तेरापंथ धर्मसंघ का 157वां मर्यादा महोत्सव समारोहपूर्वक मनाया गया

उदयपुर। महाप्रज्ञ विहार में गुरुवार को शासनश्री मुनि रविंद्रकुमारजी, संगायक मुनिश्री राजकुमारजी ठाणा (2), तपोमूर्ति मुनिश्री पृथ्वीराजजी, सीए मुनिश्री निकुंजकुमारजी ठाणा (2), शासनश्री साध्वीश्रीजी मधुबाला ठाणा (5) के सान्निध्य में तेरापंथ सभा उदयपुर की ओर से 157वां मर्यादा महोत्सव समारोहपूर्वक मनाया गया। इस दौरान तेरापंथ समाज के कई गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
मुनिश्री रविंद्रकुमारजी ने मर्यादा महोत्सव का महत्व बताते हुए कहा कि मर्यादा और समर्पण हमारे जीवन का अभिन्न अंग होना चाहिए। बिना मर्यादा के जीवन सारहीन और अर्थहीन हो जाता है। मुनिश्री ने मर्यादाओं के दो प्रकार, शास्त्रीय मर्यादा और शासन की मर्यादाओं का जिक्र करते हुए उन पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि मर्यादाएं मर्यादा ही होती हैं इसमे बड़ा-छोटा कुछ नहीं होता। आज्ञा और मर्यादा से जीवन सुंदर बनता है और धर्मसंघ का गौरव भी बढ़ता है।
मुनिश्री मार्दवजी ने मर्यादा महोत्सव के प्रारंभ काल से लेकर अब तक की सारगर्भित चर्चा की और इसके उद्भव के बारे में विस्तार से जानकारी दी। मुनिश्री रतनकुमारजी ने मर्यादा की भावना प्रेषित करते हुए जीवन में मर्यादा का महत्व समझाया। मुनिश्री पृथ्वीराजजी ने श्रवण व वैदिक संस्कृति के पर्व पर चर्चा करते हुए कहा कि इनमें कई पर्व और महोत्सव आते हैं। आचार्यश्री भिक्षु द्वारा स्थापित मर्यादित महोत्सव सबसे महत्वपूर्ण महोत्सव कहलाता है। आचार्यश्री भिक्षु ने इसे स्थापित किया। जयाचार्य ने इसका सूत्रपात किया। बाद में सभी आचार्यों ने मर्यादा महोत्सव को और आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मुनिश्री राजकुमारजी ने भजन के माध्यम से मर्यादा का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि जीवन में दो दिवस होते हैं, निर्वाण और निर्माण। आज निर्माण का दिवस है। हमें जीवन में ज्यादा से ज्यादा मर्यादाओं का निर्माण कर उनका अक्षरश: पालन करना है।
मर्यादा महोत्सव में साध्वीवृंदों ने सामूहिक नाटिका प्रस्तुति देकर उपस्थित जनों को मर्यादा का महत्व बताया और जीवन में मर्यादा एवं आज्ञा का पालन करने का शुभ संदेश दिया। साध्वीश्री ने तेरापंथ की कागज पर उकेरी गई कुंडली प्रस्तुत करते हुए कहा कि तेरापंथ जन्म से ही भाग्यशाली है। इसका अनुशासन बेजोड़ है और विनम्रता भरपूर है। सभा का संचालन मुनिश्री निकुंजकुमारजी ने किया।
प्रारंभ में तेरापंथ महिला मंडल की ओर से अध्यक्ष सुमन डागलिया के नेतृत्व में मंगलाचरण की प्रस्तुति हुई एवं इस अवसर पर महिला मंडल उदयपुर द्वारा अखिल भारतीय महिला मंडल द्वारा निर्देशित ‘मर्यादा और सुखी जीवन’ पर कार्यशाला आयोजित की गई।
 अध्यक्ष अर्जुन खोखावत ने स्वागत भाषण देते हुए मर्यादा महोत्सव की विस्तार से जानकारी दी। अनुव्रत समिति अध्यक्ष निर्मल कुणावत ने कहा कि जीवन में मर्यादा के साथ छोटे-छोटे संयम का पालन किया जाए तो जीवन सुंदर और सुखमय बन सकता है। तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष अजीत छाजेड़ के नेतृत्व में सदस्यों ने सामूहिक सुंदर गीतिका प्रस्तुत की। इस दौरान फिट युवा और हिट युवा के बैनर का विमोचन भी किया गया। इस अवसर पर तपोमूर्ति मुनिश्री पृथ्वीराजजी का मंगल भावना समारोह भी आयोजित किया गया। कार्यक्रम के अंत में संघ गायन हुआ। मंगल पाठ सुनाया गया। धन्यवाद और आभार तेरापंथ सभा के सभा मंत्री विनोद कच्छारा ने ज्ञापित किया।

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