एनर्जी कंजर्वेशन दिवस व इंजीनियर वाई एस सरदालिया मेमोरियल स्मृति व्याख्यान का आयोजन

उदयपुर। दि इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स इंडिया उदयपुर लोकल सेंटर द्वारा एनर्जी कंजर्वेशन दिवस व इंजी वाई एस सरदालिया स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया गया।  प्रारम्भ में दि इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स इंडिया उदयपुर लोकल सेंटर के अध्यक्ष इंजी. पुरुषोत्तम पालीवाल ने ऊर्जा संरक्षण पर अपने विचार रखते हुए बताया कि पर्यावरण संरक्षण ऊर्जा की खपत एवं ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन को कम करके जलवायु परिवर्तन को कम करने में मदद मिलती है और ऊर्जा संरक्षण आने वाली पीढिय़ों के लिए एक स्थायी भविष्य सुनिश्चित करता है। उन्होंने इंजी. वाई एस सरदालिया के महान व्यक्तित्व का नमन कर उनकी याद में प्रति वर्ष उदयपुर लोकल सेन्टर द्वारा आयोजित मेमोरियल लेक्चर के बारे में बताया।
दि इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स इंडिया उदयपुर लोकल सेंटर के मानद सचिव इंजी. पीयूष जावेरिया ने बताया कि ऊर्जा संरक्षण दिवस का उद्देश्य ऊर्जा के कुशल उपयोग और ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने में व्यक्तियों उद्योगों और सरकारों की भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। यह नवीन प्रौद्योगिकियों को अपनाने की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है जो ऊर्जा की खपत को कम करते हैं और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करते हैं।
मुख्य अतिथि इंजी. बी एल खमेसरा पूर्व प्रबंध निदेशक जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने बताया कि ऊर्जा संरक्षण केवल हमारे मानव व्यवहार और बिजली के कम उपयोग को नियंत्रित करने के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत में जहां प्रति 1000 व्यक्तियों पर 30 कारें हैं और विकसित देशों में प्रति 1000 व्यक्तियों पर 900 कारें है उन्होंने कहा कि अगले दो दशकों में वैश्विक स्तर पर बिजली की मांग में 25 की वृद्धि होगी। और मांग को पूरा करने के लिए ऊर्जा कुशल उपकरणों में करनी होगी सौर ऊर्जा और पवन टर्बाइन को बढ़ावा देना होगा और वैश्विक शुद्ध शून्य उत्सर्जन पर गंभीरता से अमल करना होगा।
मुख्य वक्ता इंजीनियर विवेक गुप्ता निदेशक मल्टी सोलियूशन अहमदाबाद ने बताया कि ऊर्जा संरक्षण कई प्रकार की क्रियाओं के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है यथा लाइट और उपकरण बंद करनाए उपयोग में न होने पर लाइट और इलेक्ट्रॉनिक्स को बंद करना ऊर्जा कुशल उपकरणों का उपयोग करना ऊर्जा कुशल लाइट और उपकरण स्थापित करने से ऊर्जा की खपत को कम करने में मदद मिल सकती है घर के इन्सुलेशन में सुधार यह सुनिश्चित करना कि आपके घर का उचित रूप से इन्सुलेशन हो जो ऊर्जा संरक्षण में मदद कर सकता है। स्मार्ट थर्मोस्टेट का उपयोग करना एक स्मार्ट थर्मोस्टेट आपके घर के ऊर्जा उपयोग का प्रबंधन करने में आपकी मदद कर सकता है। टाइमर का उपयोग करना सजावटी रोशनी के लिए टाइमर का उपयोग ऊर्जा संरक्षण में मदद कर सकता है । उपकरणों को अनप्लग करनार जब उपकरण उपयोग में न हों तो उन्हें अनप्लग करने से ऊर्जा संरक्षण में