फुटबॉल के साथ अब प्रदेश में तीरंदाजों को तराशेगा हिन्दुस्तान जिंक

खेलों में प्रदेश को विश्व मानचित्र पर अंकित करने और देश को फिट बनाने के लिये जिंक तत्पर : मिश्रा

उदयपुर।
 एक जिम्मेदार उद्योग के रूप में अपने आसपास के क्षेत्र के समुदाय के सर्वांगीण विकास की अवधारणा के मूल सिद्धांत के अनुरूप प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने और ग्रामीण प्रतिभाओं को निखारने के लिये हिन्दुस्तान जिंक़ द्वारा हर संभव प्रयास किये जा रहे है। प्रदेश में खेल प्रतिभाओं की कमी नही है आवश्यकता है तो बस उन गुदड़ी के लालों को पहचान कर उन्हें अवसर और संसाधन प्रदान करने की जिससे वें अपनी प्रतिभा का बेहतर प्रदर्शन कर सकें। जावर में हिन्दुस्तान जिंक़ द्वारा फुटबाल एकेडमी की स्थापना से प्रदेश के युवा और उभरतें खिलाडियों को बेहतरीन तकनीक से प्रशिक्षण और संसाधान उपलब्ध कराने के फलस्वरूप जिंक़ फुटबॉल की टीम राजस्थान में चैंपियन बन कर उभरी है।
फुटबॉल के बाद अब जिंक़ राजस्थान के तीरंदाजों को भी अवसर प्रदान कर उन्हें तराशने में अपना योगदान देगा। तीरंदाजी में प्रदेश का समृद्ध इतिहास रहा है, जो भारतीय संस्कृति में विशेष स्थान रखता है। तीरंदाजी के इतिहास में सबसे सफल तीरंदाजों में से एक, पद्मश्री से सम्मानित लिंबाराम उदयपुर जिले से हैं। राज्य में इस खेल को फिर से जीवंत करने के उद्देश्य से, वेदांता-हिंदुस्तान जिंक अब अपने जिंक फुटबॉल कार्यक्रम की तरह अलग अलग आयु वर्ग के बच्चों के लिए उदयपुर में एक अत्याधुनिक तीरंदाजी प्रशिक्षण अकादमी स्थापित करने की योजना बना रहा है।
जिंक खेलों में चार दशक से सक्रिय है। यह लगातार खेलों को प्रोमोट करने का कार्य कर रहा है। कम्पनी ने फुटबाल के विकास के लिए जावर में 1976 में एक फुटबाल स्टेडियम बनवाया। बीते 40 सालो में जावर स्टेडियम में राष्ट्रीय स्तर के फुटबाल टूर्नामेंट्स का आयोजन होता रहा है। कम्पनी ने बीते समय में देश के लिए इंटरनेशनल स्तर पर मान व सम्मान हासिल करने वाले कई खिलाडिय़ों को सहयोग दिया है। कंपनी की पहल सामाजिक और आर्थिक उत्थान, युवा विकास, सामुदायिक विकास, महिला सशक्तिकरण और खेलों के माध्यम से स्वस्थ जीवनशैली लाने की है।
जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण मिश्रा ने कहा कि हम खेलों के जरिये खासतौर पर बच्चों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए प्रतिबद्ध हैं। खेल अनुशासन, जिम्मेदारी, आत्मविश्वास और जवाबदेही जैसे मूल्यों को आत्मसात करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जो कि स्वस्थ समुदाय के निर्माण में मदद करता है। जिंक में हम देश को फिट बनाने और देश को खेल के क्षेत्र में विश्व स्तर पर प्रभावशाली बनाने में योगदान के अपने सपने को जारी रखेंगे।
परिचालन क्षेत्र के खिलाडिय़ों को प्रोत्साहन में निभा रहा अग्रणी भूमिका :
जिंक़ प्रदेश के खिलाडिय़ों और उनके भविष्य को बेहतर बनाने में समय-समय पर योगदान देता रहा है। अपनी परिचालन के इकाइयों, ग्रामीण, जिला और राज्यस्तर पर कंपनी द्वारा खेलों को बढ़ावा देने के लिये इंफ्रास्ट्रक्चर, संसाधन और सुविधाओं से खिलाडिय़ों को प्रोत्साहित किया है। राजसमंद स्थित राजपुरा दरीबा माइंस में काबरा कबड्डी मैदान और राजपुरा मैदान स्थापित किया है, जबकि एक बहुउद्धेशीय खेल मैदान निर्माणाधीन है। राजपुरा दरीबा माइंस खेल कुंभ जैसे आयोजनों में भी योगदान दिया है जहां वॉलीबॉल, फुटबॉल, रस्साकशी और कबड्डी जैसे विभिन्न खेलों के आयोजन के साथ अंतरराज्यीय टूर्नामेंट का आयोजन किया गया। पंचायत स्तर के आयोजनों में कंपनी ने एथलीटों को प्रोत्साहित किया है। उनमें से एक रेलमगरा गाँव की मूल निवासी भावना जाट ने हाल ही में टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत का प्रतिनिधित्व किया है।
चंदेरिया लेड जिंक स्मेल्टर नगरी गांव में बालक बालिकाओं के लिए जिला स्तरीय हॉकी टूर्नामेंट, पुठोली गांव में राज्य स्तरीय जिमनास्टिक टूर्नामेंट, राष्ट्रीय स्तर के 33 वें फेडरेशन कप वॉलीबॉल चौंपियन टूर्नामेंट और क्रिकेट और विभिन्न अन्य खेलों में अन्य ग्राम स्तरीय टूर्नामेंट के माध्यम से खेलों को बढ़ावा देता रहा है। चंदेरिया लेड जिंक़ स्मेल्टर द्वारा सेगवा और कश्मोर में ओपन जिम के साथ 400 मीटर रनिंग ट्रैक भी विकसित किया है। अजमेर में कायड माइंस बालक बालिकाओं के लिये गगवाना में जिला स्तरीय ग्रामीण कबड्डी टूर्नामेंट आयोजित करने के लिए सहयोग प्रदान किया जिसमें 380 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। ग्रामीण समुदायों में खेल संस्कृति के निर्माण के लिए आगुचा माइंस जिला प्रशासन के समन्वय से विभिन्न स्कूल, गांव और जिला स्तर के टूर्नामेंटों में सहयोग कर रहा है। जिला स्तर के खेल टूर्नामेंटों के लिए ट्रैक किट के साथ ही आसपास के गांवों में स्कूल और युवा टूर्नामेंट 2020-21 में युवा क्रिकेट टूर्नामेंट आयोजित करने में सहायता प्रदान की है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित दो वॉलीबॉल मैदानों में 12 सोलर इलेक्ट्रिकल लाइटें लगाई हैं।

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