कानोड़ से निकला तपस्वियों का भव्य वरघोड़ा
उदयपुर । झीलों की नगरी उदयपुर स्थित आयड तीर्थ से कानोड राजपुरा आदेश्वरजी तीर्थ के लिए परम पुज्य आचार्यश्री पद्मभूषण रत्न सुरीश्वरजी महाराज, परम पूज्य आचार्यश्री निपुण रत्नसुरीश्वरजी महाराज की पावन निश्रा में 4 मई से निकली छ:री पालीत संघ यात्रा गुरूवार को कानोड राजपुरा आदेश्वरजी तीर्थ धाम में मंगल प्रवेश के साथ ही सम्पन्न हुई। यात्रा के संयोजक अजय पोरवाल ने बताया कि कानोड़ से यात्रा संघ के संघपति प्रवीण कुमार प्रकाश चंद्र पोरवाल के नेतृत्व एवं गुरूभगवन्तों के सानिध्य में प्रात:कालीन वेला में संघस्थ 456 साधु भगवन्न्त एवं वर्षीतप करने वाले तपस्वी विशाल छ:री पालीत यात्रा के साथ कानोड़ से मंगल प्रस्थान किया। यात्रा में तपस्यिों का बैण्डबाजों के साथ भव्य वरघोड़ा निकाला गया। पूरे कानोड़ संघ ने गुरूभगवन्तों का आशीर्वाद लेते हुए तपस्वियों का अभिनन्दन किया। परम पुज्य आचार्यश्री पद्मभूषण रत्न सुरीश्वरजी महाराज, परम पूज्य आचार्यश्री निपुण रत्नसुरीश्वरजी महाराज की पावन निश्रा में सभी तपस्वियों के संघ की ओर से चरण पखारे गये और उनका स्वागत अभिनन्दन किया गया।
पोरवाल ने बताया कि कानोड़ से राजपुरा आदेश्वर जी तीर्थ के एक किलोमीटर लम्बे रास्ते में समाजजनों एवं श्रद्धालुओं की इतनी रैलपेल रही कि वहां पांव धरने तक की जगह नहीं मिली। भीषण गर्मी के बावजूद श्रद्धालु समाजजनों का उत्साह इस चरम पर था कि तपते धूल भरे पूरे रास्ते में वह बैण्डबाजों की भक्ति र वाली मधुर धुनों पर नाचते गाते हुए चलते रहे।
पोरवाल ने बताया कि सभी तपस्वियों के लिए अलग- अलग बग्घ्यिां तैयारी की गई और उन्हें अलग- अलग बग्घ्यिों में विराजमान कर कानोड़ से आदेश्वरजी तीर्थ धाम तक वरघोड़े एवं भव्य शोभायात्रा के साथ पहुंचाया गया। इस दौरान पूरा आदेश्वरजी तीर्थ भक्तिमयी हो गया। सभी श्रद्धालुओं में आदेश्वरजी तीर्थ के दर्शन करने की होड़ मच गई। पोरवाल के अनुसार सात हजार से ज्यादा श्रद्धालु वरघोड़े के साथ आदेश्वरजी तीर्थ धाम पहुंचे एवं तीर्थ स्थल के दर्शन किये।
मन्दिरजी पर चढ़ाई ध्वजा
आदेश्वर तीर्थ धाम पहुंचने के बाद एक के बाद कई धार्मिक एवं विविध अनुष्ठान हुए। सबसे पहले सिंघवी प्रकाशचन्द्र प्रवीण कुमार हितेष जैन ने मन्दिरजी पर ध्वजा चढ़ाने का मंगल अनुष्ठान सम्पन्न किया। इसी दौरान आदेश्वर भगवान के 18 अभिषेक, पूजन एवं भव्य आरती हुई।
भव्य माला महोत्सव में संघपति की उपाधि
पोरवाल ने बताया कि इन सभी धार्मिक विधिविधान एवं अनुष्ठानों के बाद मन्दिरजी प्रांगण में बनाये गये विशाल पाण्डाल में भव्य माला महोत्सव हुआ। महोत्सव में गुरूवन्दना, मंगलाचरण, प्रार्थना एवं संगीतमयी कई आयोजन हुए। माला महोत्सव में ही गुरू भगवन्त ने प्रवचन देते हुए कहा कि आज प्रवीण कुमार प्रकाश चंद्र पोरवाल का एक सपन साकार हुआ है। इतनी भीषण गर्मी में उदयपुर से कानोड़ राजपुरा तक का लम्बा सफर तपस्वियों के साथ पैदल करना अपने आप में ही अद्भुत है। पूरे मार्ग में इतनी सुन्दर व्यवस्था ने भी तपस्वियों का हौंसला बढ़ाया। सपने हमेंशा बन्द आंखों से देखे जाते हैं लेकिन उन सपनों को साकार करना है तो दोनों आंखों के साथ ही हाथों को भी खोलना पड़ता है। जीवन में जो भी संकल्प लें उन्हें पूरा करने की कोशिश करें। वह जरूर पूरा होगा। आज इस यात्रा संघ का स्वागत कर कानोड़ संघ भी धन्य हो गया।
माला महोत्सव में प्रवीण कुमार प्रकाश चंद्र हितेष पोरवाल को गुरू भगवन्तों के सानिध्य, पूरे संघ एवं समाज की उपस्थिति में संघपति की उपाधि प्रदान की गई। उन्हें अभिनन्दन पत्र भेंट किया। इसके बाद गुरू भगवन्तों ने उन्हें आशीर्वाद दिया एवं समाज की और से उनका बहुमान किया गया। इस समूचे धार्मिक आयोजन का संचालन संगीतमयी प्रस्तुतियों साथ दीपक करणपुरिया प्रतापगढ़ ने किया। मेवाड़ में अब तक का सबसे भव्य एवं इतनी बड़ी छ:री पालीत संघ यात्रा का पहला आयोजन होने के कारण पूरे मेवाड़ सम्भाग के साथ ही देश के विभिन्न क्षेत्रों से समाजजनों के पहुंचे।