मदद मिल सकती है। उन्होंने बताया कि ऊर्जा संरक्षण विभिन्न प्रकार की क्रियाओं के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है यथा ऊर्जा ऑडिट कर ऊर्जा ऑडिट एक ऐसी प्रक्रिया है जो आपको यह निर्धारित करके ऊर्जा संरक्षण में मदद कर सकती है कि किसी भवन या संयंत्र में कब कहाँ क्यों और कैसे ऊर्जा का उपयोग किया जाता है और उन क्षेत्रों की पहचान की जाती है जहाँ ऊर्जा दक्षता में सुधार किया जा सकता है नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग कर उपयोगिता कंपनी पर मांग को कम करने और पैसे बचाने के लिए पवन सौर और बायोमास जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग कर कर्मचारियों को प्रशिक्षित कर प्रकाश भार को नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों में स्थानांतरित करके पीक लोड को कम कर उच्च दक्षता वाले बॉयलर स्टीम सिस्टम भट्टियां इन्सुलेशन सिस्टम अपशिष्ट ऊष्मा रिकवरी सिस्टम बिजली वितरण प्रणाली मोटर्सए प्रकाश व्यवस्था डीजी सेट ग्रीन बिल्डिंग जल और अपशिष्ट जल प्रणाली का उपयोग कर के उर्जा का संरक्षण किय जा सकता है।
वक्ता डॉ विष्णु अग्रवाल प्रोफेसर मैकेनिकल इंजीनियर गीतांजलि इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल स्टडीज उदयपुर ने बताया कि ऊर्जा संरक्षण में आ रही समस्याओं यथा संसाधनों के कुशल उपयोग के परिणामस्वरूप ऊर्जा की बर्बादी होती है कोयले की राख में आर्सेनिक कैडमियम और पारा जैसे प्रदूषक होते हैं और इसका निपटान भूमि और पानी में किया जाना भारत के पास पारंपरिक ऊर्जा संसाधन सीमित हैं और वह अपनी ऊर्जा मांगों को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर है । उन्होंने बताया कि भविष्य की मांग को पूरा करने के लिए भारत ने ऊर्जा संरक्षण उपायों को लागू करना शुरू किया और तब से ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए एक स्पष्ट नीति स्थापित की है और गैर नवीकरणीय संसाधनों जैसे तेल गैस कोयला आदि जैसे जीवाश्म ईंधन पर हमारी निर्भरता को कम करने के लिए ऊर्जा संरक्षण महत्वपूर्ण है डॉ अग्रवाल ने बताया कि भारत ष्टश2 का तीसरा सबसे बड़ा वैश्विक उत्सर्जन है और इसके बिजली क्षेत्र की कार्बन तीव्रता वैश्विक औसत से ऊपर है ऊर्जा संरक्षण से जीवाश्म ईंधन की मांग कम हो जाती है जो जलवायु परिवर्तन में योगदान करते हैं भारत के पास पारंपरिक ऊर्जा संसाधन सीमित हैं और वह अपनी ऊर्जा मांगों को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर है। इंजी. खुशवन्त सिंह सरदालिया वरिष्ठ पुत्र ने स्वर्गीय इंजी वाई एस सरदालिया से सम्बंधित रोचक संस्मरण बताये और उनके द्वारा किये गए उल्लेखनीय कार्य के बारे में बताया। इस अवसर पर इंजी वाई एस सरदालिया के परिवार के सदस्यगण भी उपस्थित थे।
दि इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स इंडिया उदयपुर लोकल सेंटर द्वारा गरीब छात्रों के लिए छात्रवृत्ति कार्यक्रम का का आरंभ किया जिसमें एमएलवी टेक्सटाइल एंड इंजीनियरिंग कॉलेज भीलवाड़ा विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति वितरित की गई।
समारोह का गरिमामय संचालन तथा धन्यवाद ज्ञापन मानद सचिव इंजी पीयूष जावेरिया द्वारा किया गया।

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