देश को पानीदार बनाना है तो भूजल के डिस्चार्ज की तुलना में अधिक रिचार्ज करने के प्रबंध करने होंगे

उदयपुर। आज देश में भूजल चिंताजनक स्थिति में पहुंच गया है। भूजल का 85 प्रतिशत उपयोग उद्योग निर्माण एवं कृषि कार्यों में अधिक दोहन करने  वाले आधुनिक संसाधनों  के उपयोग से हो रहा है। अब केवल भारत में 28 प्रतिशत भूजल बचा है जो आने वाले 7 वर्षों में खत्म होने के कगार पर जा सकता है, क्योंकि अभी भी देश में भूजल रिचार्ज के लिए किए जाने वाले प्रयास बहुत कम है। ये विचार जलपुरुष मैगसेसे पुरस्कार विजेता राजेंद्र सिंह ने खोजयात्रा के दौरान समुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। यह यात्रा सुखाड़ -बाढ़ विश्व जन आयोग द्वारा  25 दिसंबर से 3 जनवरी तक हो रही है।
गिर्वा के बछार गांव में जन संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें  ग्रामीण महिलाओं और किसानों ने क्षेत्र में किए गए जल संरक्षण कार्यों की जानकारी दी। इसमें महान सेवा संस्थान के राजेंद्र गामठ ने अतिथियों का स्वागत किया और संस्थान द्वारा किए गए विभिन्न जल संरक्षण कार्यों की जानकारी दी। संवाद में राजेंद्र सिंह ने कहा कि आज के समय में भाग्यशाली और धनवान वही व्यक्ति है जिसके पास पानी है। दोपहर बाद खोजयात्रा अलर्ट संस्थान के गोगुंदा क्षेत्र के बगडुंदा,नाल, मोखी गांव पहुंची। संस्थान के संस्थापक बी. के. गुप्ता ने संस्थान कार्यालय पर स्वागत किया एवं  संस्थान  द्वारा गोगुंदा अरावली पर्वतमाला क्षेत्र में विगत 3 दशकों में समुदाय की सक्रिय सहभागिता एवं  संस्थान की सहयोगी संसाधन संस्थाओं के साथ प्राकृतिक संसाधनों के विकास, रखरखाव एवं जल संरक्षण संबंधी कार्यों के प्रभावों को साझा किया। संस्थान अध्यक्ष जितेंद्र मेहता ने बताया कि संस्थान ने जल संरक्षण के लिए कई धोरों  को सुधारा है। नाडिय़ां  तैयार की गई हैं और एनीकट बनाकर जल को रोका है जिससे किसानों को जल उपलब्ध हुआ है और खेती की पद्धतियों में भी सुधार आया है। जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने कहा कि इस तरह के प्रयास दुनिया में सभी जगह करने की आवश्यकता है क्योंकि कम लागत एवं पारंपरिक तरीकों से ही जल बचाना अधिक स्थाई होता है। खेत का पानी खेत में, गांव का पानी गांव में रोकना होगा तभी गांव आत्मनिर्भरता भी की ओर बढ़ सकते हैं। आज प्रकृति से ही गांव में समृद्धि लाने के तरीके ढूंढऩे की जरूरत है। हर घर में बीज भंडार, खुद के खाद बनाने आदि के कार्य करने होंगे और केंद्रीय कृत जल प्रणाली को अपनाना होगा। नदी तालाब पर भूमाफिया लोग कब्जा कर चुके हैं और वे विलुप्त प्राय होते जा रहे हैं। उन्हें बचाकर पुनर्जीवित करना होगा तभी सभी को जल उपलब्ध हो सकेगा। इस यात्रा में महान सेवा संस्थान के अध्यक्ष राजेंद्र का गामठ , ललित जोशी,  डी. एस. के तकनीकी विशेषज्ञ मनीष शर्मा, अलर्ट संस्थान के अध्यक्ष जितेंद्र मेहता, बी.के. गुप्ता, जैसलमेर के स्थानीय पर्यावरण कार्यकर्ता चतरसिंह एवं अलवर की डॉ. इंदिरा खुराना, अशोक खुराना, पारस आदि मौजूद थे।

Related posts:

Ather Energy strengthens its presence in Rajasthan, opens its first retail outlet  in Udaipur

Hindustan Zinc partners with Institute of Chartered Accountant of India for the National Conference ...

नेस्ले इंडिया के प्रोजेक्ट जागृति ने देश भर में स्वस्थ जीवनशैली का बढ़ावा देते हुए पूरे किए सात साल

वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना : उदयपुर से अयोध्या व रामेश्वरम के लिए रवाना हुई ट्रेन

पिम्स में दाहिने फैंफड़े की गांठ का सफल उपचार

हिंदुस्तान जिंक द्वारा विद्यार्थियों को मास्क तथा पंचायत, विद्यालयों और आगंनबाड़ी केंद्रों पर कोविड ...

Hindustan Zinc organizes Lake Cleaning Drive at Fatehsagar

तेरापंथ समाज ने मनाया 264 वाँ तेरापंथ स्थापना दिवस

श्री नाकोड़ा ज्योतिष संस्थान में सुंदरकांड पाठ का आयोजन

दुग्ध उत्पादक कंपनियो से जुड़े 1.10 लाख से अधिक डेयरी किसानों ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

पिम्स के विद्यार्थियों का फेमिली अडॉप्शन प्रोग्राम के अंतर्गत धोल की पाटी में विजिट

Banasthali Vidyapith Girls explore Study Abroad opportunities by attending a seminar on"Chase your D...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *