस्थान में कंपनी के कौशल केंद्र ग्रामीण युवाओं को बाजार-प्रासंगिक कौशल और देश में स्थायी आजीविका से समृद्ध कर रहे
उदयपुर (डॉ. तुक्तक भानावत ) :
भारत की सबसे बड़ी और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड की प्रमुख कौशल विकास पहल जिंक कौशल केंद्र ने 40 प्रतिशत महिलाओं सहित 7 हजार से अधिक ग्रामीण युवाओं को बाजार-प्रासंगिक कौशल प्रदान कर प्रदेश और देश में सार्थक रोजगार प्राप्त करने में मदद की है। हाल के वर्षों में, यह पहल ग्रामीण समुदायों के युवाओं के जीवन को बदलने में उत्प्रेरक के रूप में उभरी है, जो ग्रामीण सशक्तिकरण और युवा विकास के लिए हिन्दुस्तान जिंक की प्रतिबद्धता को मजबूत करती है। यह पहल निहत्थे सुरक्षा सेवाओं, खुदरा बिक्री और विपणन, सहायक इलेक्ट्रिशियन, खाद्य और पेय सेवा, ग्राहक संबंध प्रबंधन और माइक्रोफाइनेंस सहित विभिन्न ट्रेडों में विशेष प्रशिक्षण प्रदान करती है। शहरी-ग्रामीण विभाजन को दूर कर, जिंक कौशल केंद्र स्थायी आजीविका के अवसर पैदा कर रहा है। इससे उम्मीदवारों को भीलवाड़ा, उदयपुर, अजमेर, साणंद, बैंगलोर, हैदराबाद और लोनावाला जैसे प्रमुख स्थानों पर रोजगार मिला है, जिसमें वेतन 14 हजार रुपये से 30 हजार रुपये प्रति माह है। दरीबा, आगुचा, कायड़, उदयपुर और जावर में हिन्दुस्तान जिंक द्वारा स्थापित जिंक कौशल केंद्र कौशल संवर्धन और रोजगार के लिए एक परिवर्तनकारी मंच के रूप में कार्य करता है। युवा बेरोजगारी के बढ़ते मुद्दे को संबोधित करने के लिए डिजाइन किया गया कार्यक्रम आतिथ्य, माइक्रोफाइनेंस सेवाओं, व्यापार, पत्राचार, बिक्री और ग्राहक संबंध प्रबंधन और स्व-उद्यमिता में अल्पकालिक, गहन पाठ्यक्रम प्रदान करता है। वित्तीय संस्थानों और सरकारी निकायों के साथ साझेदारी को बढ़ावा देकर प्रभावी रूप से पहल शिक्षा और रोजगार के बीच की दूरी को कम करता है।
कार्यक्रम के लाभार्थियों में से एक ने पहल के प्रभाव को दर्शाते हुए कहा कि जिंक कौशल केंद्र में प्रशिक्षण ने न केवल मुझे तकनीकी कौशल से परिपूर्ण किया बल्कि मेरा आत्मविश्वास भी बढ़ाया। आज उदयपुर में इंदिरा आईवीएफ केंद्र में ग्राहक संबंध प्रबंधक के रूप में मुझे आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने और अपने परिवार की भलाई में योगदान करने पर गर्व है।
कौशल विकास में अपने योगदान के लिए पहचाने जाने वाले हिन्दुस्तान जिं़क के कौशल केंद्रों ने सरकारी अधिकारियों और उद्योग के अग्रणी प्रतिनिधियों से समान रूप से सराहना प्राप्त की है। नाबार्ड, यस फाउंडेशन, एएवीएएस फाइनेंसर्स और उदयपुर सीमेंट वर्क्स के साथ पहल के सहयोग ने इसकी पहुंच को मजबूत किया है, जिससे प्रदान किए जाने वाले प्रशिक्षण की गुणवत्ता में वृद्धि हुई है। हिन्दुस्तान जिंक़ कुशल कार्यबल के निर्माण के लिए अपनी प्रतिबद्धता जारी रखता हैं। यह कार्यक्रम आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त ग्रामीण भारत को बढ़ावा देने के कंपनी के दृष्टिकोण का प्रमाण है।
कौशल विकास के साथ ही हिन्दुस्तान जिंक सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने, ग्रामीण महिलाओं और किसानों के लिए स्थायी आजीविका के अवसर, स्वास्थ्य सेवा पहुंच, जल संरक्षण और स्वच्छता, युवा फुटबॉल प्रतिभाओं के बुनियादी स्तर के विकास एवं कला और संस्कृति, को बढ़ावा देने में अग्रणी है, जो लगभग 4 हजार गांवों में 20 लाख से अधिक लोगों को लाभान्वित कर रही है। भारत की शीर्ष 10 सीएसआर कंपनियों में शुमार, हिंदुस्तान जिंक की पहल, आत्मनिर्भर राजस्थान बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है जो समावेशिता, नवाचार और पर्यावरणीय जिम्मेदारी को बढ़ावा देती है।

Related posts:

डिज़ाइनर्स, मटेरियल सप्लायर्स और बिल्डर्स एक मंच पर मिलेंगे लेकसिटी में

जिंक वर्क इंटीग्रेटेड लर्निंग प्रोग्राम के तहत् 118 अधिकारियों को उच्च शिक्षा का अवसर

जिंक फुटबॉल अकादमी के गोलकीपर साहिल पूनिया भारत की अंडर-16 नेशनल टीम कैंप के लिए चुने गए

सुविवि- प्रो. भाणावत बने छात्र कल्याण अधिष्ठाता

हिन्दुस्तान जिंक द्वारा जावर में समाधान पहल के तहत् उन्नत नस्ल गोवत्स प्रदर्शनी आयोजित

बर्नार्ड वैन लीयर फाउण्डेशन और आईसीएलईआई-एसए के सहयोग से उदयपुर नगर निगम ने बच्चों की सुरक्षा के लिए...

अणुव्रत आंदोलन से ही नैतिक जीवनोत्थान

दिव्यांग बच्चों ने मनाया आज़ादी का अमृत महोत्सव

जन्म जयन्ति पर ट्री गार्ड सहित 108 औषधीय एवं फलदार वृक्षारोपण

जनजाति बाहुल्य अनुसूचित क्षेत्रों का हो सर्वांगीण विकास : राज्यपाल

Hindustan Zinc hosts MEAI Rajasthan Chapter at Zawar Mines on Indian Mining Day

देशभक्ति गीत गायन प्रतियोगिता