नेपकॉन- 2022 कॉन्फ्रेंस में लंग कैंसर, कोविड 19 और बढ़ते प्रदूषण से स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पर मंथन

उदयपुर। चेस्ट विशेषज्ञों के 24वें राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस नेपकॉन- 2022 के तीसरे दिन गीतांजली मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल और आर.एन.टी. मेडिकल कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में देश-विदेश से आए ख्यातनाम चेस्ट विशेषज्ञ डॉक्टर्स और प्रोफेसर्स द्वारा लंग कैंसर होने के कारण, निवारण और नवीनतम तकनीक पर आधारित जाँच पर गहन मंथन किया गया। इसके साथ ही हाल ही में कोविड 19 महामारी के बाद मानव शरीर और उसके अंगों पर होने वालें दुष्प्रभावों और बीमारियों पर हुई विशेष चर्चा में मेडिकल जगत को नवीनतम जानकारियां प्रदान की। कांफ्रेंस में बढ़ते प्रदूषण से स्वास्थ्य पर होने वाले दुष्प्रभाव, फेफड़ों और श्वांस से जुड़ी बीमारियों के कारण, निवारण और निदान पर विचार कर चर्चा की गयी।
कोविड-19 बीमारी के बाद होने वाले मानव स्वास्थ्य पर होने वाले दुष्प्रभावों और निदान पर चर्चा में डॉ. एस. के. शर्मा, डॉ. संजीव सिन्हा, डॉ. सैयद हसनैन,डॉ. अस्मिता मेहता और डॉक्टर पी अर्जुन ने भाग लिया। पद्मश्री डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कोविड-19 के घरेलू और चिकित्सीय ईलाज, संक्रमण के बाद होने वाली दूसरी रेस्पिरेटरी बीमारियों पर पडऩे वाले प्रभाव से अवगत कराया। कोविड-19 बीमारी से संबंधित वैक्सीन पर चर्चा के साथ इसके प्रभाव और दुष्प्रभाव के साथ इसकी एफिकेसी और सुरक्षा पर विचार व्यक्त किये गए।


