पिम्स हॉस्पिटल में ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

उदयपुर। पेसिफिक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (पिम्स) हॉस्पिटल उमरड़ा में शनिवार को ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता कैंसर सर्जन डॉ. शैलेष पाटीदार एवं कैंसर फिजिशियन डॉ. सचिन जैन थे। इस अवसर पर वाइस चांसलर डॉ. जे. के. छापरवाल, प्रिंसिपल डॉ. सुरेश गोयल, मेडिकल सुप्रीडेंटेंट डॉ. चंदा माथुर तथा डॉ. कमलेश शेखावत उपस्थित थे।
डॉ. शैलेष पाटीदार ने बताया कि अक्टूबर में प्रतिवर्ष ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता माह मनाया जाता है। ब्रेस्ट कैंसर किसी को भी प्रभावित कर सकता है लेकिन महिलाओं में यह मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है। महिलाओं को यदि ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरूक किया जाए तो ज्यादार महिलाएं खुद का बचाव कर इस घातक बीमारी से बच सकती हैं। डॉ. पाटीदार ने बताया कि डब्ल्यूएचओ के अनुसार स्तन कैंसर महिलाओं को होने वाला सबसे आम कैंसर है और मौतों का लगभग 15 प्रतिशत है। ब्रेस्ट कैंसर का खतरा उम्र के साथ बढ़ता है। यह रोग आनुवांशिक भी है। जिन महिलाओं में स्तन कैंसर का निदान किया जा चुका है उन्हें इस बीमारी के होने की संभावना अधिक होती है। अधिक वजन वाली महिलाओं, शराब का अधिक सेवन, अधिक मात्रा में गर्भ निरोधक लेने, मासिक धर्म की जल्दी शुरूआत होने, अधिक उम्र में मां बनने, खराब लाइफस्टाइल, असंतुलित खानपान भी स्तन कैंसर के कारण बनते हैं।
डॉ. सचिन जैन ने बताया कि स्तन में या बगल में गांठ होना, स्तन की त्वचा का लाल होना, स्तर के आकार में बदलाव होना, निप्पल का लाल होना या उल्टा होना, निप्पल से खून जैसा तरल पदार्थ निकलना, स्तन या निप्पल में जलन या सिकुडऩ होना ब्रेस्ट कैंसर के प्रमुख लक्षण है। डॉ. जैन ने बताया कि कैंसर की चार स्टेज होती हैं। स्टेज 0 से स्टेज 1 दोनों के लिए पांच साल जीवित रहने की दर 100 प्रतिशत, स्टेज 2 और 3 स्तन कैंसर के लिए पांच साल जीवित रहने की दर क्रमश: 93 और 72 प्रतिशत तथा स्टेज 4 वाले मरीज में केवल 22 प्रतिशत तक जीवित रहने की संभावना रहती है।
डॉ. जैन ने बताया कि वजन को कंट्रोल कर ब्रेस्ट कैंसर से बचा जा सकता है। इसके अलावा नियमित व्यायाम, फिजिकल एक्टिविटी, योगा, मेडिटेशन, संतुलित खानपान, फल और सब्जियों का ज्यादा सेवन, शराब, स्मोकिंग बंद करके, 40 की उम्र के बाद वार्षिक मैगोग्राफ स्क्रीनिंग, नैदानिक स्तन परीक्षण, किसी भी बदलाव की निगरानी और समय पर इलाज से ब्रेस्ट कैंसर से बचा जा सकता है।

Related posts:

तिलहन उत्पादन में भारत को आत्मनिर्भर बनाने में सरसों मॉडेल फार्म प्रोजेक्ट की महत्वपूर्ण भूमिका

विशाल नि:शुल्क 31वां पांच दिवसीय पंचकर्म चिकित्सा शिविर 3 जून से

श्रीजी प्रभु की हवेली का एक लाख एक मठड़ी का प्रसाद अयोध्या में राम भक्तों को किया जाएगा वितरित

कुराबड़ पंचायत समिति को सलूंबर में शामिल करने की संभावना पर जिला परिषद सीईओ को ज्ञापन सौंपा

Hindustan Zinc’s 1stedition of Vedanta Zinc City Half Marathon, a resounding success

गीतांजली में 75 वर्षीय वृद्ध महिला की देहदान

HDFC Bank To Set Up Medical Infrastructure For Covid-19 Relief

उदयपुर में 10वां अंचल स्तरीय जनजाति प्रतिभा सम्मान समारोह

Hindustan Zinc Ranks ‘A-’ in Climate Change and Water Security by CDP

काया उमावि ने शुरू किया ‘मेरा गांव मेरी जिम्मेदारी’ अभियान

देश के युवा महाराणा प्रताप के हाथी रामप्रसाद से सर्वस्व न्योछावर करने की जीवंत प्रेरणा लें : डॉ. लक्...

वेदांता दिल्ली हाफ मैराथन के सहयोग में जिंक परिवार के 1600 से अधिक सदस्य बने प्रतिभागी