उदयपुर। भारत एक कृषि प्रधान देश है फिर भी भारतीय कृषि प्रकृति की अनिश्चितकालीन दशा पर निर्भर है। ऐसे में किसानों को चाहिए कि वे फसल बीमा द्वारा सुरक्षा प्रदान करें। बहुत कम प्रीमियम पर फसल के नुकसान की भरपाई की जा सकती है। मौसम के प्रतिकूल प्रभाव के कारण उत्पादन कम होने पर भी उसकी भरपाई बीमा से की जा सकती है। ये विचार एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कम्पनी ऑफ इंडिया के अनिल कोठारी ने बीमा जागरूकता कार्यक्रम के दौरान व्यक्त किए। यह कार्यक्रम जलवायु परिवर्तन परिप्रेक्ष्य में जलग्रहण विकास कार्यक्रम के तहत वागड़ा जलग्रहण के अवाणी ग्राम में आयोजित किया गया।
अलर्ट संस्थान के अध्यक्ष जितेन्द्र मेहता ने किसानों का स्वागत कर परिचय कराया एवं जलवायु परिवर्तन से पड़ रहे प्रभावों एवं अनुकूलन पर जानकारी देते हुए कहा कि किसानों को नवीन तकनीक का उपयोग करते हुए सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई बीमा योजनाओं का लाभ उठाना चाहियें। अनिल कोठारी ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एवं क्लेम लेने की प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी और कहा कि चाहे विपरित मौसम हो या प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान को बीमा के माध्यम से कवर किया जा सकता है। किसान केडिट कार्ड हर किसान को बनवाना चाहिए। दामिनी शर्मा ने धन्यवाद दिया। शिविर में वागड़ा जलग्रहण के 30 किसानों के साथ अवाणी ग्राम के वार्ड पंच प्रकाश गमेती, अलर्ट संस्थान के प्रतीक्षा मेहता एवं उषा गमेती ने भाग
फसल बीमा जागरूकता कार्यक्रम
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