उदयपुर। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी), नई दिल्ली ने देश के उच्च शिक्षा संस्थानों को 12 अगस्त को एंटी रैगिंग दिवस और 12 से 18 अगस्त तक एंटी रैगिंग सप्ताह मनाने का निर्देश दिया। राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद (एनएमसी) ने भी सभी मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों को एंटी-रैगिंग डे और एंटी-रैगिंग वीक सेलिब्रेशन-2023 के हिस्से के रूप में गतिविधियां शुरू करने का निर्देश दिया है। यूजीसी ने देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में रैगिंग की समस्या को रोकने के लिए नियम बनाए हैं। सभी उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए इन नियमों को लागू करना अनिवार्य है। एंटी-रैगिंग दिवस/सप्ताह-2023 मनाने के लिए यूजीसी द्वारा सुझाई गई गतिविधियों में एंटी-रैगिंग पर ओरिएंटेशन कार्यक्रम, स्लोगन बनाना, निबंध लेखन, पोस्टर बनाना, लोगो बनाना, रैलियों का आयोजन, कार्यशालाओं और सेमिनारों का आयोजन, जागरूकता जैसी विभिन्न प्रतियोगिताओं, लघु फिल्म और वृत्तचित्र आदि शामिल हैं।
पेसिफिक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, पीआईएमएस उमरड़ा में कार्यक्रमों और गतिविधियों को आयोजित करने की जिम्मेदारी सामुदायिक चिकित्सा विभाग को दी गई है। डॉ. मेहुल पटेल, सहायक प्रोफेसर, सामुदायिक चिकित्सा ने अन्य शिक्षकों और कर्मचारियों के सहयोग से कार्यक्रमों का समन्वय किया। कार्यक्रम के दौरान तृतीय वर्ष के पार्ट-1 एमबीबीएस छात्रों के लिए पोस्टर और स्लोगन प्रतियोगिता और एंटी-रैगिंग पर सेमिनार आयोजित किया गया। सेमिनार की अध्यक्षता डॉ. सुरेशचंद्र गोयल, प्रिंसिपल एवं नियंत्रक, पीआईएमएस, उमरड़ा ने की। डॉ. दिलीपकुमार पारीक प्रोफेसर और प्रमुख, सामुदायिक चिकित्सा विभाग, डॉ. प्रणवकुमार, एसोसिएट प्रोफेसर, फोरेंसिक मेडिसिन और टॉक्सिकोलॉजी और डॉ. चिंतन दोशी एसोसिएटेड प्रोफेसर, फार्माकोलॉजी विभाग, पीआईएमएस के एंटी-रैगिंग कमिटी के सदस्यो ने छात्रों को संबोधित किया।
उन्होंने उच्च शिक्षण संस्थानों में रैगिंग रोकने के लिए यूजीसी की गाइडलाइन और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की जानकारी दी और छात्रों पर रैगिंग के शारीरिक, मानसिक और मनोवैज्ञानिक प्रभावों पर प्रकाश डाला। सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्देशित संभावित कानूनी परिणाम जो रैगिंग मे दोषी पाने वाले छात्रों की निरंतर शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं, उसके बारे में भी बताया गया। इसके अलावा एमबीबीएस बैच-2022 के छात्रों को रैगिंग से संबंधित दो लघु फिल्में भी दिखाई गईं। कार्यक्रम के दौरान पोस्टर एवं स्लोगन मेकिंग प्रतियोगिता के विजेताओं को प्राचार्य एवं नियंत्रक द्वारा प्रमाण पत्र दिये गये। कार्यक्रम में छात्रों ने उत्साह और उत्सुकता दिखाई। वरिष्ठ छात्रों ने खासकर जब नए एमबीबीएस 2023 बैच के छात्र कॉलेज में आएंगे तब पूरे परिसर में रैगिंग विरोधी संदेश फैलाने की सहमति दी और पूरे परिसर को रैगिंग फ्री परिसर बनाने का संकल्प किया।