गाइनेक कैंसर और बॉवेल एंडोमेट्रियोसिस के उपचार में नई तकनीकों पर अहमदाबाद के डॉक्टर के दो अध्ययन अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित हुए

उदयपुर : प्राणघातक माने जाने वाले गाइनेक कैंसर और बॉवेल(आँत) एंडोमेट्रियोसिस के उपचार के लिए अहमदाबाद के एक डॉक्टर ने नई तकनीकों को विकसित किया है,  जिसे  एक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित किया गया है। इन उन्नत तकनीकों को डॉ. दीपक लिंबाचिया और उनकी टीम द्वारा विकसित किया गया है, जो एक जाने-माने लेप्रोस्कोपिक और ऑन्कोलॉजी सर्जन तथा ईवा वुमन हॉस्पीटल और एंडोस्कोपी सेंटर के संस्थापक भी हैं।

डॉ. दीपक लिंबाचिया ने अंतरराष्ट्रीय कैंसर दिशानिर्देशों के अनुसार उचित और संपूर्ण लेप्रोस्कोपिक सर्जिकल मैनेजमेन्ट के साथ स्त्री रोग के कैंसर के क्षेत्र में विस्तृत और व्यापक स्तर पर काम किया है।

हमारे ज्ञान के अनुसार, अध्ययन “बाउल एंडोमेट्रियोसिस मैनेजमेंट बाय कोलोरेक्टल रिसेक्शन : लैप्रोस्कोपिक सर्जिकल टेकनीक एंड आउटकम” दुनिया में अपनी तरह का पहला अध्ययन है, जो एक अंतरराष्ट्रीय अमेरिकी जर्नल में प्रकाशित हुआ है।

ऑन्कोलॉजी पेपर:भारतीय महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर सबसे आमजनन-संबंधी कैंसर है। पश्चिमी दुनिया में महिलाओं में एंडोमेट्रियल कैंसर सबसे आम यौनजनन संबंधी कैंसर है। आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2020 में 6,04,127 महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर हुआ और वैश्विक स्तर पर इस बीमारी से 3,41,831 महिलाओं की मौत हुई थी।

भारत के लिए ग्लोबोकेन-2020 के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2020 में सर्विक्स कार्सिनोमा के 1,23,907 मामले दर्ज किए गए थे। वर्ष 2019 में भारत में सर्वाइकल कैंसर के कारण 45,300 महिलाओं की मौते हुई थी। यह एकमात्र स्त्रीरोग संबंधी कैंसर है जिसके लिए सरकार द्वारा स्क्रीनिंग कार्यक्रम चलाए जाते हैं, जिससे रोग को प्रारंभिक चरण में ही पहचाना जा सके और उचित समय पर उपचार शुरु किया जा सके।

डॉ. लिंबाचिया और उनकी टीम ने नई सर्जिकल तकनीक विकसित की है, जो बेहतर पूर्वानुमान के साथ-साथ उत्तम सर्जिकल परिणाम दे सकती है। इस नई तकनीक में सर्वाइकल और एंडोमेट्रियल कैंसर सर्जरी (गर्भाशय कैंसर सर्जरी) में कोल्पोटॉमी से पहले योनि को बंद करना शामिल है, जो पेट के अंदर और योनि में ट्यूमर कोशिकाओं को फैलने से रोकता है, जिससे रोग की पुनरावृत्ति को रोका जा सके।

एंडोमेट्रियोसिस पेपर:- एंडोमेट्रियोसिस एक ऐसी बीमारी है जहां गर्भाशय के अस्तर के समान टिशू गर्भाशय के बाहर बढ़ता है, जिससे दर्द और/अथवा बांझपन होता है। यह वैश्विक स्तर पर लगभग 10% (190 मिलियन) महिलाओं और प्रजनन आयु की लड़कियों को प्रभावित करता है। यह पीरियड्स के दौरान गंभीर, जीवन को प्रभावित करने वाले दर्द, संभोग, मलत्याग और/अथवा पेशाब, क्रोनिक पैल्विक पैन(दर्द), पेट की सूजन, अरुचि, उबकाई, थकान और कभी-कभी डिप्रेशन(निराशा,उदासी) चिंता और बांझपन से जुड़ी एक पुरानी बीमारी है।

एंडोमेट्रियोसिस की उत्पत्ति को मल्टिफक्टोरिअल(बहुघटकीय) माना जाता है, यानि कई अलग-अलग घटक इसके विकास में योगदान करते हैं। सबसे आम प्रक्रिया प्रतिगामी मासिक धर्म है, जो तब होता है जब मासिक धर्म रक्त जिसमें एंडोमेट्रियल कोशिकाएं फैलोपियन ट्यूब के माध्यम से और पैल्विक(श्रोणि) गुहा में वापस बहती हैं, उस समय रक्त, गर्भाशय ग्रीवा और योनि के माध्यम से शरीर से बाहर बह रहा होता है। प्रतिगामी माहवारी के परिणामस्वरूप, एंडोमेट्रियल जैसी कोशिकाएं गर्भाशय के बाहर जमा हो सकती हैं जहां वे प्रत्यारोपित और विकसित हो सकती हैं।

Related posts:

सैमसंग गैलेक्सी नोट 10 लाइट स्मार्टफोन लॉन्च

गीतांजली कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग में सर्वाइकल कैंसर अवेयरनेस सप्ताह मनाया

ओमान में सुल्तान हैथम बिन तारिक से डॉ. लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ की शिष्टाचार भेंट 

नारायण सेवा के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल को राष्ट्रीय पुरस्कार 

देश को पानीदार बनाना है तो भूजल के डिस्चार्ज की तुलना में अधिक रिचार्ज करने के प्रबंध करने होंगे

टैलेंटस्प्रिंट और आईआईएम उदयपुर मिलकर न्यू एज मैनेजमेंट एक्सपर्टीज के साथ प्रोफेशनल्स को और सशक्त बन...

महाराणा प्रताप के 484 पोस्टर व  प्रताप शतक पुस्तक का निशुल्क वितरण

अध्यात्म और आधुनिकता को साध कर भविष्य की ओर बढें युवा- अखिलेश मिश्रा

Nexus Celebrations roll out Nexus GRAB,for customers to bag special deals and discounts across their...

मोबिल ने ऐक्शन थ्रिलर ‘विक्रम वेधा’ के साथ साझेदारी की

2nd ASEAN-India Artists’ Camp celebrates 30 years of ASEAN-India ties with Music, Art & Dance

Hindustan Zinc’s Zawar Group of Mines partakes in Government of India’s “Ek Tarikh, Ek Ghanta, Ek Sa...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *