स्वास्थ्य सेवाएँ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचनी चाहिए : ओम बिरला

लोकसभा अध्यक्ष ने गीतांजलि विश्वविद्यालय के वार्षिक दीक्षांत समारोह में की शिरकत
उदयपुर।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को उदयपुर में गीतांजलि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित किया। श्री बिरला ने छात्रों को उनकी शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए बधाई दी तथा शिक्षा और चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में गीतांजलि विश्वविद्यालय के योगदान की सराहना की। उन्होंने छात्रों को बताया कि उदयपुर और मेवाड़ दोनों वीरता, स्वाभिमान और बलिदान के पर्याय हैं और इसी प्रकार छात्रों को भी अपने जीवन में अपने मूल्यों पर अडिग रहना चाहिए।
शिक्षा के क्षेत्र में गीतांजलि विश्वविद्यालय के योगदान का उल्लेख करते हुए, श्री बिरला ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने और भावी पीढिय़ों के लिए एक मजबूत नींव तैयार करने की दिशा में विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। श्री बिरला ने इस बात की सराहना भी की कि संस्थान आधुनिक तकनीक और सुविधाओं से सुसज्जित 1500 बिस्तर वाले लोकप्रिय अस्पताल के माध्यम से लाखों लोगों को इलाज प्रदान कर रहा है और अपने आदर्श वाक्य ‘स्वास्थ्य की खुशी सबसे बड़ी खुशी’ की भावना को मूर्त रूप दे रहा है ।
श्री बिरला ने कहा कि आज, विशेष रूप से दुनिया भर में कोविड-19 महामारी के संदर्भ में, यह पेशा और अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। महामारी के दौरान दुनिया ने देखा कि स्वास्थ्य अधिकारियों ने निस्वार्थ भाव से सेवा करते हुए इस महामारी पर काबू पाने के लिए अथक प्रयास किए। श्री बिरला ने विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण हो रहे छात्रों से आग्रह किया कि अभी उन्होंने बिना किसी पक्षपात के मानवता की सेवा की जो शपथ ली है, उसका वे सदैव अनुपालन करें। उन्होंने कहा कि हमारे समाज में चिकित्सा विज्ञान की डिग्री को बहुत सम्मान के साथ देखा जाता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एक चिकित्सक के रूप में उन्हें समाज में अपनी भूमिका और योगदान के प्रति सचेत रहना चाहिए और जब तक स्वास्थ्य सेवाएँ समाज के अंतिम व्यक्ति तक नहीं पहुंच जाती, तब तक उन्हें इस दिशा में अथक प्रयास करते रहना चाहिए। उन्होंने छात्रों को समाज की भलाई और कल्याण में योगदान देकर अपनी शिक्षा का सदुपयोग करने की सलाह दी।
उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह उनकी कड़ी मेहनत, माता-पिता के बलिदान और उनके अध्यापकों के योगदान का परिणाम है। भारत में अनेक संभावनाएं और अवसर उपलब्ध हैं। यह युवाओं पर निर्भर करता है कि वे अपनी कड़ी मेहनत और नवाचार के माध्यम से इन संभावनाओं का उपयोग अपने विकास और राष्ट्र के विकास के लिए कैसे करते हैं। भारत को युवाओं से बहुत उम्मीदें हैं और युवाओं के पास इन उम्मीदों को पूरा करने की क्षमता, ऊर्जा और उत्साह है।
श्री बिरला ने छात्रों को सुझाव दिया कि वे हाल में स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में तेजी से हो रही प्रगति को देखते हुए नए उपचार, इलाज और प्रौद्योगिकियों की जानकारी रखें। एक डॉक्टर बनने के लिए आजीवन सीखने की आवश्यकता होती है क्योंकि उन्हें हर दिन नई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। देश के ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की तत्काल आवश्यकता है। श्री बिरला ने कहा कि युवा अपनी प्रतिभा और बौद्धिक क्षमता के साथ 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हैं और यह आशा व्यक्त की कि वे देश और राज्यों में स्वास्थ्य क्षेत्र की समस्याओं का समाधान करेंगे और लोगों की उम्मीदों पर खरे उतरेंगे।
श्री बिरला ने कहा कि हाल ही में की गई मंगोलिया यात्रा के दौरान, मंगोलिया के प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से भारतीय कोविड-19 टीकों और भारतीय हेल्थकेयर बुनियादी ढांचे की प्रशंसा की थी। श्री बिरला ने सुझाव दिया कि यदि स्वास्थ्य से संबंधित कोई भी विधेयक संसद या राज्य विधानसभा में पेश किया जाता है, तो युवाओं को इस बारे में अपने विचार व्यक्त करने चाहिए क्योंकि राष्ट्र को उनके ज्ञान और अनुभव से लाभ होगा।
इस अवसर पर एमबीबीएस, फार्मेसी, नर्सिंग, डेंटल, फिजियोथेरेपी के 42 गोल्ड मेडल्स एवं 511 ग्रेजुएट्स, पोस्ट ग्रेजुएट व पीएच.डी. विद्यर्थियों को डिग्रीयां प्रदान की गयी। साथ ही डॉ. सुनंदा गुप्ता, डॉ. ए.के गुप्ता एवं डॉ. अब्बास अली सैफी को उनके चिकित्सा क्षेत्र में अविस्मरणीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
समारोह में गीतांजलि विश्वविद्यालय उदयपुर के कुलाधिपति जे.पी. अग्रवाल, एम्स, नई दिल्ली के पूर्व निदेशक, पद्मश्री डॉ. रणदीप गुलेरिया, वाइस चेयरमैन कपिल अग्रवाल, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अंकित अग्रवाल, गीतांजली यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर डॉ. एफ एस मेहता, रजिस्ट्रार मयूर रावल उपस्थित थे।

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