महाराणा राजसिंह द्वितीय की 279वीं जयन्ती मनाई

उदयपुर। मेवाड़ के 63वें श्री एकलिंग दीवान महाराणा राजसिंह द्वितीय की 279वीं जयंती महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर की ओर से मनाई गई। महाराणा राजसिंह द्वितीय का जन्म वि.सं. 1800, वैशाख शुक्ल 13 को हुआ था। सिटी पेलेस म्यूजियम स्थित राय आंगन में उनके चित्र पर माल्यार्पण व पूजा-अर्चना कर मंत्रोच्चारण के साथ दीप प्रज्वलित किया गया तथा पर्यटकों के लिए उनकी ऐतिहासिक जानकारी प्रदर्शित की गई।


महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर के प्रशासनिक अधिकारी भूपेन्द्रसिंह आउवा ने बताया कि महाराणा राजसिंह द्वितीय की गद्दीनशीनी वि. सं. 1810 माघ कृष्ण 2 को और राज्याभिषेक श्रावणादि वि.सं. 1812, ज्येष्ठ शुक्ल 5 को हुआ था। राज्याभिषेक के दिन उन्होंने स्वर्ण का तुलादान किया। महाराणा प्रतापसिंह द्वितीय के एक ही पुत्र राजसिंह थे। उनकी माता का नाम बख्त कुंवर था। महाराणा की बाल्यावस्था होने के कारण मरहटों ने मौके का फायदा देख मेवाड़ पर कई धावें मारे और बहुत सा धन लूटकर ले गये। मरहटों के धावों से मेवाड़ की आर्थिक स्थिति को धक्का लगा।
जोधपुर राज्य की गद्दी पर अधिकार के लिये महाराजा विजयसिंह और उसके चचेरे भाई रामसिंह के मध्य विवाद उत्पन्न हुआ। रामसिंह ने सिंधिया को जोधपुर पर कब्जे के लिये अपनी ओर मिला लिया। मराठों ने जोधपुर को सब ओर से घेर लिया। जोधपुर राज्य के विवाद में महाराणा ने महाराजा विजयसिंह का साथ दिया, जिससे मराठे और मेवाड़ के मध्य शत्रुता ओर बढ़ गई। इसी तरह शाहपुरा के राजा उम्मेदसिंह ने महाराणा की बाल्यावस्था का मौका देख बनेड़ा के परगने पर अपना कब्जा कर लिया। महाराणा ने बनेड़ा पर सेना भेजकर बेनेड़े के राजा सरदारसिंह के पुत्र रायसिंह को बनेड़ा पुनः दिलाया।
महाराणा राजसिंह द्वितीय मात्र का सात वर्ष ही राज्यकर वि.सं. 1817 चैत्र कृष्ण 13 को अल्पायु में देहान्त हो गया था। उनकी माता बख्त कुँवर ने महाराणा राजसिंह के नाम से देबारी दरवाजे के पास राजराजेश्वर बावड़ी, सराय और मन्दिर आदि का निर्माण करवाया।

Related posts:

उदयपुर में मृतक छात्र को पिता व चचेरे भाई ने दी मुखाग्नि
पिम्स में नवागंतुक विद्यार्थियों का स्वागत
झीलों की नगरी उदयपुर में 31 मिनट में 5100 बार गायत्री मंत्र का जाप
'प्राचीन धातुओं के संरक्षण, तकनीक व वैज्ञानिक अध्ययन' पर सिटी पैलेस में दो दिवसीय 51वां राष्ट्रीय सम...
जनजाति क्षेत्र के युवाओं की बेहतर आजीविका के लिए एमपीयूएटी और आईसीआईसीआई-सतत् आजीविका के बीच समझौते ...
नारायण सेवा ने 250 कम्बल बांटी
18 years old flagship campaign of ‘Say No to Dowry’ initiated by NSS
विद्यार्थियों को स्वच्छ और हरित भविष्य की दिशा में कदम उठाने के लिए प्रेरित किया
दुर्लभ जन्मजात विकृति का सफल ऑपरेशन
आध्यात्मिक मिलन
जिंक को ‘डॉउ जोन्स’ सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स में 5 वां स्थान
तेरापंथ महिला मंडल का वार्षिक अधिवेशन एवं वरिष्ठ श्राविका वर्धापन समारोह

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *