टैफे ने कोरोना के दौरान छोटे किसानों के 100,000 एकड़ की कराई मुफ़्त खेती

उदयपुर। टैफे भारत की दूसरी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी ट्रैक्टर निर्माता कंपनी (संख्यानुसार), ट्रैक्टर्स एंड फार्म इक्विपमेंट लि. ने 1 अप्रैल, से राजस्थान, उत्तरप्रदेश और तमिलनाडु में किसानों के लिए, अपने जेफार्म सर्विसेज़ प्लेटफॉर्म के माध्यम से, मुफ्त ट्रैक्टर रेंटल सेवा शुरू की थी। 90 दिनों के लिए चलाई जा रही यह सेवा 30 जून, 2020, तक जारी रहेगी। इस स्कीम को किसान समुदाय से अति उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली और इसके लागू होने के 60 दिनों के अंदर ही 100,000 एकड़ से अधिक में खेती का कार्य हुआ। इस रेंटल सेवा से फसल के महत्वपूर्ण मौसम में हजारों किसानों को लाभ हुआ है। टैफे द्वारा इस सामाजिक पहल का उद्देश्य किसान समुदाय को कोविड-19 के आर्थिक प्रभाव से बचाना है, तथा रबी की महत्वपूर्ण फसलों की कटाई और खरीफ की फसलों की तैयारी के मौसम के दौरान छोटे और सीमांत किसानों की आजीविका पर कोरोना वायरस के प्रभाव को कम करना है।
टैफे ने मैसी फग्र्यूसन और आयशर ट्रैक्टर के 18,000 ग्राहकों, और लगभग 75,000 कृषि उपकरण मालिकों के साथ जेफार्म सर्विसेज़ की मुफ़्त ट्रैक्टर रेंटल स्कीम लॉन्च की, ताकि कल्टिवेटर, रोटरी टिलर, डक-फुट कल्टिवेटर, डिस्क हल, डिस्क हैरो, मोल्ड बोर्ड हल, थ्रेशर और कई अन्य उपकरणों को उपलब्ध कराया जा सके। लोकप्रिय मांग के चलते, जेफार्म सर्विसेज़ प्लेटफार्म ने ट्रैक्टर एवं कृषि उपकरणों में वृद्धि दर्ज करते हुए, 38,900 मैसी फग्र्यूसन और आयशर ट्रैक्टर्स, तथा 1,06,500 उपकरणों का पंजीकरण, किराए पर उपलब्ध कराने हेतु किया। टैफे ने राजस्थान, उत्तरप्रदेश और तमिलनाडु के राज्य सरकारों के कृषि विभागों से मिले प्रशासनिक समर्थन के साथ, छोटे और सीमांत किसानों के लिए इस मुफ्त ट्रैक्टर रेंटल स्कीम को सफलतापूर्वक लागू किया। जेफार्म सर्विसेज़ के माध्यम से किराए पर ट्रैक्टर देने का लागत मूल्य, टैफे द्वारा सीधे किसानों को अदा किया गया। इससे ट्रैक्टर मालिकों को अपनी आय बढ़ाने में काफी मदद मिली है, जिसका ट्रैक्टर मालिकों और छोटे किसानों, दोनों ने स्वागत किया है।
ओमप्रकाश (आई.ए.एस) – एग्रिकल्चर कमिशनर, डिपार्टमेंट ऑफ़ एग्रिकल्चर, राजस्थान सरकार ने कहा कि राजस्थान के किसानों को मुफ़्त किराए के आधार पर मैसी फग्र्यूसन और आयशर ट्रैक्टर प्रदान करने की टैफे की इस अनूठी पहल को कृषक समुदाय द्वारा गहराई से सराहा गया है। छोटे किसान अपनी फसलों की कटाई और नए सत्र के लिए रोपण करने के लिए कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण संकट की स्थिति में थे। यह योजना सबसे उपयुक्त समय पर उनके हित में आई, जिससे उन्हें अपने कृषि संचालन कार्यों में मदद मिली और ट्रैक्टर किराए के माध्यम से आय भी हुई।
नागौर के एक छोटे किसान जेठाराम ने बताया कि जब लॉकडाउन लागू हुआ तब मेरे पास 2.5 एकड़ का गेहूं कटाई के लिए तैयार था, और मैंने इस सीजन में अपनी फसल पाने की सभी उम्मीदें खो दी थीं। मेरे गांव के एक किसान, जिनके पास मैसी फग्र्यूसन ट्रैक्टर है, उन्होंने टैफे के जेफार्म सर्विसेज़ एॅप पर मुझे पंजीकरण करने में मदद की, जिससे मेरी फसलों की कटाई और थ्रेशिंग सही समय पर, एकदम नि:शुल्क हुई। इस कठिन समय में मेरी और अन्य किसानों की मदद करने के लिए मैं टैफे के प्रति अपना आभार व्यक्त करता हूं। अजमेर के एक अन्य किसान नंदलाल कुमावत ने कहा कि कि हमें कोरोना महामारी के दौरान टैफे से भारी मदद मिली। टैफे की मुफ़्त ट्रैक्टर रेंटल सेवा के अंतर्गत, मैंने अपने खेतों की नि:शुल्क जुताई करवाई। इस स्कीम से मेरे गाँव पीसांगन के कई छोटे किसानों को खेतों की जुताई और कटाई में मदद मिली है। भरतपुर के किसान विजेंद्र सिंह, जो मैसी फग्र्यूसन ट्रैक्टर के मालिक हैं, ने कहा कि टैफे की मुफ़्त ट्रैक्टर रेंटल स्कीम बहुत ही अनोखी है। इस स्कीम के अंतर्गत, मैंने जेफार्म सर्विसेज़ प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपने मैसी ट्रैक्टर को किराए पर दिया और अपने गाँव के 15-20 खेतों की जुताई की। मैं राजस्थान के सभी किसानों की ओर से टैफे को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिससे किसानों का बहुत लाभ हुआ है। झालावाड़ के एक अन्य किसान और आयशर ट्रैक्टर के मालिक कैलाशचंद ने बताया कि जेफार्म सर्विसेज़ की फ्री ट्रैक्टर रेंटल स्कीम के अंतर्गत मैंने अपने आयशर ट्रैक्टर और थ्रेशर, कल्टीवेटर, मोल्ड बोर्ड हल और अन्य उपकरणों के साथ 50 से अधिक किसानों को सेवा प्रदान की है। मैंने अपनी किराये की राशि सीधे टैफे द्वारा अपने खाते में प्राप्त की। वर्तमान वैश्विक महामारी के समय में, जिन किसानों को मैंने यह सेवा प्रदान की, वे सभी किसान मुफ़्त सेवा पाकर प्रसन्न हैं। इस स्कीम के कारण, कोविड-19 की इस प्रतिकूल परिस्थिति में भी, मेरी किराए की कमाई में काफी वृद्धि हुई है। इस शानदार पहल के लिए मैं टैफे और जेफार्म सर्विसेज़ को धन्यवाद देता हूं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *