उदयपुर : कोविड-19 लॉकडाउन ने सभी गैर-कोविड बीमारियों से सम्बंधित स्वास्थ्य के मामलों को प्रभावित किया है, क्योंकि सरकार के दिशानिर्देशों के कारण ओपीडी और अस्पताल की नियमित सेवाओं को रोक दिया गया था। इस रोक के कारण न केवल क्लेफ्ट लिप (कटे होंठ) और पैलेट (तालु) की सर्जरी को स्थगित कर दिया, बल्कि क्लेफ्ट रोगियों और उनके परिवारों को चिंता और भ्रम में भी डाल दिया। गौरतलब है कि क्लेफ्ट लिप और पैलेट की सर्जरी के मामले में समय का बहुत महत्व है।
क्लेफ्ट एवं पैलेट रोगियो से जुड़ी स्थिति के बारे में बात करते हुए स्माइल ट्रेन की वाइस प्रेसिडेंट और रीजनल डायरेक्टर एशिया ममता कैरोल ( Mamta Carrol ) ने कहा कि हमारी टोल फ्री क्लेफ्ट हेल्पलाइन की शुरुआत ऐसे राष्ट्रीय संसाधन विकसित करने के उद्देश्य से की गई थी, जो क्लेफ्ट रोगियों के लिए आसानी से उपलब्ध हो सकें, और इस हेल्पलाइन से लॉकडाउन के दौरान रोगियों और उनके परिवारों को बड़ा सहारा मिला। रोगियों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं दोनों की सुरक्षा के लिए निर्धारित बेहतर सुरक्षा दिशा-निर्देशों के साथ, देश भर के हमारे सहयोगी अस्पताल अब धीरे-धीरे क्लेफ्ट सर्जरी करना शुरू कर रहे हैं। बिहार में तो सर्जरी फिर से शुरू भी हो चुकी है और क्लेफ्ट रोगियों के मुफ्त उपचार में हम सहायता पहुंचा रहे हैं।
उदयपुर स्माइल ट्रैन पार्टनर सर्जन, प्लास्टिक सर्जन और स्माइल ट्रैन प्रोजेक्ट डायरेक्टर जीबीएच अमेरिकन हॉस्पिटल ( GBH American Hospital ) डॉ गुरु भूषण ( Dr Guru Bhushan ) ने कहा कि कटे होंठ और तालु के उपचार में एक निश्चित समय से अधिक देर नहीं करनी चाहिए, क्योंकि इसकी वजह से बोलने से जुड़ी, तथा ऑर्थोडॉन्टिक समस्याओं जैसी बड़ी दिक्कतें पैदा हो जाती हैं। स्माइल ट्रेन के सहयोग से, हम कटे होंठ और तालु के साथ पैदा हुए बच्चों को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण उपचार प्रदान करने में सक्षम हैं, ताकि उन बच्चों के लिए उपयोगी जीवन जीना सुनिश्चित किया जा सके। क्लेफ्ट का उपचार संभव है और हम पूरे राजस्थान में अधिक से अधिक बच्चों की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
क्लेफ्ट लिप और पैलेट की सर्जरी को लेकर पैदा हुई ऐसी परिस्थिति में एनजीओ, स्माइल ट्रेन इंडिया, की टोल फ्री नेशनल क्लेफ्ट हेल्पलाइन 1800 103 8301 एक वरदान साबित हुई है। कोविड-19 महामारी के दौरान क्लेफ्ट हेल्पलाइन ने माँ–बाप के सवालों के जवाब देने में सहायता पहुंचाई है। हेल्पलाइन पर की गई पूछताछ में कई तरह के सवाल शामिल थे, जैसे कटे होंठ और तालु वाले नवजात शिशु को कैसे खिलायें, उनके बच्चे को मुफ्त क्लेफ्ट उपचार कब मिलेगा। इस पूछताछ में एक युवा माँ को उसके परिवार द्वारा त्याग दिये जाने का मामला भी शामिल रहा, क्योंकि उसने कटे होंठ वाली बेटी को जन्म दिया था। महामारी के कारण हुए लॉकडाउन के दौरान ऐसी 500 से अधिक कॉल प्राप्त हुई हैं।
कटे होंठ और तालु जन्म से जुड़ी हुई समस्याएं है जो पूरी तरह से ठीक हो सकती हैं, लेकिन इस मामले में यह महत्वपूर्ण है कि ऐसे बच्चों का सही उम्र में उपचार शुरू हो ताकि वे स्वस्थ और उपयोगी जीवन जी सकें। इस उपचार में सर्जरी और अन्य संबंधित सहायक देखभाल भी करनी पड़ती है। देर से किये गये उपचार की वजह से बोलने और सुनने की समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इसके अलावा, क्लेफ्ट रोगियों को सामाजिक कलंक और अलगाव का सामना करना भी पड़ सकता है। स्माइल ट्रेन इंडिया एक एनजीओ है जो पूरी तरह से मुफत क्लेफ्ट उपचार में सहायता प्रदान करता है। पिछले 20 वर्षों में, उन्होंने पूरे भारत में बच्चों की 6 लाख से अधिक मुफ्त सर्जरी करने में मदद की है।
स्माइल ट्रेन ने राजस्थान में जयपुर, जोधपुर, कोटा, माउंट आबू, उदयपुर, श्री गंगानगर और भरतपुर के अपने 11 सहयोगी अस्पतालों के माध्यम से 34,250 से अधिक क्लेफ्ट सर्जरी कराने में मदद पहुंचाई है। मुफ्त क्लेफ्ट उपचार का लाभ उठाने के लिए, कृपया टोल फ्री क्लेफ्ट हेल्पलाइन – 1800 103 8301 पर कॉल करें।