डॉ. रणदीप गुलेरिया ने वातावरण में होने वाले प्रदूषण के साथ घर में होने वाले प्रदूषण (जैसे धूम्रपान और चूल्हे का धुआं इत्यादि) से सेहत पर होने वाले दुष्प्रभावों की जानकारी दी। वातावरण में बढ़ते प्रदूषण के कारण श्वांस संबंधित बीमारियां जैसे सी.ओ.पी.डी., अस्थमा ,एलर्जी और अन्य बीमारियों पर गहन चर्चा हुई। डॉ. रणदीप गुलेरिया, डॉ. इंद्रानील हैदर, डॉ. यू.सी.ओझा ने बताया कि कोविड अभी पूरी तरीके से गया नहीं है। उससे बचाव और सावधानी रखते हुए कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर अपनाने की वर्तमान संदर्भ में अभी भी जरूरत है। अभी भी लोगों को भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचना चाहिए और मास्क पहनते रहना चाहिए क्योंकि इससे श्वांस और प्रदूषण से होने वाली बीमारियों से बचाव होता है।
सम्मेलन में डॉ. महिमा भास्कर, अमेरिका के डॉ. आशुतोष सचदेवा और डॉ. राजीव कौशल ने लंग कैंसर जैसी घातक बीमारी के निदान के लिए नवीनतम जांच तकनीक और इलाज के साथ एडवांस थेरेपीज पर चर्चा करते हुए लंग कैंसर की स्टेज (अवस्था) के अनुरूप दिए जाने वाले ईलाज पर गहन विचार विमर्श किया गया। सिम्पोजियम में डॉ. धर्मेश पटेल, डॉ. राधिका भंकड, डॉ. संदीप कटियार ने फेफड़ों में पानी भरने वाली बीमारी का दूरबीन से जाँच और निदान की नवीनतम तकनीक पर चर्चा की। इंग्लैंड के डॉ. एम. मुनव्वर ने विशेष व्याख्यान दिया। कोच्चि के डॉ. नासिर यूसुफ ने सर्जरी द्वारा फेफड़ों में पानी भरने वाले रोग के निदान के साथ पोस्ट कोविड के बाद सर्जिकल जटिलताओं के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी साझा की।
सम्मेलन में आयोजित अन्य सिम्पोजियम में डॉ संजय मनचंदा, डॉ नितेश गुप्ता, डॉ. प्रणविष और डॉ. अरूप हैदर ने नींद में खर्राटों की बीमारी से होने वाली दिक्कतों और अन्य अंगों पर प्रभावों पर गहन चर्चा की। डॉ. उज्ज्वल पराग, डॉ. राजीव गोयल, डॉ. राकेश चावला, डॉ निशांत चौहान और डॉ. प्रतिभा गोग्या ने रेस्पिरेटरी मेडिसिन में नवीनतम तकनीक और निदानों के बारे में बताया।
नेपकोन-2022 सम्मेलन में देश के विभिन्न शहरों से आये डॉ. निष्ठा सिंह, डॉ. क्रांति गर्ग, डॉ. ऋतु सिंघल, डॉ. डी. जे. क्रिस्टोफर, डॉ. अगम वोरा, डॉ. जे. के.सामरिया, ने श्वांस और फेफड़ों से जुड़ी अन्य बीमारियां जैसे टीबी, अस्थमा और सी.ओ.पी.ड़ी. की नवीनतम जाँच और निदान की जानकारी दी। ऑर्गेनाइजिंग चेयरमैन डॉ. एस. के. लुहाडिया ने टीबी रोग के बाद स्वास्थ्य पर पडऩे वाले दुष्प्रभाव पर इम्युनोमॉड्यूलेटर्स के रोल पर लेक्चर दिया।
सम्मेलन में इंडियन चेस्ट सोसायटी द्वारा प्रोफेसर डॉ. एस. एन. त्रिपाठी प्रेसिडेंशियल ओरेशन अवार्ड से पद्मश्री डॉ. ड़ी बेहरा को नवाजा गया। इसके साथ ही प्रोफेसर डॉ. सी वी रामाकृष्णन ओरेशन अवार्ड डॉ. एम. एस. बर्थवाल को प्रदान किया गया। प्रोफेसर डॉ. के. जे. आर. मूर्ति मेमोरियल ओरेशन अवार्ड डॉ. एच. परमेश को दिया गया। नेशनल कॉलेज ऑफ चेस्ट फिजिशन्स ओरेशन अवार्ड के अंतर्गत प्रोफेसर डॉ. रमण विश्वनाथन मेमोरियल चेस्ट ओरेशन अवार्ड से डॉ अशोक शाह को सम्मानित किया गया । प्रोफेसर डॉ. ए. एस. पेंटल-प्रोफेसर डॉ. आर. सी. जैन मेमोरियल चेस्ट ओरेशन अवार्ड से डॉ. विक्रम सारभाई को नवाजा गया। वहीं प्रोफेसर डॉ. पी. एस. शंकर-प्रोफेसर डॉ. के. सी. मोहंती चेस्ट ओरेशन अवार्ड से डॉ. विवेक नांगिया को सम्मानित किया गया। इसके साथ सम्मान के अगले क्रम में प्रोफेसर डॉ. एस. के. जैन -प्रोफेसर डॉ. एस. के .कटियार चेस्ट ओरेशन अवार्ड से डॉ. पी. आर. मोहपात्रा को सम्मानित किया गया।
डॉ. निखिल सारंगधर ने पी. जी क्विज का आयोजन करवाया जिसमें देश भर से आये पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल छात्रों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। शनिवार को पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट्स और यंग पल्मनोलोजिस्ट द्वारा 405 शोध पत्रों का वाचन किया गया। शोधपत्रों के विभिन्न सत्रों में गीतांजली मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के डॉ. शुभकरण शर्मा, डॉ. के. पी. सिंह और डॉ. तृषि नागदा प्रथम रहे।

Related posts:

Hindustan Zinc Hosts Mega Industry Meet cum National Apprenticeship Training Scheme Workshop, an ini...

Women dive into mining head-on: Hindustan Zinc

लैंड रोवर ने 69.99 लाख रुपए से नई डिफेंडर की बुकिंग्स शुरु की

जिंक द्वारा किशोर मूक बधिर बालिकाओं के लिए मासिक धर्म स्वास्थ्य और स्वच्छता पर जागरूकता सत्र

Hindustan Zinc brings a wave of Purity, Health and Hopein Kotra, 53 ROs and UV+ Filtersinstalled acr...

रियासतकालीन अभिलेखों के अध्ययन, शोध के लिए मारवाड़ी में ऐप लॉन्च

बजाज फाइनेंस फिक्स्ड डिपॉजिट 50,000 करोड़ रुपये के पार

जीवन तरंग परियोजना के तहत मूक-बधिर छात्रों के लिए डिजिटल साक्षरता पर सत्र का आयोजन

इस सप्ताह अभ्यास शुरू करेगी जिंक फुटबाल अकादमी

जिले भर में मनाया 10वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस

VODAFONE IDEA’S LOCKDOWN SUPERSTARS ARE GOING THE EXTRA MILE TO KEEP RAJASTHAN CONNECTED DURING THE ...

वीआईएफटी में स्कील डवलपमेंट सेमीनार आयोजित

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *