आत्मा के निवासी को मुश्किलें परेशान नहीं कर सकती : मुनि सुरेश कुमार
उदयपुर। तेरापंथ के आद्य प्रवर्तक आचार्य भिक्षु के 297वें जन्म दिवस एवं 265वें बोधि दिवस समारोह में शासनश्री मुनि सुरेशकुमार ने कहा कि जो अपनी आत्मा के निवासी हो उन्हें मुश्किलें कभी परेशान नहीं कर सकती। जो मौत को देखते हैं वे जीवन को जीभर कर जी लेते हैं। आचार्य भिक्षु महान आचार्य थे। उन्होंने अपना समूचा जीवन सत्य की खोज में समर्पित कर दिया। आज अपेक्षा है आचार्य भिक्षु की उस सत्य निष्ठा को जीने की। जीवन कहीं भी, कभी भी, किसी भी परिस्थिति के साथ बदल सकता है, बस एक प्रेरणा की चिंगारी की जरूरत है। आचार्य भिक्षु को राजनगर में प्रेरणा की एक चिंगारी मिली और तेरापंथ का अभ्युदय हो गया। जन्म लेना कोई महत्वपूर्ण बात नहीं है, महत्वपूर्ण है जीवन को सार्थक बनाना। आचार्य भिक्षु से सीखें जीवन को सार्थक बनाने की कला। केवल श्रद्धा, केवल पूजा आचार्य भिक्षु तक ले जाने में सफल नहीं हो सकती, अगर आचार्य भिक्षु तक पहुंच बनानी हैं तो हमें उस सत्य की खोज में निकलना होगा जिसे आचार्य भिक्षु ने जिया था।
मुनि संबोध कुमार ‘मेधांश’ ने आचार्य भिक्षु को मैनेजमेंट गुरु करार देते हुए कहा कि उस दौर में आचार्य भिक्षु ने ना एमबीए किया था ना मैनेजमेंट का कोई डिप्लोमा कोर्स किया फिर भी वे एक महान प्रबंधक थे। उन्होंने आने वाले कल को आज महसूस कर तेरापंथ धर्मसंघ को प्राणवान बनाने के लिए वह लिखा जिसे एक महान प्रबंधक ही कर सकता है। हम आचार्य भिक्षु को केवल चमत्कारी संत के रूप में ना देखें। आज जरूरत है हम आचार्य भिक्षु के विचारों को सुने समझे और जीने का प्रयास करें। आचार्य भिक्षु को माने यह अच्छी बात है लेकिन आचार्य भिक्षु की माने यह महत्वपूर्ण है। बोधि दिवस पर हम इस सोच के साथ जुड़े कि हमारे कारण हमारे धर्मसंघ को, समाज को कहीं नुकसान ना हो जाए।
मुख्य वक्ता प्रो. पीके मेहनोत निर्देशक गीतांजलि ने कहा कि आचार्यों ने 300 वर्ष पूर्व जो अक्षर लिखे वही आज लाखों की जीवनशैली हो रही है। महापुरुषों को ना पूजे उनके आदर्शों को अपने जीवन में उतारे। आज जब हर तरफ सत्ता, राजनीति और कुर्सी की लड़ाई है ऐसे दौर में आचार्य भिक्षु को हमें अपने सामने रखना चाहिए जिन्होंने हमेशा सिर्फ सत्य के साथ जीने का संकल्प किया और उसे निभाया भी। कार्यक्रम का आगाज तेरापंथ महिला मंडल के गीत से हुआ। स्वागत अध्यक्ष अर्जुन खोखवात ने किया। आभार महेश पोरवाल व मंच संचालन सभा मंत्री विनोद कच्छारा ने किया।