घटनास्थल का किया दौरा, पीड़ित परिवारों को बंधाया ढांढस
घटना की पूर्ण जांच तथा पेयजल प्रबंधन के दिए निर्देश
पोपल्टी में चार लोगों की मृत्यु का मामला
उदयपुर। जिले की नाई ग्राम पंचायत के पोपल्टी गांव में कथित तौर पर दूषित पानी पीने से दो बच्चों सहित चार लोगों की मृत्यु होने तथा अन्य लोगों के बीमार होने की सूचना पर जिला कलक्टर अरविन्द पोसवाल तथा उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा रविवार को मौके पर पहुंचे।
जिला कलक्टर और विधायक ने घटनास्थल पर पहुंच कर जानकारी ली। पीड़ित परिवारों को ढांढस बंधाया। साथ ही अस्पताल पहुंच कर बीमार लोगों की कुशलक्षेम पूछी। सीएचसी नाई में भर्ती मरीजों को जिला कलक्टर के निर्देशन पर एहतियातन एमबी अस्पताल रैफर किया गया। साथ ही मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ शंकर बामणिया सहित अन्य चिकित्सकों और स्टाफ से बीमारों के उपचार को लेकर जानकारी लेते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बाद में जिला कलक्टर व विधायक एमबी अस्पताल भी पहुंचे और मरीजों के उपचार के संबंध में जानकारी ली।

पनघट लगाने की घोषणा, आर्थिक सहायता भी मिलेगी :
जिला कलक्टर व विधायक ने उस स्थल का भी जायजा लिया, जहां से ग्रामीणों की ओर से पीने का पानी लिए जाने की बात कही जा रही है। विधायक ने मृतकों के परिवारजनों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराए जाने का आश्वासन दिया। साथ ही पानी के दूषित होने के कारणों का पता लगाने के लिए विभागीय जांच कराने की भी बात कही। जिला प्रशासन से ग्रामीणों की पेयजल सुविधा के लिए तत्काल पानी के टेंकर एवं कैम्पर्स की व्यवस्था करने को कहा। साथ ही विधायक मीणा ने पीने के पानी की स्थाई व्यवस्था के लिए पनघट लगाने की घोषणा की।
उल्लेखनीय है कि पोपल्टी गांव में कथित तौर पर दूषित पानी पीने से दो बच्चों सहित चार लोगों की मृत्यु होने तथा कुछ अन्य लोगों के बीमार होने की सूचना मिली थी। सीएमएचओ डॉ बामणिया के नेतृत्व में चिकित्सा टीमों ने घर-घर सर्वे कर बीमार लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया। उनका उपचार जारी है तथा स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है।
1575 लोगों की जांच, 32 बीमार मिले :
सीएमएचओ डॉ शंकर एच बामनिया ने बताया कि डिप्टी सीएमएचओ डॉ अंकित जैन, बीसीएमओ डॉ पृथ्वीराज ज़िंगर के नेतृत्व में पोपल्टी में 5 मेडिकल टीमें लगातार सर्वे कर रही है। दो दिन के दरम्यान कुल 1575 लोगों की जांच की गई। इनमें से 32 लोगों को पेट दर्द और उल्टी-दस्त की शिकायत थी। इनमें से 13 बच्चे और 15 वयस्क मरीजों को सीएचसी नाई में उपचार के बाद जिला कलक्टर के निर्देश पर एहतियातन एमबी अस्पताल रैफर किया गया है। सामान्य लक्षण वाले रोगियों को सब सेंटर पर स्थापित मेडिकल कैम्प में डॉ हरीश गुर्जर तथा सीएचसी नाई में डॉ मीठालाल मीणा के नेतृत्व में उपचार किया गया। मौक पर 108 की दो बेस एम्बुलेंस के साथ एक एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए लगाई गई है।
नमूने जांच के लिए भेजे :
सीएमएचओ डॉ. बामनिया ने बताया कि पेट दर्द और उल्टी-दस्त की शिकायत से शनिवार को दो बच्चों सहित तीन लोगों की मृत्यु हुई थी। वहीं एक युवक ने शनिवार देर रात दम तोड़ दिया। मृतक का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया है। वहीं मृत्यु के वास्तविक कारणों का पता लगाने के लिए विसरा के सैंपल लेकर जाँच के लिए भेज दिया। इसके अलावा पानी का सैंपल और भर्ती मरीजों से वॉमिट्स और स्टूल के सैंपल भी जांच के लिए भेजे गए हैं। सर्वे टीम ने जल के अन्य स्रोत जैसे कुओं, ट्यूबवेल, पनघट का ब्लीचिंग के द्वारा शुद्धीकरण किया। जिस जल स़्त्रोत का पानी पीने से लोग बीमार हुए उसे अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।